कविता: हरिहर बाबा की अमर वाणी-🕉️🙏✨🛕🌸📿🎶🍲🍽️🪔📚🕊️🧍‍♂️🚩🚶‍♂️🗣️🧘‍♂️🌅💖

Started by Atul Kaviraje, July 01, 2025, 10:31:28 AM

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Atul Kaviraje

संत हरिहर बाबा पुण्यतिथि पर हिंदी कविता 📖

कविता: हरिहर बाबा की अमर वाणी

छंद 1:
आज है सोमवार, तीस जून है, 🌅 पंढरपूर में पावन दिन.
संत हरिहर बाबा की, ✨ पुण्यतिथि का आगमन.
विठ्ठल नाम से गूँज रहा, 🎶 हर मंदिर, हर घर का आँगन.
बाबा की कृपा से हो पूर्ण, 🙏 हर भक्त का पावन मन.

अर्थ: आज सोमवार, 30 जून है, पंढरपूर में यह एक पवित्र दिन है. यह संत हरिहर बाबा की पुण्यतिथि का आगमन है. विठ्ठल नाम से हर मंदिर और हर घर का आँगन गूँज रहा है. बाबा की कृपा से हर भक्त का पवित्र मन पूर्ण हो.

छंद 2:
वारकरी के तुम थे आधार, 🌟 विठ्ठल भक्ति का दीपक.
जन्म-मृत्यु के बंधन से, 💖 किया तुमने सबको मोचक.
नामस्मरन की दी शिक्षा, 📿 यही है कलयुग का सार.
हरिनाम से ही मिलते हैं, ✅ भवसागर से सब पार.

अर्थ: आप वारकरी संप्रदाय के आधार थे, विठ्ठल भक्ति के दीपक थे. आपने सभी को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त किया. नामस्मरन की शिक्षा दी, यही कलयुग का सार है. हरिनाम से ही सभी भवसागर से पार होते हैं.

छंद 3:
सेवा और समरसता का, 🤝 पाठ पढ़ाया तुमने भाई.
ऊँच-नीच का भेद मिटाया, 🕊� हर जन को दी अगुआई.
प्रसाद बँटा हर एक को, 🍲 प्रेम से सबने खाया.
भूखे-प्यासे को दिया अन्न, 🍽� यही था तेरा साया.

अर्थ: आपने सेवा और समरसता का पाठ पढ़ाया. ऊँच-नीच का भेद मिटाया और हर व्यक्ति को नेतृत्व दिया. प्रसाद सभी को बांटा गया, प्रेम से सबने खाया. भूखे-प्यासे को भोजन दिया, यही आपकी छाया थी.

छंद 4:
पंढरपूर की धरती पावन, 🛕 जहाँ विठ्ठल का धाम.
यहीं किया तूने तपस्या, 🧘�♂️ पाया तूने ऊँचा नाम.
तेरी गाथाएं गाते हैं, 🎶 कीर्तन करते हैं भक्त.
पावन तेरी समाधि पर, 🌸 मिटते सबके कष्ट.

अर्थ: पंढरपूर की धरती पवित्र है, जहाँ भगवान विठ्ठल का धाम है. यहीं आपने तपस्या की और ऊँचा नाम पाया. भक्त आपकी गाथाएं गाते हैं, कीर्तन करते हैं. आपकी पवित्र समाधि पर सभी के कष्ट मिटते हैं.

छंद 5:
आषाढ़ी-कार्तिकी की दिंडी, 🚩 लेकर चलता जन-समूह.
विठ्ठल-नाम का घोष करते, 🚶�♂️ मिटाते मन का हर मोह.
तेरी पादुकाओं के दर्शन, ✨ शक्ति देते हैं अपार.
पापों का नाश होता है, 💫 मिलता है जीवन में प्यार.

अर्थ: आषाढ़ी और कार्तिकी की दिंडी (पालकी यात्रा) में जनसमूह चलता है. वे विठ्ठल-नाम का घोष करते हैं, मन के हर मोह को मिटाते हैं. आपकी पादुकाओं के दर्शन अपार शक्ति देते हैं. पापों का नाश होता है और जीवन में प्यार मिलता है.

छंद 6:
प्रवचन तेरे अमृत वाणी, 🗣� ज्ञान की वर्षा करते.
अंधविश्वास को दूर करते, 💡 सच्चा मार्ग दिखलाते.
बच्चों को भी सिखाते हैं, 👨�👩�👧�👦 धर्म का पालन करना.
गुरुजनों का आदर करना, 🙏 बड़ों का सम्मान करना.

अर्थ: आपके प्रवचन अमृतवाणी हैं, जो ज्ञान की वर्षा करते हैं. आप अंधविश्वास को दूर करते हैं और सच्चा मार्ग दिखाते हैं. बच्चों को भी धर्म का पालन करना सिखाते हैं. गुरुजनों का आदर करना और बड़ों का सम्मान करना सिखाते हैं.

छंद 7:
पुण्यतिथि है आज बाबा की, ✨ जो थे सबके सहारे.
करोड़ों दिलों में बसते हैं, 💖 हरिहर बाबा हमारे.
जय जय कार हरिहर बाबा, 🚩 नाम तुम्हारा अमर रहे.
आपकी कृपा से हर प्राणी, 💫 सुख-शांति से जिए.

अर्थ: आज बाबा की पुण्यतिथि है, जो सबके सहारे थे. करोड़ों दिलों में बसते हैं हमारे हरिहर बाबा. हरिहर बाबा की जय-जयकार हो, आपका नाम अमर रहे. आपकी कृपा से हर प्राणी सुख-शांति से जिए.

प्रतीक और इमोजी (Symbols and Emojis)

ओम (ॐ): 🕉� - हिन्दू धर्म का पवित्र प्रतीक, आध्यात्मिकता और ब्रह्मांड का द्योतक.

दुआ करते हाथ: 🙏 - भक्ति, प्रार्थना और श्रद्धा का प्रतीक.

चमक: ✨ - दिव्यता, पवित्रता और शुभता का प्रतीक.

मंदिर: 🛕 - पवित्र स्थान, भक्ति और आराधना.

कमल का फूल: 🌸 - पवित्रता, सुंदरता और अर्पण (विठ्ठल को प्रिय).

माला: 📿 - मंत्र जाप और आध्यात्मिक साधना.

भजन/संगीत: 🎶 - भक्ति संगीत, कीर्तन.

भोजन/प्रसाद: 🍲🍽� - महाप्रसाद वितरण, सेवाभाव.

दीपक: 🪔 - ज्ञान, प्रकाश और आध्यात्मिक चेतना.

पुस्तकें: 📚 - ज्ञान, शिक्षा और संतों के उपदेश.

शांति का प्रतीक: 🕊� - शांति और सद्भाव.

भगवान विठ्ठल: 🧍�♂️ - पंढरपूर के मुख्य देवता, वारकरी संप्रदाय के आराध्य.

पालकी/झंडा: 🚩 - दिंडी यात्रा और भक्ति का प्रतीक.

चलने वाला व्यक्ति: 🚶�♂️ - वारकरी यात्रा का प्रतीक.

भाषण/संदेश: 🗣� - प्रवचन और उपदेश.

योग/ध्यान: 🧘�♂️ - तपस्या और आध्यात्मिक साधना.

उगता सूरज: 🌅 - नई शुरुआत और पवित्रता.

हृदय: 💖 - प्रेम और भक्ति.

चेकमार्क: ✅ - सफलता और पूर्णता.

चमकते सितारे: 💫 - दिव्य चमक और आशीर्वाद.

परिवार: 👨�👩�👧�👦 - सामाजिक और पारिवारिक मूल्य.

इमोजी सारांश (Emoji Summary)
🕉�🙏✨🛕🌸📿🎶🍲🍽�🪔📚🕊�🧍�♂️🚩🚶�♂️🗣�🧘�♂️🌅💖✅💫👨�👩�👧�👦

यह इमोजी संग्रह संत हरिहर बाबा की पुण्यतिथि के आध्यात्मिक महत्व, भक्ति, पंढरपूर की पवित्रता, सेवाभाव, उनके संदेश और उनके प्रभाव को दर्शाता है.

--अतुल परब
--दिनांक-30.06.2025-सोमवार.
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