१४ जुलाई २०२५, सोमवार: संकष्टी चतुर्थी का महत्व और भक्तिभाव 🙏🌙🐘

Started by Atul Kaviraje, July 15, 2025, 09:37:23 AM

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Atul Kaviraje

संकष्ट चतुर्थी-

१४ जुलाई २०२५, सोमवार: संकष्टी चतुर्थी का महत्व और भक्तिभाव 🙏🌙🐘

आज, १४ जुलाई २०२५, सोमवार को, हम संकष्टी चतुर्थी का पावन पर्व मना रहे हैं। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और सभी शुभ कार्यों के प्रणेता माने जाते हैं। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

संकष्टी चतुर्थी का शाब्दिक अर्थ है 'संकटों को हरने वाली चतुर्थी'। यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आती है। इस दिन भक्त भगवान गणेश का व्रत रखते हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोलते हैं।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व और उदाहरण (१० प्रमुख बिंदु)

१.  बाधाएँ दूर करने वाला: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने और उनकी पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ और मुश्किलें दूर होती हैं।
* उदाहरण: किसी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत से पहले संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से उस कार्य में सफलता मिलने की मान्यता है। 🚧✨

२.  मनोकामना पूर्ति: सच्चे मन से की गई प्रार्थना और व्रत से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएँ पूर्ण करते हैं।
* उदाहरण: संतान प्राप्ति, अच्छे स्वास्थ्य या आर्थिक समृद्धि के लिए भक्त इस दिन विशेष प्रार्थना करते हैं। 🌟👶💰

३.  चंद्रमा का महत्व: इस व्रत में चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य का विशेष महत्व है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है। माना जाता है कि इससे मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
* उदाहरण: शाम को चंद्रोदय होने पर भक्त चाँद को जल, फूल और चंदन अर्पित करते हैं। 🌕💧

४.  पारिवारिक सुख-शांति: इस दिन परिवार के सदस्य मिलकर पूजा करते हैं, जिससे घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
* उदाहरण: परिवार के सभी सदस्य एक साथ आरती करते हैं और मोदक का प्रसाद बाँटते हैं। 👨�👩�👧�👦🕊�

५.  स्वास्थ्य लाभ: कुछ भक्त शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए इस व्रत का पालन करते हैं। नियमित व्रत से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
* उदाहरण: बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ के लिए इस दिन विशेष पूजा करते हैं। 🧘�♀️⚕️

६.  ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद: भगवान गणेश ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। इस दिन उनकी आराधना करने से शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
* उदाहरण: विद्यार्थी परीक्षा में सफलता पाने के लिए या ज्ञान वृद्धि के लिए गणेश जी की स्तुति करते हैं। 📚💡

७.  नकारात्मकता का नाश: संकष्टी चतुर्थी का व्रत नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाता है।
* उदाहरण: घर में किसी तरह की अशांति या नकारात्मकता महसूस होने पर इस व्रत को करने की सलाह दी जाती है। 🧹🛡�

८.  मोदक का भोग: भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय हैं। इस दिन उन्हें मोदक का भोग लगाना और उसका वितरण करना शुभ माना जाता है।
* उदाहरण: भक्त विभिन्न प्रकार के मोदक बनाकर गणेश जी को चढ़ाते हैं। 🥟😋

९.  कथा श्रवण: संकष्टी चतुर्थी की कथा सुनने का भी विशेष महत्व है। यह कथा भगवान गणेश के महत्व और उनके आशीर्वाद को दर्शाती है।
* उदाहरण: पूजा के बाद परिवार के सदस्य या पुजारी संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ करते हैं। 📖🗣�

१०. आत्म-नियंत्रण और अनुशासन: यह व्रत भक्तों को आत्म-नियंत्रण और अनुशासन सिखाता है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक है।
* उदाहरण: दिन भर उपवास रखना और नियमों का पालन करना व्यक्ति को संयम सिखाता है। 🙏🏽🧘

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.07.2025-सोमवार.
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