अमर उजाला: 'केंद्रीय बजट २०२५-२६:सीतारमण ने स्टेकहोल्डर्स से की चर्चा' ०१ जुलाई

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2025, 04:40:57 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

अमर उजाला (Amar Ujala): 'केंद्रीय बजट २०२५-२६: सीतारमण ने स्टेकहोल्डर्स से की चर्चा'

अमर उजाला: 'केंद्रीय बजट २०२५-२६: सीतारमण ने स्टेकहोल्डर्स से की चर्चा'

०१ जुलाई २०२५ - मंगलवार:

केंद्रीय बजट २०२५-२६: सीतारमण ने स्टेकहोल्डर्स से की चर्चा

आगामी केंद्रीय बजट २०२५-२६ की तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने १ जुलाई २०२५, मंगलवार से विभिन्न हितधारकों (stakeholders) के साथ महत्वपूर्ण परामर्श बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, इन चर्चाओं का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति का समग्र मूल्यांकन करना और एक समावेशी तथा विकासोन्मुखी बजट तैयार करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों की राय और अपेक्षाओं को समझना है।

अतिरिक्त जानकारी (हिंदी में):

चर्चा का दायरा और भागीदार: वित्त मंत्री की ये बैठकें व्यापक दायरे में आयोजित की जा रही हैं, जिनमें अर्थव्यवस्था के हर महत्वपूर्ण स्तंभ से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से उद्योग और व्यापार संघों के प्रतिनिधि, प्रमुख अर्थशास्त्री, कृषि विशेषज्ञ, श्रमिक संघों के नेता, स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर के प्रतिनिधि, सामाजिक क्षेत्र के संगठन और वित्तीय बाजारों के विश्लेषक शामिल हैं। इन सभी की राय को बजट निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मुख्य विचार-विमर्श के क्षेत्र: इन परामर्श सत्रों में कई प्रमुख आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हो रहा है। इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने के लिए आवश्यक कदम, निवेश के अनुकूल माहौल बनाना, रोजगार सृजन की चुनौतियों का समाधान, महंगाई को नियंत्रित करने के प्रभावी उपाय, निर्यात को बढ़ावा देना, विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर ढांचे में संभावित बदलाव, तथा कृषि और ग्रामीण विकास के लिए विशेष पैकेज जैसे विषय प्रमुखता से शामिल हैं। इसके अलावा, सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता और उनके विस्तार पर भी चर्चा की जा रही है।

सीतारमण का दूरदर्शी दृष्टिकोण: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को केवल वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक विकास के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप के रूप में देख रही हैं। उनकी यह पहल सुनिश्चित करती है कि बजट केवल सरकारी विभागों की ज़रूरतों को ही नहीं, बल्कि आम जनता, उद्योगों और कृषि क्षेत्र की वास्तविक अपेक्षाओं को भी पूरा करे। उनका ध्यान एक ऐसे बजट पर है जो आर्थिक स्थिरता के साथ-साथ समावेशी विकास को बढ़ावा दे।

बजट २०२५-२६ का महत्व: यह बजट ऐसे समय में आ रहा है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है, और भारत को अपनी विकास गति को बनाए रखने की चुनौती है। ऐसे में, यह बजट देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हितधारकों से प्राप्त इनपुट के आधार पर तैयार किया गया बजट न केवल आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा, बल्कि नए अवसरों का भी सृजन करेगा और देश को ५ ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर करेगा।

अपेक्षाएँ: इन चर्चाओं से एक ऐसा बजट आने की उम्मीद है जो व्यापार और उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाएगा, आम नागरिकों को महंगाई से राहत देगा, और निवेश एवं रोजगार को बढ़ावा देगा।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.07.2025-बुधवार.
===========================================