शहरीकरण और ग्रामीण विकास के बीच संतुलन पर हिंदी कविता 📖 संतुलन की चाह-

Started by Atul Kaviraje, July 04, 2025, 10:45:29 AM

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Atul Kaviraje

शहरीकरण और ग्रामीण विकास के बीच संतुलन पर हिंदी कविता 📖

संतुलन की चाह-

शहरों की ओर जब बढ़ते कदम,
गाँव की मिट्टी, होती है नम।
शहरीकरण की ये तेज रफ्तार,
ग्रामीण विकास मांगे अब प्यार।
(अर्थ: जब कदम शहरों की ओर बढ़ते हैं, तो गाँव की मिट्टी नम हो जाती है। शहरीकरण की यह तेज गति ग्रामीण विकास से अब प्यार मांग रही है।)
🏙�➡️🌳

एक तरफ चमक, दूजी तरफ अभाव,
बढ़ रहा है जीवन में, ये बड़ा घाव।
आबादी का दबाव, सुविधाएँ कम,
शहरों में भीड़, गाँवों में गम।
(अर्थ: एक तरफ शहरों में चमक है, दूसरी तरफ अभाव है, जीवन में यह बड़ा घाव बढ़ रहा है। आबादी का दबाव है, सुविधाएं कम हैं, शहरों में भीड़ है और गाँवों में दुख है।)
👥😔

जल और ज़मीन, प्रदूषण से पीड़ित,
पर्यावरण भी हमारा, क्यों हो व्यथित?
बचाना है जंगल, नदियों का नीर,
संतुलन ही देगा, सबको अब धीर।
(अर्थ: जल और जमीन प्रदूषण से पीड़ित हैं, हमारा पर्यावरण क्यों परेशान हो? हमें जंगल और नदियों का पानी बचाना है, संतुलन ही अब सबको धैर्य देगा।)
💧🗑�

कृषि है रीढ़, देश का ये आधार,
गाँवों से ही आता, हर अन्न का सार।
युवा अगर छोड़ें, खेत और खलिहान,
कैसे चलेगा फिर, भारत महान?
(अर्थ: कृषि देश की रीढ़ और आधार है, हर अन्न का सार गाँवों से ही आता है। अगर युवा खेत और खलिहान छोड़ देंगे, तो भारत महान कैसे चलेगा?)
🚜🇮🇳

शिक्षा, स्वास्थ्य, और अवसर समान,
मिलें गाँवों में भी, बढ़े उनका मान।
छोटे उद्योगों को, दें हम बढ़ावा,
गाँव भी बने, समृद्धि का दावा।
(अर्थ: शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसर गाँवों में भी मिलें, उनका मान बढ़े। हम छोटे उद्योगों को बढ़ावा दें, ताकि गाँव भी समृद्धि का दावा कर सकें।)
🏫🏥

स्मार्ट गाँव की, कल्पना सजाएँ,
आधुनिकता संग, संस्कृति बचाएँ।
शहर और गाँव, बनें एक दूजे के पूरक,
तभी देश का हो, सच्चा ये प्रेरक।
(अर्थ: स्मार्ट गाँव की कल्पना सजाएँ, आधुनिकता के साथ संस्कृति बचाएँ। शहर और गाँव एक-दूसरे के पूरक बनें, तभी देश का सच्चा प्रेरक होगा।)
🌐💡

यह संतुलन ही, देगा खुशहाली,
दूर होगी हर दुख की लाली।
विकास की राह पर, चलें हम साथ,
शहर और गाँव का, मिलकर हाथ।
**(अर्थ: यह संतुलन ही खुशहाली देगा, हर दुख की लाली दूर होगी। विकास की राह पर हम साथ चलें, शहर और गाँव मिलकर हाथ में हाथ डालकर।) **
🤝😊

इमोजी सारांश 🤩

🏙� शहरीकरण: शहर का दृश्य, शहरी विकास।
➡️ संतुलन: तीर का निशान, दिशा।
🌳 ग्रामीण विकास: पेड़, गाँव।
🇮🇳 भारत: भारतीय झंडा, राष्ट्र।
👥 जनसंख्या: लोग, भीड़।
💰 असमानता: पैसे का ढेर, आय का अंतर।
🚧 बुनियादी ढाँचा: निर्माण, चुनौती।
💧 पर्यावरण: पानी की बूंद, प्रदूषण।
🗑� कचरा: कचरे का डिब्बा, अपशिष्ट।
🚜 कृषि: ट्रैक्टर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था।
👨�👩�👧�👦 समाज: परिवार, सामाजिक बंधन।
🏫 शिक्षा: स्कूल, सुविधाएँ।
🏥 स्वास्थ्य: अस्पताल, सुविधाएँ।
📈 विकास: ऊपर जाता ग्राफ, प्रगति।
🌐 कनेक्टिविटी: ग्लोब, इंटरनेट।
💡 स्मार्ट गाँव: बल्ब, नवाचार।
🤝 सहयोग: हाथ मिलाना, सामंजस्य।
😊 खुशी: मुस्कुराता चेहरा, खुशहाली।

--अतुल परब
--दिनांक-03.07.2025-गुरुवार.
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