मोहर्रम-कर्बला की दास्तान, शहादत का बयान-🕌🖤💧⚔️😢✨⚰️🚶‍♂️🗣️🥤🙏📖🎶💖🕊️⚖️🌟

Started by Atul Kaviraje, July 07, 2025, 10:45:26 AM

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Atul Kaviraje

मोहर्रम पर हिंदी कविता-

०६ जुलाई २०२५, शनिवार

शीर्षक: कर्बला की दास्तान, शहादत का बयान

मोहर्रम का दिन आया, गम का है ये महीना,
याद आती कर्बला की, दिल में है कितना सीना।
इमाम हुसैन ने दी, हक की खातिर जान,
पानी को तरसे थे वो, आज है सारा जहान।
🕌🖤😢💧
अर्थ: मोहर्रम का दिन आ गया है, यह गम का महीना है। कर्बला की याद आती है, दिल में कितना दर्द है। इमाम हुसैन ने सत्य के लिए अपनी जान दे दी, वे पानी के लिए तरसते थे, आज सारा संसार उन्हें याद कर रहा है।

ताजिए सजे हैं देखो, ताबूत भी तैयार,
गुलों से सजाए इन्हें, आँसुओं की है धार।
जुलूस निकले शहरों में, "या हुसैन" की सदा,
शहादत याद दिलाती, सदियों से ये फिदा।
✨⚰️🚶�♂️🗣�
अर्थ: देखो, ताजिए सजे हैं और ताबूत भी तैयार हैं। इन्हें फूलों से सजाया गया है, और आँसुओं की धारा बह रही है। शहरों में जुलूस निकल रहे हैं, "या हुसैन" की आवाज गूँज रही है। यह शहादत की कहानी सदियों से याद दिलाती है।

सबीलें लगी हैं देखो, प्यासे को पानी मिले,
कर्बला की उस प्यास का, हर दिल को गम मिले।
शर्बत और पानी से, बुझाते हैं प्यास आज,
याद में उन शहीदों की, होता है ये सब काज।
🥤💧🙏
अर्थ: देखो, पानी की सबीलें लगी हैं, ताकि प्यासे को पानी मिले। कर्बला की उस प्यास का गम हर दिल को महसूस हो। आज शहीदों की याद में शर्बत और पानी से प्यास बुझाई जाती है।

मजलिसें सजी हैं, नौहे पढ़े जाते हैं,
कर्बला की कहानियाँ, दिल को रुलाते हैं।
छोटे-बड़े सब मिलकर, मातम ये करते हैं,
हुसैन के पैगाम को, हर दिल में भरते हैं।
📖🎶😭💖
अर्थ: मजलिसें सजी हैं, नौहे पढ़े जा रहे हैं। कर्बला की कहानियाँ दिल को रुलाती हैं। छोटे-बड़े सब मिलकर मातम करते हैं, हुसैन के पैगाम को हर दिल में भरते हैं।

सब्र और हिम्मत का, सबक सिखाया उन्होंने,
जुल्म के आगे कभी, सर न झुकाया उन्होंने।
इस्लाम की शान थे वो, हक पर अडिग रहे,
उनकी शहादत से, धर्म के चिराग जले।
🕊�⚖️🌟
अर्थ: उन्होंने सब्र और हिम्मत का सबक सिखाया, जुल्म के आगे कभी सर नहीं झुकाया। वे इस्लाम की शान थे, सत्य पर अटल रहे। उनकी शहादत से धर्म के चिराग जलते रहे।

विसर्जन का है ये पल, आँखों में नमी है,
ताजिए डूबते हैं जल में, दिल में कमी है।
अगले साल फिर मिलेंगे, ये आस लिए चलते,
या हुसैन के नारों से, आसमान भरते।
💧🙏✨
अर्थ: यह विसर्जन का पल है, आँखों में नमी है। ताजिए पानी में डूब रहे हैं, दिल में एक कमी महसूस हो रही है। अगले साल फिर मिलेंगे, यह उम्मीद लिए भक्त चलते हैं, और या हुसैन के नारों से आसमान गूँज उठता है।

गम का ये महीना, देता है पैगाम,
सच्चाई की राह पर, चलते रहो हर शाम।
हुसैन का बलिदान, हमको सिखाता है,
नेक राह पर चलकर ही, खुदा मिलता है।
🖤🌟🕌
अर्थ: गम का यह महीना एक संदेश देता है कि सच्चाई की राह पर हर शाम चलते रहो। हुसैन का बलिदान हमें सिखाता है कि नेक राह पर चलकर ही खुदा मिलता है।

इमोजी सारांश: 🕌🖤💧⚔️😢✨⚰️🚶�♂️🗣�🥤🙏📖🎶💖🕊�⚖️🌟

--अतुल परब
--दिनांक-06.07.2025-रविवार.
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