सूर्य पुनर्वसु प्रवेश-५ जुलाई २०२५ - शनिवार 🪔🙏☀️ 🐎 🌳 🤲 🧘 ⚖️ 💫 🪐 🔄 ✨ 😊

Started by Atul Kaviraje, July 06, 2025, 11:09:47 AM

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Atul Kaviraje

भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता - ५ जुलाई २०२५ - शनिवार 🪔🙏

यह शनिवार के महत्व को दर्शाती हुई एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधी-सादी, सरल और तुकबंदी वाली भक्तिपूर्ण दीर्घ कविता है, जिसमें सूर्य के पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश और घोड़े के वाहन का भी उल्लेख है। प्रत्येक चरण का अर्थ और दृश्य भी दिए गए हैं।

शनिवार की महिमा और पुनर्वसु का प्रवेश

चरण १
आज है शनिवार, ५ जुलाई का दिन,
शनिदेव का आशीर्वाद, सब लें गिन-गिन।
सूर्य भी आया है, पुनर्वसु में आज,
लेकर आया है, नया कोई राज।
अर्थ: आज ५ जुलाई, शनिवार का दिन है। इस दिन शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सूर्य भी आज पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर गया है, जो अपने साथ कोई नया रहस्य या अवसर लेकर आया है।

चरण २
घोड़ा है वाहन, गति है अपार,
आगे बढ़ो तुम, बिना किसी भार।
खोया हुआ सब, वापस मिलेगा,
उम्मीद की किरण, अब फिर खिलेगा।
अर्थ: पुनर्वसु नक्षत्र का वाहन घोड़ा है, जो असीम गति का प्रतीक है। इसका अर्थ है कि आप बिना किसी बोझ के आगे बढ़ेंगे। जो कुछ भी खो गया था, वह वापस मिलेगा, और उम्मीद की किरण फिर से चमकेगी।

चरण ३
कर्मों के दाता हैं, न्याय के वे देव,
दूर करें हर बाधा, मिटाएँ हर क्लेश।
ज्ञान का सागर है, पुनर्वसु का दान,
बृहस्पति की कृपा से, बढ़ेगा सम्मान।
अर्थ: शनिदेव कर्मों के दाता और न्याय के देवता हैं, जो हर बाधा और क्लेश को दूर करते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र ज्ञान का सागर है, और बृहस्पति की कृपा से आपका सम्मान बढ़ेगा।

चरण ४
काले तिल, तेल चढ़ाएँ, दीप जलाएँ घर,
हनुमान जी की भक्ति, देती है सहारा।
राहु-केतु का दोष, आज हो जाए शांत,
जीवन में आए सुख, मिटे हर भ्रांत।
अर्थ: काले तिल और तेल चढ़ाकर, घर में दीपक जलाकर हम पूजा करते हैं। हनुमान जी की भक्ति हमें सहारा देती है। राहु-केतु का दोष आज शांत हो जाए, जीवन में सुख आए और हर भ्रम दूर हो।

चरण ५
गरीबों की सेवा में, हाथ बढ़ाएँ हम,
शनिदेव प्रसन्न हों, दूर हो हर गम।
अन्न-वस्त्र का दान करें, दें हर को सहारा,
जीवन बने सफल और, खुशियों से प्यारा।
अर्थ: हमें गरीबों की सेवा में हाथ बढ़ाना चाहिए, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और हर दुख दूर होता है। अन्न और वस्त्र का दान करके, हर किसी को सहारा देकर जीवन सफल और खुशियों से भरा बनता है।

चरण ६
आत्म-चिंतन का अवसर, मिला आज हमें,
अपने कर्मों का लेखा, करें धीमे-धीमे।
नया संकल्प लें, नई राह चुनें,
आने वाले कल को, बेहतर अब बुनें।
अर्थ: आज हमें आत्म-चिंतन का अवसर मिला है। हमें अपने कर्मों का लेखा-जोखा धीरे-धीरे करना चाहिए। नया संकल्प लेकर नई राह चुननी चाहिए और आने वाले कल को अब बेहतर बनाना चाहिए।

चरण ७
शांति और संतोष से, भरे मन के द्वार,
शनिवार का ये दिन, लाए सुख अपार।
हर इच्छा पूरी हो, हर सपना सजे,
जीवन में खुशहाली, सदा ऐसे ही बजे।
अर्थ: मन के द्वार शांति और संतोष से भर जाएं। शनिवार का यह दिन अपार सुख लाए। हर इच्छा पूरी हो और हर सपना सजे, जीवन में खुशहाली सदा ऐसे ही बनी रहे।

दृश्य और इमोजी:
इस कविता के साथ आप निम्नलिखित चित्र, प्रतीक और इमोजी का उपयोग कर सकते हैं:

चित्र/प्रतीक:

शनिदेव की प्रतिमा या चित्र 🙏

सूर्य ☀️

घोड़ा 🐎

पीपल का पेड़ 🌳

जलते हुए दीपक या तेल का दीया 🪔

हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए 🙏

दान करते हुए हाथ 🤲

बृहस्पति का प्रतीक 🪐

इमोजी:
🪔 🙏 ☀️ 🐎 🌳 🤲 🧘 ⚖️ 💫 🪐 🔄 ✨ 😊 ❤️

इमोजी सारांश:
आज, ५ जुलाई २०२५, शनिवार को शनिदेव 🙏 और सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र ☀️ में प्रवेश का विशेष महत्व है, जिसका वाहन घोड़ा 🐎 है। यह दिन कर्मों के न्याय ⚖️, पुनर्प्राप्ति 🔄 और ज्ञान 📚 के लिए शुभ है। पीपल 🌳 के नीचे दीपक जलाएँ 🪔 और दान-पुण्य 🤲 करें। बृहस्पति 🪐 की कृपा से जीवन में समृद्धि ✨ और शांति 😊 बनी रहे।

--अतुल परब
--दिनांक-05.07.2025-शनिवार.
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