कृष्ण और कंस की पराजय: धर्म की विजय-🙏🌟⛓️👶❌🌧️🐍🍼😈➡️👼⛰️🙌🐘💥👑💀🤴✨🪔🏹💖

Started by Atul Kaviraje, July 17, 2025, 09:47:53 AM

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Atul Kaviraje

कृष्ण और कंस की पराजय-
Krishna and Kansa defeat-
(Krishna and the Defeat of Kamsa)

कृष्ण और कंस की पराजय: धर्म की विजय-

भगवान श्री कृष्ण और उनके मामा कंस के बीच का संघर्ष केवल दो व्यक्तियों का युद्ध नहीं था, बल्कि यह धर्म और अधर्म, सत्य और असत्य, न्याय और अन्याय के बीच का शाश्वत युद्ध था। यह कथा हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी बड़ी बुराई क्यों न हो, अंततः अच्छाई की ही विजय होती है। मथुरा के क्रूर राजा कंस का अंत भगवान कृष्ण के हाथों हुआ, जिसने धर्म की पुनः स्थापना की और भक्तों के हृदय में आशा का संचार किया। 🙏🌟

यहां कृष्ण और कंस की पराजय से जुड़े 10 प्रमुख बिंदु दिए गए हैं, जो भक्ति भाव से ओत-प्रोत हैं:

कंस का क्रूर शासन और भविष्यवाणी: कंस अपने पिता उग्रसेन को बंदी बनाकर मथुरा का राजा बना। वह अत्यंत क्रूर और अहंकारी था। एक आकाशवाणी ने उसे बताया कि देवकी (उसकी बहन) की आठवीं संतान उसका वध करेगी। इस भविष्यवाणी ने उसके मन में भय और क्रोध भर दिया।

उदाहरण: कंस ने अपनी बहन देवकी और उसके पति वसुदेव को कारागार में डाल दिया और उनकी सभी संतानों को जन्म लेते ही मार डालता था। ⛓️👶❌

श्री कृष्ण का जन्म और गोकुलगमन: भगवान श्री कृष्ण का जन्म घनघोर वर्षा और आधी रात को कारागार में हुआ। दिव्य शक्ति से प्रेरित होकर, वसुदेव उन्हें यमुना पार गोकुल में नंद बाबा और यशोदा मैया के पास छोड़ आए, जहां वे गुप्त रूप से पले-बढ़े।

उदाहरण: वसुदेव का यमुना नदी को पार करना, जहां शेषनाग ने उन्हें वर्षा से बचाया, यह दिव्य हस्तक्षेप का प्रतीक है। 🌧�🐍

कंस के अनेकों प्रयास: भविष्यवाणी से भयभीत कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अनगिनत असुरों और राक्षसों को गोकुल भेजा। पूतना, बकासुर, अघासुर, शकटासुर जैसे भयानक राक्षसों को कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं में ही समाप्त कर दिया।

उदाहरण: पूतना का विषैला दूध पीना और उसे मोक्ष प्रदान करना, जो कृष्ण की दिव्यता और परोपकारिता को दर्शाता है। 🍼😈➡️👼

बाल लीलाओं में दैवीय शक्ति का प्रदर्शन: कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं में ही अपनी अद्भुत शक्तियों का प्रदर्शन किया। माखन चुराना, गोवर्धन पर्वत उठाना, कालिया नाग का मर्दन करना - ये सभी लीलाएं उनके अवतार होने का प्रमाण थीं।

उदाहरण: गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाना ताकि वृंदावन के लोगों को इंद्र के क्रोध से बचाया जा सके। यह उनकी शक्ति और भक्तों के प्रति प्रेम को दर्शाता है। ⛰️🙌

अक्रूर का मथुरा आगमन: कंस को जब यह अहसास हुआ कि उसके भेजे गए सभी राक्षस मारे जा चुके हैं और कृष्ण अभी भी जीवित हैं, तो उसने अक्रूर को कृष्ण और बलराम को मथुरा लाने के लिए भेजा, ताकि वह उन्हें मल्लयुद्ध में मरवा सके।

उदाहरण: अक्रूर का कृष्ण के प्रति भक्ति भाव और उनका यह समझना कि कृष्ण ही भगवान विष्णु के अवतार हैं। 🙏 chariot

मथुरा आगमन और दुष्टों का संहार: कृष्ण और बलराम के मथुरा पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले कंस के क्रूर हाथी, कुवलयापीड को मारा, और फिर अपने बलशाली पहलवानों चाणूर और मुष्टिक का भी वध किया। यह कंस की सत्ता के अंत का संकेत था।

उदाहरण: कुवलयापीड का वध, जिसने कंस के सैनिकों के बीच दहशत पैदा कर दी। 🐘💥

कंस का वध: अंततः, कृष्ण सीधे कंस के पास पहुंचे। कंस ने कृष्ण पर हमला किया, लेकिन कृष्ण ने उसे पकड़ लिया और उसकी मृत्यु सुनिश्चित की। इस प्रकार, कंस का क्रूर शासन समाप्त हुआ।

उदाहरण: कृष्ण का कंस को रंगभूमि में ही मार गिराना, जिससे मथुरा की जनता को आतंक से मुक्ति मिली। 👑💀

धर्म की स्थापना और उग्रसेन की पुनर्स्थापना: कंस का वध करने के बाद, कृष्ण ने अपने नाना उग्रसेन को फिर से मथुरा का राजा बनाया। यह धर्म की पुनर्स्थापना और न्याय की विजय का प्रतीक था।

उदाहरण: उग्रसेन का राज्याभिषेक, जिसने मथुरा में शांति और सुशासन की वापसी का मार्ग प्रशस्त किया। 🤴✨

बुराई पर अच्छाई की विजय: कृष्ण और कंस की कथा बुराई पर अच्छाई की शाश्वत विजय का प्रतीक है। यह हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी शक्तिशाली बुराई क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की ही जीत होती है।

उदाहरण: हर वर्ष विजयादशमी पर रावण दहन और दिवाली पर अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव मनाना, जो इस सिद्धांत को दर्शाता है। 🪔🏹

भक्ति और शरणागति का महत्व: यह कथा भक्तों को यह संदेश देती है कि भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें हर संकट से बाहर निकालते हैं। कृष्ण की शरण में जाने से सभी भय और दुख दूर हो जाते हैं।

उदाहरण: गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण लेने वाले गोकुलवासियों को कृष्ण द्वारा बचाया जाना। 🙏💖

निष्कर्ष: भगवान श्री कृष्ण और कंस की पराजय की कथा केवल एक पौराणिक आख्यान नहीं है, बल्कि यह जीवन के शाश्वत सत्य को दर्शाती है। यह हमें विश्वास दिलाती है कि जब भी अधर्म बढ़ेगा, धर्म उसकी रक्षा के लिए अवतार लेगा। हमें हमेशा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलना चाहिए। जय श्री कृष्ण! 🚩🕉�

संक्षेप में इमोजी: 🙏🌟⛓️👶❌🌧�🐍🍼😈➡️👼⛰️🙌 chariot 🐘💥👑💀🤴✨🪔🏹💖🚩🕉�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-16.07.2025-बुधवार.
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