मातृ सुरक्षा दिवस-गुरुवार- 10 जुलाई 2025-🤱💖

Started by Atul Kaviraje, July 11, 2025, 11:10:30 AM

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Atul Kaviraje

मातृ सुरक्षा दिवस-गुरुवार- 10 जुलाई 2025-

मातृ सुरक्षा दिवस: महत्व और विस्तृत विवेचन 🤱💖

आज, १० जुलाई २०२५, गुरुवार, "मातृ सुरक्षा दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। माँ बनना एक खूबसूरत अनुभव है, लेकिन यह कई स्वास्थ्य चुनौतियों के साथ भी आता है। इस दिन का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसव के बाद की अवधि के दौरान माताओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करना और मातृ मृत्यु दर को कम करना है।

यह लेख मातृ सुरक्षा दिवस के महत्व, इसके पीछे के उद्देश्यों और माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तार से प्रकाश डालेगा।

मातृ सुरक्षा दिवस: महत्व और उदाहरण सहित विवेचन
मातृ सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण पहल है जो गर्भवती महिलाओं और नई माताओं के सामने आने वाली स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करती है। सुरक्षित मातृत्व न केवल एक महिला का अधिकार है, बल्कि एक स्वस्थ समाज की नींव भी है।

यहाँ मातृ सुरक्षा दिवस के महत्व को १० प्रमुख बिंदुओं में समझाया गया है:

१. मातृ मृत्यु दर में कमी:
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था और प्रसव संबंधी जटिलताओं के कारण होने वाली मातृ मृत्यु को रोकना है। सुरक्षित प्रसव और समय पर चिकित्सा सहायता से कई जानें बचाई जा सकती हैं। 📉

२. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच:
यह दिवस सभी गर्भवती महिलाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रसवपूर्व, प्रसवकालीन और प्रसवोत्तर देखभाल तक समान पहुँच सुनिश्चित करने पर जोर देता है। इसमें नियमित जाँच, कुशल स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रसव और आपातकालीन देखभाल शामिल है। 🏥👩�⚕️

३. जागरूकता और शिक्षा:
यह दिन गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को पोषण, स्वच्छता, टीकाकरण और प्रसव के संकेतों के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाता है। 📢📚

४. परिवार नियोजन का महत्व:
परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुँच मातृ स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। यह महिलाओं को अपनी गर्भावस्था को योजनाबद्ध करने और अपने स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है। 👨�👩�👧�👦

५. एनीमिया और कुपोषण से बचाव:
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया और कुपोषण माताओं और शिशुओं दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। यह दिवस पोषण संबंधी जागरूकता और आयरन व फोलिक एसिड के सप्लीमेंट्स के सेवन पर जोर देता है। 🍎🥦

६. मानसिक स्वास्थ्य सहायता:
गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे प्रसवोत्तर अवसाद। यह दिवस इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करता है और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के महत्व को उजागर करता है। 🧠💙

७. सामुदायिक भागीदारी:
मातृ सुरक्षा केवल स्वास्थ्य पेशेवरों की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें समुदाय की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। यह दिवस स्थानीय समुदायों को मातृ स्वास्थ्य पहलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। 🤝

८. उदाहरण:

'जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम' (JSSK): भारत में यह कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है, जिससे मातृ मृत्यु दर कम हुई है।

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका: ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवा तक पहुँचने और जानकारी प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 👩�👩�👧�👦

९. बाल स्वास्थ्य पर प्रभाव:
माँ का स्वास्थ्य सीधे बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। स्वस्थ माँ स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है, जिससे शिशु मृत्यु दर भी कम होती है। 👶

१०. सशक्तिकरण:
मातृ सुरक्षा महिलाओं को सशक्त करती है, जिससे वे अपने और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सूचित निर्णय ले सकें। यह उन्हें समाज में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आत्मविश्वास प्रदान करता है। 💪

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-11.07.2025-शुक्रवार.
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