मखदूम उरुस करकम्ब, तालुका-पंढरपुर-

Started by Atul Kaviraje, July 11, 2025, 10:41:30 PM

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Atul Kaviraje

मखदूम उरुस करकम्ब, तालुका-पंढरपुर पर हिंदी कविता 📖

चरण 1: करकम्ब का धाम
पंढरपुर की पावन धरती,
करकम्ब में नूर की बस्ती।
मखदूम शाह बाबा का धाम,
हर ज़ुबां पर बस उनका नाम।
अर्थ: पंढरपुर की पवित्र भूमि पर, करकम्ब में एक दिव्य प्रकाश का वास है। यह मखदूम शाह बाबा का पवित्र स्थान है, और हर किसी की ज़ुबान पर उन्हीं का नाम है।
🕌✨🌟🙏

चरण 2: उरुस का यह मेला
आज लगा उरुस का मेला,
भक्तों का है यह रेला।
हिंदू-मुस्लिम सब आते,
प्रेम की चादर चढ़ाते।
अर्थ: आज उरुस का मेला लगा है, जहाँ भक्तों की भीड़ है। हिंदू और मुस्लिम सभी आते हैं और प्रेम की चादर चढ़ाते हैं।
🤝🧑�🤝�🧑❤️💖

चरण 3: सद्भाव की मिसाल
सद्भाव की यह है मिसाल,
मिट जाती हर ऊंची दीवार।
एकता का यह रंग गहरा,
खुशियों का हो जाए सवेरा।
अर्थ: यह धार्मिक सद्भाव का एक उदाहरण है, जहाँ सारी दीवारें मिट जाती हैं। यह एकता का गहरा रंग है, जिससे खुशियों का सवेरा हो जाए।
🌈🫂🕊�😊

चरण 4: कव्वाली की धुन
कव्वाली की धुन बजती,
रूह में इबादत जगती।
मन को मिलता है सुकून,
दूर होते सब जुनून।
अर्थ: कव्वाली की धुन बज रही है, जिससे आत्मा में भक्ति जागृत होती है। मन को शांति मिलती है और सारे जुनून दूर हो जाते हैं।
🎶🎤🧘�♀️😌

चरण 5: मन्नत की डोर
आते हैं सब मन्नत लेकर,
भर जाती झोली खुशियां देकर।
बाबा की कृपा बरसती है,
हर दिल में आस जगती है।
अर्थ: सभी अपनी मनोकामनाएँ लेकर आते हैं, और उनकी झोलियाँ खुशियों से भर जाती हैं। बाबा की कृपा बरसती है और हर दिल में उम्मीद जागृत होती है।
🤲🌟✨💖

चरण 6: सेवा का पाठ
सेवा का भाव यहाँ दिखता,
हर कोई खुशी से बिकता।
लंगर में सब खाते हैं,
भाईचारे से रह जाते हैं।
अर्थ: यहाँ सेवा का भाव दिखाई देता है, हर कोई खुशी से शामिल होता है। लंगर में सभी भोजन करते हैं और भाईचारे के साथ रहते हैं।
🍲🫂🤝😋

चरण 7: अमन का पैगाम
मखदूम बाबा का पैगाम,
अमन-शांति रहे हर शाम।
यह उरुस देता है सिखा,
जीवन जीना बस प्यार से।
अर्थ: मखदूम बाबा का संदेश है कि हर शाम शांति और सद्भाव रहे। यह उरुस हमें सिखाता है कि जीवन को केवल प्यार से जीना चाहिए।
🕊�🌍💖✨

--अतुल परब
--दिनांक-11.07.2025-शुक्रवार.
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