कविता - मधुमक्खियों पर पैर न रखने का दिवस-१० जुलाई २०२५, गुरुवार-

Started by Atul Kaviraje, July 10, 2025, 10:30:51 PM

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Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता - मधुमक्खियों पर पैर न रखने का दिवस पर 🐝

आज १० जुलाई २०२५, गुरुवार को, "मधुमक्खियों पर पैर न रखने का दिवस" के पावन अवसर पर यह एक सुंदर, अर्थपूर्ण और सरल कविता:

१. नन्हे जीव का महत्व 🌟
आज दिवस है खास, समझो ये बात,
मधुमक्खी पर न रखो, कभी भी लात।
नन्हे से जीव, पर काम महान,
जीवन को देते, नया सम्मान।
अर्थ: आज का दिन खास है, यह बात समझो कि मधुमक्खी पर कभी पैर न रखो। यह छोटा सा जीव है, पर इसका काम बहुत महान है, यह जीवन को नया सम्मान देता है।

२. परागण का आधार 🍎
फूलों से फूलों तक, वो उड़ती है,
पराग कणों से, जीवन को बुनती है।
फसलें उगाती, फल देती हैं ढेर,
इनके बिना कैसे, होगा सबेर?
अर्थ: वह फूलों से फूलों तक उड़ती है, पराग कणों से जीवन को बुनती है। वह फसलें उगाती है और ढेर सारे फल देती है, इनके बिना सुबह कैसे होगी?

३. खतरे में इनका जीवन 📉
कीटनाशकों का जहर, उनको मारे,
आवास उजड़ते, वे बेसहारे।
संख्या घट रही, ये चिंता बड़ी,
क्या होगा जग का, अगर ये मरे सभी?
अर्थ: कीटनाशकों का जहर उन्हें मार रहा है, उनके आवास उजड़ रहे हैं और वे बेसहारा हो रही हैं। उनकी संख्या घट रही है, यह एक बड़ी चिंता है, अगर वे सब मर गए तो दुनिया का क्या होगा?

४. हमारा कर्तव्य 🌱
बचाना इन्हें अब, हमारा फर्ज़,
कम करें कीटनाशक, करें वो मर्ज़।
फूलों के पौधे, आंगन में लगाएं,
मधुमक्खियों को हम, फिर से बुलाएं।
अर्थ: इन्हें बचाना अब हमारा कर्तव्य है, हमें कीटनाशकों का उपयोग कम करना चाहिए। अपने आंगन में फूलों के पौधे लगाएं, ताकि हम मधुमक्खियों को फिर से बुला सकें।

५. शहद और जीवन 🍯
शहद जो देती, मीठा और पावन,
कितने रोगों का, करती वो सावन।
जीवन में लाए, खुशियाँ हज़ार,
ये छोटी सी जीव, है जग का सार।
अर्थ: जो शहद देती है, वह मीठा और पवित्र होता है, वह कई बीमारियों का इलाज करती है। वह जीवन में हजारों खुशियाँ लाती है, यह छोटा सा जीव दुनिया का सार है।

६. प्रकृति का संतुलन 🌳
पारिस्थितिकी का, रखती संतुलन,
पेड़-पौधों का भी, है ये जीवन।
अगर ये न होंगी, न होंगे पेड़,
फिर कैसे चलेगा, जीवन का खेल?
अर्थ: यह प्रकृति का संतुलन बनाए रखती है, पेड़-पौधों का जीवन भी इसी से है। अगर ये नहीं होंगी, तो पेड़ भी नहीं होंगे, फिर जीवन का खेल कैसे चलेगा?

७. आओ करें संकल्प 🎗�
तो आओ आज हम, लें ये संकल्प,
नुकसान न दें इन्हें, ये हो संकल्प।
मधुमक्खियों को बचाएं, जीवन को संवारें,
आने वाली पीढ़ी को, ये सौगात दें प्यारे।
अर्थ: तो आओ आज हम यह संकल्प लें कि इन्हें नुकसान न दें। मधुमक्खियों को बचाएं, जीवन को संवारें और आने वाली पीढ़ी को यह प्यारी सौगात दें।

मधुमक्खियों और सभी परागणकों के संरक्षण के लिए हम सब मिलकर प्रयास करें! 🙏🐝

--अतुल परब
--दिनांक-11.07.2025-शुक्रवार.
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