राम का व्यक्तित्व: वीरता और सत्य के प्रति सम्मान: हिंदी कविता 📜

Started by Atul Kaviraje, July 02, 2025, 10:17:17 PM

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Atul Kaviraje

राम का व्यक्तित्व: वीरता और सत्य के प्रति सम्मान: हिंदी कविता 📜

१. रघुकुल रीति सदा निभाई
प्राण जाए पर वचन न जाई,
सत्य का पथ था उनका जीवन,
राम थे मर्यादा के सघन वन।
अर्थ: उन्होंने अपने कुल की परंपरा का हमेशा पालन किया कि चाहे जान चली जाए पर वचन न टूटे। सत्य का मार्ग ही उनका जीवन था, और राम मर्यादाओं के घने जंगल के समान थे (जो मर्यादाओं से घिरे थे)।

२. त्याग की मूरत, अद्भुत त्याग
सिंहासन तज वन को भागे,
पिता के वचन को मान दिया,
धर्म का अनुपम पाठ सिखाया।
अर्थ: वे त्याग की मूर्ति थे, उनका त्याग अद्भुत था। उन्होंने सिंहासन छोड़कर जंगल का रास्ता चुना। पिता के वचन का सम्मान किया और धर्म का एक अनोखा पाठ सिखाया।

३. वीरता का था उनका नाम
रावण जैसे असुर का काम तमाम,
धर्म ध्वजा को सदा उठाया,
सत्य को जिसने सदा बचाया।
अर्थ: वीरता ही उनका नाम था। उन्होंने रावण जैसे राक्षस का अंत किया। धर्म की ध्वजा को हमेशा ऊंचा उठाया, और सत्य को हमेशा बचाया।

४. धैर्य का सागर, शांत स्वभाव
संकट में भी अडिग भाव,
क्रोध को सदा रखा काबू में,
ज्ञान की धारा बहती थी उनमें।
अर्थ: वे धैर्य का सागर थे, उनका स्वभाव शांत था। संकट में भी वे अडिग रहते थे। उन्होंने हमेशा क्रोध को काबू में रखा, और उनमें ज्ञान की धारा बहती थी।

५. आदर्श पुत्र, भाई प्यारे
निभाए रिश्ते, सबसे न्यारे,
लक्ष्मण, भरत का था सहारा,
प्रेम से बंधा था उनका पारा।
अर्थ: वे एक आदर्श पुत्र और प्यारे भाई थे। उन्होंने अपने रिश्तों को सबसे अनोखे तरीके से निभाया। लक्ष्मण और भरत का वे सहारा थे, और उनका संबंध प्रेम से बंधा हुआ था।

६. मित्र धर्म को सदा निभाया
सुग्रीव, विभीषण को अपनाया,
संकट में दी सच्ची संगति,
मित्रता की थी अनुपम गति।
अर्थ: उन्होंने मित्रता के धर्म का हमेशा पालन किया। सुग्रीव और विभीषण को अपनाया। संकट में सच्ची दोस्ती निभाई, उनकी मित्रता की गति अनोखी थी।

७. प्रजा का सुख था सर्वोपरि
न्याय की गाथा गाई हर नगरी,
राम राज्य का स्वप्न साकार,
हर जन को मिला सुख अपार।
अर्थ: प्रजा का सुख उनके लिए सबसे ऊपर था। न्याय की कहानी हर शहर में गाई जाती थी। राम राज्य का सपना साकार हुआ, और हर व्यक्ति को अत्यधिक सुख मिला।

--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
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