कविता: राष्ट्रीय 'मैं भूल गया' दिवस- २ जुलाई, २०२५ - बुधवार-✨🗑️😂🔑👐🕊️🛤️🚀☁

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 11:03:42 AM

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Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता: राष्ट्रीय 'मैं भूल गया' दिवस पर-

२ जुलाई, २०२५ - बुधवार

राष्ट्रीय 'मैं भूल गया' दिवस

१. (पहला चरण)
आज है एक अजब दिवस, नाम है 'मैं भूल गया',
कुछ यादें धुंधली हो जाएँ, कुछ पल दिल से मिटा।
चिंताएँ हों या शिकायतें, बस उनको दूर भगा,
जीवन की बगिया में, अब नई बहार सजा।
अर्थ: आज एक अजीब सा दिन है, जिसका नाम है 'मैं भूल गया'। कुछ यादें धुंधली हो जाएँ, कुछ पल दिल से मिट जाएँ। चिंताएँ हों या शिकायतें, बस उनको दूर भगा दो और जीवन की बगिया में अब नई बहार सजा लो।
✨🗑�

२. (दूसरा चरण)
छोटी-मोटी जो भूलें, हम अक्सर कर जाते हैं,
उन पर हँसें ज़रा, जो दिमाग से निकल जाते हैं।
चाबी कहीं रखी, नाम कोई भुला,
ये सब जीवन का हिस्सा, दिल को न लगे भला।
अर्थ: जो छोटी-मोटी भूलें हम अक्सर कर जाते हैं, उन पर थोड़ा हँस लें जो दिमाग से निकल जाती हैं। चाबी कहीं रख दी हो या किसी का नाम भूल गए हों, ये सब जीवन का हिस्सा है, इसे बुरा न मानें।
😂🔑

३. (तीसरा चरण)
बीती बातों को अब, क्यों ढोना सिर पर भारी?
जो चला गया सो गया, अब किसकी है बारी?
माफ़ करो और भूल जाओ, मन को रखो हल्का,
नफरत की दीवारें तोड़ो, प्रेम से जीवन छलका।
अर्थ: बीती हुई बातों का बोझ सिर पर क्यों ढोना? जो बीत गया, वो चला गया, अब किसकी बारी है? माफ करो और भूल जाओ, मन को हल्का रखो। नफरत की दीवारें तोड़ो और जीवन को प्रेम से भर दो।
👐🕊�

४. (चौथा चरण)
गलतियाँ की होंगी हमने, कुछ अपनों ने भी की,
सबक ले लो उनसे लेकिन, अब छोड़ो सब पीड़ा की।
आगे बढ़ना है हमें, नई राहें बनानी हैं,
पिछली गलियों को भूलो, नई दिशाएँ जानी हैं।
अर्थ: हमने भी गलतियाँ की होंगी, और हमारे अपनों ने भी की होंगी। उनसे सबक ले लो लेकिन अब सारी पीड़ा छोड़ दो। हमें आगे बढ़ना है, नई राहें बनानी हैं। पिछली गलियों को भूलो और नई दिशाओं को पहचानो।
🛤�🚀

५. (पांचवां चरण)
तनाव और दुख के बादल, जो छाए हैं मन पर,
इस 'भूले' दिन में कर दो, उनको भी बेअसर।
मन को खाली कर दो, चिंताएँ हों गुमशुदा,
हर साँस में भर लो तुम, शांति की मधुर सुधा।
अर्थ: तनाव और दुख के जो बादल मन पर छाए हैं, इस 'भूले' दिन में उन्हें भी बेअसर कर दो। मन को खाली कर दो, चिंताएँ गुम हो जाएँ, और हर साँस में तुम शांति की मीठी सुगंध भर लो।
☁️😊

६. (छठा चरण)
यादों का बोझ कभी, बन जाता है बंधन,
कुछ यादें भूलने से मिलता, एक नया स्पंदन।
स्वयं को आज माफ़ कर दो, जो भी हुआ अतीत में,
खुश रहो तुम हर पल, जीवन की मीठी प्रीत में।
अर्थ: यादों का बोझ कभी-कभी बंधन बन जाता है। कुछ यादें भूलने से एक नई ऊर्जा मिलती है। स्वयं को आज माफ कर दो, जो भी अतीत में हुआ। जीवन के मीठे प्रेम में तुम हर पल खुश रहो।
💖🧘�♀️

७. (सातवां चरण)
चलो आज एक नई शुरुआत करें,
जो भूल गए, उसका न अफसोस करें।
'मैं भूल गया' दिवस है, ये एक संदेश देता,
जीवन को हलकेपन से, खुशियों से भर देता।
अर्थ: चलो आज एक नई शुरुआत करें। जो भूल गए, उसका अफसोस न करें। 'मैं भूल गया' दिवस यह एक संदेश देता है कि जीवन को हलकेपन और खुशियों से भर दो।
🥳🌟

आपके दिन के लिए दृश्य और भावनाएँ

चमक और डस्टबिन: ✨🗑� - नकारात्मक यादों को मिटाना।

हँसता हुआ चेहरा और चाबी: 😂🔑 - छोटी-मोटी भूलों पर हँसना।

खुले हाथ और कबूतर: 👐🕊� - क्षमा और शांति।

रेल की पटरी और रॉकेट: 🛤�🚀 - आगे बढ़ना और नई दिशा।

बादल और मुस्कुराता चेहरा: ☁️😊 - मानसिक शांति और खुशी।

दिल और ध्यान: 💖🧘�♀️ - आत्म-क्षमा और आंतरिक शांति।

पार्टी फेस और चमकता तारा: 🥳🌟 - खुशियाँ और सकारात्मकता।

इमोजी सारांश:
✨🗑�😂🔑👐🕊�🛤�🚀☁️😊💖🧘�♀️🥳🌟

आपका 'मैं भूल गया' दिवस खुशियों और हल्केपन से भरा हो!

--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
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