मरीमाता यात्रा पर हिंदी कविता-☮️

Started by Atul Kaviraje, July 16, 2025, 10:30:45 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

मरीमाता यात्रा पर हिंदी कविता-

कावलवाडी में आज, यात्रा का दिन है,
मरीमाता देवी का, हर मन अधीन है।
करमाळा की धरती पर, यह पावन पर्व आया,
भक्ति और श्रद्धा से, हर भक्त यहाँ समाया।
अर्थ: आज कावलवाडी में यात्रा का दिन है, मरीमाता देवी के प्रति हर मन समर्पित है। करमाळा की धरती पर यह पवित्र पर्व आया है, और हर भक्त भक्ति व श्रद्धा से यहाँ एकत्रित हुआ है।

रोगों से मुक्ति दे, तू माता दयालु,
हर दुख को हर ले, तू माता कृपालु।
तेरी शरण में आए हैं, लेकर आशा,
पूरण कर दे कामना, हे देवी हमारी भाषा।
अर्थ: हे दयालु माता, हमें रोगों से मुक्ति दे, हे कृपालु माता, हर दुख को दूर कर। हम आशा लेकर तेरी शरण में आए हैं, हे देवी, हमारी कामनाओं को पूरा कर दे।

भेदभाव ना कोई, सब एक समान,
प्रेम और सद्भाव का, देते हो तुम ज्ञान।
मिल-जुलकर मनाते हैं, यह पावन त्योहार,
तेरा आशीर्वाद मिलता, हर घर-द्वार।
अर्थ: यहाँ कोई भेदभाव नहीं, सब एक समान हैं, तुम प्रेम और सद्भाव का ज्ञान देती हो। हम सब मिलकर यह पवित्र त्योहार मनाते हैं, और तुम्हारा आशीर्वाद हर घर-द्वार पर मिलता है।

गाँव-गाँव से आते हैं, भक्त तेरे प्यारे,
लेकर आते हैं फूल, और श्रद्धा के सारे।
धुन पर नाचते, गाते हैं भजन,
तेरी महिमा का करते हैं, गुणगान।
अर्थ: तेरे प्यारे भक्त गाँव-गाँव से आते हैं, फूल और अपनी सारी श्रद्धा लेकर आते हैं। वे धुन पर नाचते हैं और भजन गाते हैं, तेरी महिमा का गुणगान करते हैं।

शक्ति स्वरूपा तू, कल्याणी मैया,
भक्तों की तू ही है, जीवन नैया।
दुष्टों का संहार करे, सबका करे भला,
तेरी जय-जयकार करते हैं, हर बाला।
अर्थ: तू शक्ति स्वरूपा है, कल्याणी मैया, तू ही भक्तों की जीवन नैया है। तू दुष्टों का संहार करती है और सबका भला करती है, हर बच्चा तेरी जय-जयकार करता है।

प्रसादी और भोजन, सब मिलकर खाते,
सेवा भाव से सब, पुण्य कमाते।
यह यात्रा है संगम, आस्था का प्यारा,
मन को शांति मिलती, मिलता किनारा।
अर्थ: प्रसादी और भोजन सब मिलकर खाते हैं, और सेवा भाव से सब पुण्य कमाते हैं। यह यात्रा आस्था का प्यारा संगम है, इससे मन को शांति मिलती है और सहारा मिलता है।

मरीमाता की कृपा, बनी रहे सदा,
हर जीवन में आए, सुख-समृद्धि की लता।
तेरा नाम जपने से, होती है शांति,
जय हो तेरी मैया, मिट जाए हर भ्रांति।
अर्थ: मरीमाता की कृपा हमेशा बनी रहे, हर जीवन में सुख-समृद्धि की लता आए। तेरा नाम जपने से शांति मिलती है, तेरी जय हो मैया, हर भ्रम मिट जाए।

कविता का संक्षिप्त अर्थ
यह कविता मरीमाता यात्रा और देवी के प्रति भक्तों की श्रद्धा का वर्णन करती है। यह माता को रोगों से मुक्ति दिलाने वाली, सामाजिक एकता बढ़ाने वाली और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाली देवी के रूप में महिमामंडित करती है। कविता में यात्रा के दौरान होने वाले भक्तिमय माहौल, सामुदायिक भावना और देवी के आशीर्वाद की कामना की गई है, जिससे जीवन में शांति और समृद्धि आए।

कविता के लिए प्रतीक और इमोजी
देवी का हाथ आशीर्वाद देते हुए: 🪷 आशीर्वाद और कृपा।

भक्तों की भीड़: 👥 सामूहिक भक्ति और एकता।

फूल: 🌺 श्रद्धा और भेंट।

संगीत के नोट: 🎶 भजन और कीर्तन।

परिवार: 👨�👩�👧�👦 सुख-समृद्धि।

स्वास्थ्य का प्रतीक: 💖 आरोग्य और कल्याण।

शांति का प्रतीक: ☮️ मन की शांति।

कविता का इमोजी सारांश
🪷👥🌺🎶👨�👩�👧�👦💖☮️

--अतुल परब
--दिनांक-16.07.2025-बुधवार.
===========================================