संत गुलाब बाबा पालकी संस्थान पर हिंदी कविता 🙏🌸☀️🚩🏡💖

Started by Atul Kaviraje, July 02, 2025, 11:01:04 AM

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Atul Kaviraje

संत गुलाब बाबा पालकी संस्थान पर हिंदी कविता 🙏🌸

१. संत की महिमा
आज शुभ दिन, मंगलवार है,
रेडा में उत्साह अपार है।
संत गुलाब बाबा का धाम,
पावन करता हर सुबह-शाम।
(अर्थ: आज मंगलवार का शुभ दिन है, रेडा गाँव में बहुत उत्साह है। संत गुलाब बाबा का यह पवित्र स्थान हर सुबह-शाम को पावन करता है।)
☀️🚩🏡💖

२. पालकी का अद्भुत नज़ारा
सजकर निकली पालकी आज,
भक्तों का मन हर्षाए साज।
जय-जयकार से गूँजता गगन,
हर हृदय में है पावन लग्न।
(अर्थ: आज पालकी सज-धज कर निकली है, भक्तों का मन खुशी से झूम रहा है। आकाश जय-जयकार से गूँज रहा है, हर हृदय में पवित्र भक्ति है।)
✨🚶�♂️🎶😇

३. शांति और सुकून
शांत यहाँ की पावन भूमि,
मन को देती है गहरी धूमी।
जीवन की उलझन मिट जाती,
आत्मा को यहाँ शांति पाती।
(अर्थ: यहाँ की पावन भूमि शांत है, यह मन को गहराई से शांत करती है। जीवन की उलझनें मिट जाती हैं, आत्मा यहाँ आकर शांति पाती है।)
🧘�♀️🕊�😌💫

४. सेवा का संदेश
लंगर चलता, सबको भोजन,
सेवा भाव का यहाँ है अर्चन।
भूखे को मिले अन्न का दान,
मानवता का यह है सम्मान।
(अर्थ: लंगर चलता है, सभी को भोजन मिलता है, यहाँ सेवा भाव की पूजा होती है। भूखे को अनाज का दान मिलता है, यह मानवता का सम्मान है।)
🍲🤲💖😊

५. ज्ञान की ज्योति
बाबा के उपदेश निराले,
ज्ञान के दीप जलाते उजले।
जीवन पथ को करते रोशन,
दूर करें अज्ञान का शोषण।
(अर्थ: बाबा के उपदेश अनोखे हैं, वे ज्ञान के उज्ज्वल दीपक जलाते हैं। वे जीवन के मार्ग को प्रकाशित करते हैं, अज्ञान के शोषण को दूर करते हैं।)
📚💡🌟🛤�

६. अटूट श्रद्धा
जो भी आया शरण में यहाँ,
खाली हाथ न लौटा वहाँ।
आस्था का यह है अद्भुत केंद्र,
भक्तों का यहाँ सच्चा मित्र।
(अर्थ: जो भी यहाँ शरण में आया, वह खाली हाथ नहीं लौटा। यह आस्था का एक अद्भुत केंद्र है, भक्तों का सच्चा मित्र है।)
🙏💖🤝✨

७. हर पल है उत्सव
हर वर्ष यह उत्सव मनाएँ,
बाबा के चरणों में शीश नवाएँ।
रेडा की धरती है धन्य आज,
बरसे कृपा, पूरे हों सब काज।
(अर्थ: हर साल यह उत्सव मनाएं, बाबा के चरणों में सिर झुकाएं। रेडा की धरती आज धन्य है, कृपा बरसे और सभी कार्य पूरे हों।)
🎉🎊🌻🌸

--अतुल परब
--दिनांक-01.07.2025-मंगळवार.
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