कविता: वृत्तपत्रों और मीडिया का समाज पर प्रभाव- मीडिया का दर्पण-📰🌍🗣️⚖️📚🎭✊

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 11:09:44 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता: वृत्तपत्रों और मीडिया का समाज पर प्रभाव-

मीडिया का दर्पण-

१. (पहला चरण)
वृत्तपत्र और मीडिया, है युग का आधार,
हर खबर पहुंचाए, हर घर-द्वार।
दूरियों को मिटाए, लाए पास संसार,
ज्ञान का सागर गहरा, ज्ञान का ये फुहार।
अर्थ: समाचार पत्र और मीडिया इस युग का आधार हैं, हर खबर हर घर तक पहुँचाते हैं। वे दूरियों को मिटाते हैं और संसार को पास लाते हैं, ये ज्ञान का गहरा सागर और ज्ञान की फुहार हैं।
📰🌍

२. (दूसरा चरण)
सूचना का ये प्रवाह, जनमत को गढ़ता,
सोच की दिशा मोड़े, हर विचार को पढ़ता।
सत्ता को जगाए, भ्रष्टाचार उजागर करता,
लोकतंत्र का प्रहरी बन, सच्चाई को गढ़ता।
अर्थ: यह सूचना का प्रवाह जनमत का निर्माण करता है, सोच की दिशा मोड़ता है और हर विचार को पढ़ता है। यह सत्ता को जगाता है, भ्रष्टाचार को उजागर करता है, और लोकतंत्र का प्रहरी बनकर सच्चाई को स्थापित करता है।
🗣�⚖️

३. (तीसरा चरण)
शिक्षा का ये माध्यम, ज्ञान का भंडार,
हर विषय सिखाए, हर कौशल को दे धार।
कला और संस्कृति को, ये देता है सम्मान,
देश-विदेश की खबर से, बढ़ता है ज्ञान।
अर्थ: यह शिक्षा का माध्यम है, ज्ञान का भंडार है। यह हर विषय सिखाता है और हर कौशल को धार देता है। यह कला और संस्कृति को सम्मान देता है, और देश-विदेश की खबरों से ज्ञान बढ़ता है।
📚🎭

४. (चौथा चरण)
जब उठे कोई जुल्म, या हो कोई अन्याय,
मीडिया की आवाज़, उसको सामने लाए।
सामाजिक बदलाव का, ये बनता है निशान,
जनता की शक्ति को, देता है ये सम्मान।
अर्थ: जब कोई ज़ुल्म होता है या कोई अन्याय होता है, तो मीडिया की आवाज़ उसे सामने लाती है। यह सामाजिक बदलाव का प्रतीक बनता है, और जनता की शक्ति को सम्मान देता है।
✊📢

५. (पांचवां चरण)
मनोरंजन की दुनिया, ये खोले है हर बार,
हँसी, खुशी और रोमांच, लाए ये अपार।
खेल हो या सिनेमा, हर पल हो ख़ुशी का,
जीवन को सरल बनाए, ये जादू है इसका।
अर्थ: यह मनोरंजन की दुनिया को हर बार खोलता है, ढेर सारी हँसी, खुशी और रोमांच लाता है। खेल हो या सिनेमा, हर पल खुशी का हो। जीवन को सरल बनाता है, यही इसका जादू है।
🎬😂

६. (छठा चरण)
पर इसकी शक्ति का, हो सही इस्तेमाल,
फेक न्यूज़ से बचे रहें, न हो कोई बवाल।
गुमराह न करे ये कभी, बने निष्पक्ष ये,
तभी तो समाज होगा, सच में विकसित ये।
अर्थ: पर इसकी शक्ति का सही इस्तेमाल हो। फेक न्यूज़ से बचे रहें, कोई हंगामा न हो। यह कभी गुमराह न करे, निष्पक्ष बने। तभी तो समाज सच में विकसित होगा।
⚠️🚫

७. (सातवां चरण)
संकट में ये साथ दे, पहुंचाए हर खबर,
लोगों को सुरक्षित रखे, हरपल दे कवर।
मीडिया है आज दर्पण, जो सच्चाई दिखाए,
समाज को राह दिखाए, हर पल जगाए।
अर्थ: संकट में यह साथ देता है, हर खबर पहुँचाता है। लोगों को सुरक्षित रखता है, हर पल कवर देता है। मीडिया आज एक दर्पण है जो सच्चाई दिखाता है, समाज को राह दिखाता है और हर पल जगाता है।
🆘💡

आपके दिन के लिए दृश्य और भावनाएँ

अखबार और पृथ्वी: 📰🌍 - सूचना का वैश्विक प्रसार।

भाषण बुलबुला और न्याय का तराजू: 🗣�⚖️ - जनमत और प्रहरी की भूमिका।

किताब और थिएटर मास्क: 📚🎭 - शिक्षा और संस्कृति।

मुट्ठी और लाउडस्पीकर: ✊📢 - सामाजिक परिवर्तन।

क्लापरबोर्ड और हँसता चेहरा: 🎬😂 - मनोरंजन।

चेतावनी संकेत और क्रॉस: ⚠️🚫 - चुनौतियों से बचाव।

एसओएस संकेत और बल्ब: 🆘💡 - आपदा प्रबंधन और जागरूकता।

इमोजी सारांश:
📰🌍🗣�⚖️📚🎭✊📢🎬😂⚠️🚫🆘💡

--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
===========================================