कविता: 'विकलांगों के लिए विशेष मनोरंजन दिवस' - २ जुलाई, २०२५ - बुधवार-🥳💖🌟🎨♿

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 11:05:27 AM

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Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता: 'विकलांगों के लिए विशेष मनोरंजन दिवस' पर-

२ जुलाई, २०२५ - बुधवार

विकलांगों के लिए विशेष मनोरंजन दिवस

१. (पहला चरण)
आज है एक दिवस अनोखा, खुशियों का है संचार,
विकलांगों के लिए है ये, मनोरंजन का त्यौहार।
जीवन में सबको चाहिए, हँसी और प्यार अपार,
समावेशी हो हर पल, ये ही है आज पुकार।
अर्थ: आज एक अनोखा दिन है, खुशियों का संचार हो रहा है। यह विकलांग व्यक्तियों के लिए मनोरंजन का त्यौहार है। जीवन में सबको ढेर सारी हँसी और प्यार चाहिए। हर पल समावेशी हो, यही आज की पुकार है।
🥳💖

२. (दूसरा चरण)
नजरिया बदले दुनिया का, भेदभाव हो जाए दूर,
क्षमता उनकी असीमित, कोई न समझे मजबूर।
संगीत हो या खेल कोई, कला हो या नई चाल,
हर क्षेत्र में चमकें वो, मिट जाए हर जंजाल।
अर्थ: दुनिया का नज़रिया बदल जाए, भेदभाव दूर हो जाए। उनकी क्षमता असीमित है, कोई उन्हें मजबूर न समझे। संगीत हो या कोई खेल, कला हो या कोई नई चाल, वे हर क्षेत्र में चमकें और हर बाधा मिट जाए।
🌟🎨

३. (तीसरा चरण)
व्हीलचेयर पर हो या बैसाखी के सहारे,
मन में हो जोश अगर, कौन उनको रोक पाए?
मैदान हो या रंगमंच, उनका है पूरा अधिकार,
खुशियों का हर पल, उनका भी है पूरा हकदार।
अर्थ: चाहे व्हीलचेयर पर हों या बैसाखी के सहारे, अगर मन में जोश हो तो कौन उन्हें रोक पाएगा? मैदान हो या रंगमंच, उनका उस पर पूरा अधिकार है। खुशियों का हर पल, उनका भी पूरा हकदार है।
♿️💪

४. (चौथा चरण)
दूर रहें उदासी के बादल, न रहे कोई संताप,
मनोरंजन की राहों पर, कोई न हो अब आप।
मिल-जुलकर सब खेलें, हँसी-खुशी से भरे पल,
जीवन में नए रंग भरें, हर कठिनाई को हल।
अर्थ: उदासी के बादल दूर रहें, कोई दुख न रहे। मनोरंजन की राहों में अब कोई बाधा न हो। सब मिल-जुलकर खेलें, हँसी-खुशी से भरे पल बिताएँ। जीवन में नए रंग भरें और हर कठिनाई को हल करें।
🌈😄

५. (पांचवां चरण)
कला उनकी अनमोल, प्रतिभा है महान,
हर एक प्रदर्शन में, वे पाते हैं सम्मान।
थिएटर हो या चित्रकला, या नृत्य की कोई धुन,
उनकी दुनिया को पहचानो, उनकी कला को गुन।
अर्थ: उनकी कला अनमोल है, प्रतिभा महान है। हर एक प्रदर्शन में वे सम्मान पाते हैं। चाहे थिएटर हो या चित्रकला, या नृत्य की कोई धुन, उनकी दुनिया को पहचानो, उनकी कला को महत्व दो।
🎭🖼�

६. (छठा चरण)
पहुँच हो आसान सबकी, हर जगह सुविधा हो,
खुशियों के हर पल में, उनकी भी सहभागिता हो।
रैंप बनें, लिफ्ट लगें, हर बाधा मिट जाए,
कोई न वंचित रहे अब, सब खुशियाँ पाएँ।
अर्थ: सबकी पहुँच आसान हो, हर जगह सुविधा हो। खुशियों के हर पल में उनकी भी भागीदारी हो। रैंप बनें, लिफ्ट लगें, हर बाधा मिट जाए। कोई भी वंचित न रहे, सब खुशियाँ पाएँ।
✅🛠�

७. (सातवां चरण)
आओ मिलकर शपथ लें, समावेशी समाज बनाएंगे,
हर चेहरे पर मुस्कान, हर दिल में खुशी लाएंगे।
विकलांगों के लिए दिवस, ये बस एक प्रतीक है,
खुश रहने का अधिकार, हर इंसान का नेक है।
अर्थ: आओ मिलकर शपथ लें, हम समावेशी समाज बनाएंगे। हर चेहरे पर मुस्कान, हर दिल में खुशी लाएंगे। विकलांगों के लिए यह दिवस बस एक प्रतीक है, क्योंकि खुश रहने का अधिकार हर इंसान का अच्छा है।
🫂❤️

आपके दिन के लिए दृश्य और भावनाएँ

पार्टी फेस और दिल: 🥳💖 - उत्सव और प्रेम।

चमकता सितारा और रंगीन पैलेट: 🌟🎨 - प्रतिभा और रचनात्मकता।

व्हीलचेयर और बाइसेप: ♿️💪 - शक्ति और दृढ़ संकल्प।

इंद्रधनुष और हँसता चेहरा: 🌈😄 - खुशी और नए रंग।

थिएटर मास्क और पेंटिंग: 🎭🖼� - कला और प्रदर्शन।

टिक मार्क और उपकरण: ✅🛠� - सुविधा और पहुँच।

गले मिलते लोग और लाल दिल: 🫂❤️ - समावेश और खुशी का अधिकार।

इमोजी सारांश:
🥳💖🌟🎨♿️💪🌈😄🎭🖼�✅🛠�🫂❤️

आइए, समावेशी मनोरंजन के माध्यम से सभी के जीवन में खुशियाँ भरें!

--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
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