देवी सरस्वती का ध्यान और पूर्ण ज्ञान का महत्व-हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, July 05, 2025, 10:59:56 AM

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Atul Kaviraje

देवी सरस्वती का ध्यान और पूर्ण ज्ञान का महत्व-हिंदी कविता-

चरण 1:
श्वेत वस्त्र धारी, वीणा धारिणी माँ,
ज्ञान की देवी, सरस्वती तुम हो ब्रह्मा।
ध्यान तुम्हारा मन को शांत करता,
हर मुश्किल को आसान करता।
अर्थ: हे माँ सरस्वती, आप श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और वीणा बजाती हैं। आप ज्ञान की देवी हैं, और आप ब्रह्मा की शक्ति हैं। आपका ध्यान मन को शांत करता है और हर मुश्किल को आसान बनाता है।

चरण 2:
एकाग्रता बढ़े, मन स्थिर हो जाए,
रचनात्मकता का सूरज मुस्काए।
वाक्पटुता से हर दिल जीत जाए,
वाणी में मधुरता, शब्दों में रस समाए।
अर्थ: एकाग्रता बढ़ती है और मन स्थिर हो जाता है, जिससे रचनात्मकता का सूर्य मुस्कुराता है। वाणी की निपुणता से हर दिल जीता जा सकता है, और वाणी में मधुरता तथा शब्दों में रस घुल जाता है।

चरण 3:
विवेक की शक्ति, सही-गलत पहचाने,
बुद्धि से खुले ज्ञान के नए ठिकाने।
स्मृति में सब बसे, कुछ न भूला पाए,
विद्या का सागर मन में लहराए।
अर्थ: विवेक की शक्ति से सही और गलत की पहचान होती है, और बुद्धि से ज्ञान के नए द्वार खुलते हैं। स्मृति में सब कुछ बस जाता है, कुछ भी भुलाया नहीं जाता, और विद्या का सागर मन में लहराता है।

चरण 4:
अहंकार दूर हो, विनम्रता आए,
ज्ञान का प्रकाश सबको दिखाए।
भय और अनिश्चितता मिट जाए,
आत्म-विश्वास मन में समाए।
अर्थ: अहंकार दूर हो और विनम्रता आए, जिससे ज्ञान का प्रकाश सबको दिखाई दे। भय और अनिश्चितता मिट जाए, और आत्म-विश्वास मन में समा जाए।

चरण 5:
आंतरिक शांति, संतोष का बसेरा,
जीवन में सुखों का हो हर सवेरा।
उच्च शिक्षा मिले, राहें संवरें,
आध्यात्मिक उन्नति से जीवन निखरें।
अर्थ: आंतरिक शांति और संतोष का वास हो, और जीवन में हर सुबह सुखों से भरी हो। उच्च शिक्षा प्राप्त हो और रास्ते आसान हों, तथा आध्यात्मिक उन्नति से जीवन बेहतर बने।

चरण 6:
समाज का उत्थान, लोक कल्याण हो,
हर जन का विद्या से मान हो।
सत्य और न्याय का पालन हो,
धरती पर सुख-शांति का शासन हो।
अर्थ: समाज का उत्थान हो और लोगों का कल्याण हो, हर व्यक्ति को विद्या से सम्मान मिले। सत्य और न्याय का पालन हो, और धरती पर सुख-शांति का राज हो।

चरण 7:
कमल पे बैठी, हंस की सवारी,
ज्ञान की धारा बहे तुम्हारी।
जय हो माँ सरस्वती, शुभकारी,
पूर्ण ज्ञान से भर दे दुनिया सारी।
अर्थ: कमल पर बैठी हुई और हंस की सवारी करने वाली माँ, आपकी ज्ञान की धारा बहती है। हे शुभकारी माँ सरस्वती, आपकी जय हो, आप पूरी दुनिया को पूर्ण ज्ञान से भर दें।

कविता का सार (Emoji सारंश):
ज्ञान 📚💡, कला 🎨🎶, बुद्धि 🧠, एकाग्रता 🧘�♀️✨, रचनात्मकता 🚀, वाक्पटुता 🗣� eloquent, विवेक 🤔⚖️, स्मृति 🧠 recall, विनम्रता 🙏 humble, भय मुक्ति 🛡� fearless, शांति 🕊�😇, आध्यात्मिक विकास 🕉�🎓, समाज कल्याण 🌍🤝.

देवी सरस्वती का ध्यान और पूर्ण ज्ञान का महत्व हमें यह सिखाता है कि वास्तविक समृद्धि केवल भौतिक नहीं, बल्कि बौद्धिक और आध्यात्मिक भी है। यह हमें एक संतुलित और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने में मदद करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-04.07.2025-शुक्रवार.
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