दैनिक लोकमत: 'आगामी बजट पर मंथन: महंगाई नियंत्रण पर जोर'०१ जुलाई २०२५ - मंगलवार:

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 04:38:10 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

दैनिक लोकमत: 'आगामी बजट पर मंथन: महंगाई नियंत्रण पर जोर'

०१ जुलाई २०२५ - मंगलवार:

आगामी बजट पर मंथन: महंगाई नियंत्रण पर जोर

देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण आगामी केंद्रीय बजट की तैयारी अब तेजी से शुरू हो गई है, और इस मंथन में महंगाई नियंत्रण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। १ जुलाई २०२५, मंगलवार से शुरू हुए पूर्व-बजट परामर्श सत्रों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों से मिले सुझावों में महंगाई कम करने के उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है, ऐसी खबर दैनिक लोकमत ने दी है।

अतिरिक्त जानकारी:

महंगाई नियंत्रण का महत्व: बढ़ती महंगाई आम जनता के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से परिवारों का बजट बिगड़ता है, क्रय शक्ति कम होती है और आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न होती है। इसलिए, आगामी बजट से महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपाय किए जाएं, ऐसी अपेक्षा है। सरकार भी इस बात को गंभीरता से ले रही है और नागरिकों को राहत देने के उपाय तलाश रही है।

चर्चा के प्रमुख बिंदु: वित्त मंत्री के साथ बैठकों में महंगाई नियंत्रण के लिए कई संभावित उपायों पर विचार-मंथन किया जा रहा है। इसमें राजकोषीय घाटे को कम करके सरकारी खर्च का प्रभावी प्रबंधन करना, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करना, कृषि उत्पादन में वृद्धि करके खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करना, पेट्रोलियम उत्पादों पर करों पर पुनर्विचार करना, और चुनिंदा वस्तुओं के लिए लक्षित सब्सिडी देने जैसी नीतियों पर चर्चा जारी है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के साथ बजट की राजकोषीय नीति कैसे संरेखित होगी, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

विभिन्न क्षेत्रों की अपेक्षाएं: उद्योग जगत, किसान संगठन और श्रमिक संगठन - सभी ने महंगाई के अपने क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित किया है। उद्योगों को कच्चे माल की बढ़ती कीमतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि किसानों को बढ़ती उत्पादन लागत से राहत चाहिए। श्रमिक वर्ग अपनी क्रय शक्ति में गिरावट से चिंतित है। इसलिए, ये सभी घटक महंगाई नियंत्रण के लिए बजट से कुछ ठोस उपायों की अपेक्षा कर रहे हैं।

सरकार का दृष्टिकोण: सरकार महंगाई नियंत्रण के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी महत्व दे रही है। इसलिए, एक संतुलित दृष्टिकोण अपेक्षित है जहां महंगाई को नियंत्रित करते हुए विकास की गति को बाधित न किया जाए। इन चर्चाओं से मिली जानकारी के आधार पर एक प्रभावी और समावेशी बजट तैयार करने का सरकार का इरादा है, जो महंगाई की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेगा।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
===========================================