भारत में महिलाओं की स्थिति: आवश्यकता सुधार की 🇮🇳👩‍🎓🙏🔗☀️😢

Started by Atul Kaviraje, July 02, 2025, 11:05:46 AM

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Atul Kaviraje

भारत में महिलाओं की स्थिति: आवश्यकता सुधार की 🇮🇳👩�🎓

१. शक्ति का रूप, पर बंधन में
भारत की नारी, शक्ति स्वरूप,
पूजी जाती हर रूप।
पर सदियों से बँधी जंजीरों में,
सहती रही हर दुख और धूप।
(अर्थ: भारत की नारी शक्ति का रूप है, हर रूप में पूजी जाती है। पर सदियों से बंधनों में बंधी रही है, हर दुख और धूप सहती रही है।)
🙏🔗☀️😢

२. शिक्षा की लौ जगी
शिक्षा की लौ अब जगी है,
हर बेटी स्कूल जा रही है।
ज्ञान का प्रकाश अब फैला,
नए सपने वो बुन रही है।
(अर्थ: अब शिक्षा की लौ जल उठी है, हर बेटी स्कूल जा रही है। ज्ञान का प्रकाश अब फैल गया है, वह नए सपने बुन रही है।)
📚💡👧💫

३. स्वास्थ्य की चुनौती
स्वास्थ्य उसका है बड़ा सवाल,
पोषण की कमी, करती बेहाल।
जननी शिशु की रक्षा हो,
हर जीवन का बस भला हो।
(अर्थ: उसका स्वास्थ्य एक बड़ा सवाल है, पोषण की कमी उसे परेशान करती है। माँ और शिशु की रक्षा हो, हर जीवन का भला हो।)
🍎💔👩�🍼💖

४. कदम बढ़े हैं कार्यक्षेत्र में
खेती से लेकर दफ्तर तक,
कदम बढ़े हैं अब हर पथ।
पर वेतन में क्यों है अंतर?
नेतृत्व में क्यों कमतर?
(अर्थ: खेती से लेकर दफ्तर तक, अब हर रास्ते पर कदम बढ़े हैं। पर वेतन में क्यों अंतर है? नेतृत्व में क्यों कम हैं?)
👩�🌾👩�💼💰🤔

५. हिंसा का अंधकार
घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न,
यह है समाज का काला धन।
डर के साये में कब तक रहेगी?
सुरक्षा की माँग अब उठेगी।
(अर्थ: घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, यह समाज का काला धन है। कब तक डर के साये में रहेगी? अब सुरक्षा की मांग उठेगी।)
💔🚨🗣�🛡�

६. लिंगानुपात का संकट
कन्या भ्रूण की हत्या क्यों?
जन्म लेने से पहले मरण क्यों?
बेटियों का भी हो सम्मान,
तब ही तो बढ़ेगा हिंदुस्तान।
(अर्थ: कन्या भ्रूण की हत्या क्यों? जन्म लेने से पहले ही मृत्यु क्यों? बेटियों का भी सम्मान हो, तभी तो हिंदुस्तान आगे बढ़ेगा।)
👶🚫👧🇮🇳

७. सोच में बदलाव की दरकार
कानून बने, नीतियाँ आईं,
पर सोच अभी भी पिछड़ी है।
पितृसत्ता की बेड़ी तोड़ो,
नारी को उसका हक दो।
(अर्थ: कानून बने, नीतियाँ आईं, पर सोच अभी भी पिछड़ी है। पितृसत्ता की बेड़ियाँ तोड़ो, नारी को उसका हक दो।)
⚖️📜🧠💥

८. न्याय की राह
न्याय की राह अभी भी कठिन,
कब मिलेगा उसे सही दिन?
आसान हो हर कानूनी प्रक्रिया,
मिले हर पीड़ित को न्याय किया।
(अर्थ: न्याय की राह अभी भी कठिन है, उसे सही दिन कब मिलेगा? हर कानूनी प्रक्रिया आसान हो, हर पीड़ित को न्याय मिले।)
⚖️🚪👩�⚖️🌟

९. ऑनलाइन सुरक्षा का खतरा
ऑनलाइन भी नहीं है चैन,
साइबर बुलिंग, देती है दर्द।
निजता का हो उल्लंघन,
सुरक्षा का हो अब वर्णन।
(अर्थ: ऑनलाइन भी शांति नहीं है, साइबरबुलिंग दर्द देती है। निजता का उल्लंघन होता है, अब सुरक्षा का वर्णन हो।)
💻🚫💔🔒

१०. पूर्ण सशक्तिकरण की आस
पूर्ण सशक्तिकरण की है आस,
जब हर क्षेत्र में हो विकास।
नेतृत्व संभाले वो निडर हो,
तब ही भारत सच में शिखर पर हो।
(अर्थ: पूर्ण सशक्तिकरण की आशा है, जब हर क्षेत्र में विकास हो। वह निडर होकर नेतृत्व संभाले, तभी भारत सच में शिखर पर होगा।)
💪🔝🇮🇳🎉

--अतुल परब
--दिनांक-01.07.2025-मंगळवार.
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