अम्बाबाई का 'नवरात्रि महोत्सव' और समाज में एकता और भाईचारा-2-

Started by Atul Kaviraje, July 05, 2025, 04:10:55 PM

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Atul Kaviraje

(अम्बाबाई का 'नवरात्रि महोत्सव' और समाज में एकता और भाईचारा)
(Ambabai's 'Navratri Festival' and the Unity and Brotherhood in Society)

6. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा 💰📈
नवरात्रि महोत्सव केवल धार्मिक नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था (local economy) के लिए भी महत्वपूर्ण है। हजारों भक्तों के आने से छोटे व्यवसायों, होटल, परिवहन, और स्थानीय शिल्पकारों को लाभ होता है। यह अप्रत्यक्ष रूप से समाज में समृद्धि लाता है।

उदाहरण: फूलों के विक्रेता, प्रसाद बनाने वाले, और परिवहन सेवा प्रदाता जैसे छोटे व्यापारी नवरात्रि के दौरान अच्छी कमाई करते हैं।

7. पारिवारिक संबंधों का सुदृढ़ीकरण 👨�👩�👧�👦🏡
यह त्योहार परिवारों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है। दूर-दराज रहने वाले रिश्तेदार भी इस समय घर आते हैं और मिलकर देवी की पूजा करते हैं। यह पारिवारिक संबंधों (family bonds) को मजबूत करता है और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ता है।

उदाहरण: दादा-दादी, माता-पिता और बच्चे सभी मिलकर घर पर देवी की आरती करते हैं और एक साथ भोजन करते हैं।

8. युवा पीढ़ी में मूल्यों का संचार 👩�🎓👨�🏫
नवरात्रि महोत्सव युवा पीढ़ी (younger generation) को धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराता है। वे बड़ों से पूजा के रीति-रिवाज सीखते हैं, सेवा भाव का महत्व समझते हैं, और सामाजिक सौहार्द का अनुभव करते हैं। यह उनमें अच्छे नैतिक मूल्यों (moral values) का संचार करता है।

उदाहरण: बच्चे और किशोर स्वयंसेवकों के रूप में सेवा करते हुए या गरबा-डांडिया में भाग लेते हुए अपनी संस्कृति से जुड़ते हैं।

9. नकारात्मकता का नाश और सकारात्मकता का प्रसार ✨🌟
महोत्सव का माहौल अत्यंत सकारात्मक (positive) और ऊर्जावान (energetic) होता है। देवी दुर्गा की पूजा से नकारात्मकता (negativity) दूर होती है और समाज में सकारात्मकता (positivity) का प्रसार होता है। यह लोगों को आशावादी और खुशहाल बनाता है।

उदाहरण: देवी के जयकारों और भक्तिमय गीतों से मंदिर का वातावरण पूरी तरह से सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।

10. आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शांति 🧘�♀️🕊�
सामूहिक भक्ति और उत्सव का माहौल भक्तों को आध्यात्मिक विकास (spiritual growth) में सहायता करता है। एक साथ पूजा करने और नाचने-गाने से उन्हें आंतरिक शांति (inner peace) और खुशी (happiness) का अनुभव होता है। यह उन्हें अपने भीतर की शक्ति को महसूस करने का अवसर देता है।

उदाहरण: गरबा या डांडिया खेलते समय, भक्त एक प्रकार के आनंद और ध्यान की स्थिति का अनुभव करते हैं, जो उन्हें आंतरिक शांति देता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-04.07.2025-शुक्रवार.
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