श्री साईं बाबा और 'आत्मविश्वास' पर हिंदी कविता-🧘‍♂️🙏💡❤️🌅💪⏳

Started by Atul Kaviraje, July 18, 2025, 10:04:54 AM

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Atul Kaviraje

श्री साईं बाबा और 'आत्मविश्वास' पर हिंदी कविता-

शिर्डी के साईं बाबा, देवों के देव,
ज्ञान दिया, हर दिल को, हर एक सेव।
आत्मविश्वास की ज्योति, उन्होंने जलाई,
श्रद्धा और सबूरी की, राह दिखलाई।
अर्थ: शिर्डी के साईं बाबा देवों के देव हैं, उन्होंने ज्ञान दिया और हर भक्त के दिल को शांति दी। उन्होंने आत्मविश्वास की ज्योति जलाई, और श्रद्धा व सबूरी की राह दिखाई।

अपने आप पर विश्वास रखो, यह शिक्षा दी,
ईश्वर की शक्ति है तुम में, यह प्रीत दी।
डर को भगाओ मन से, चिंता को त्यागो,
जीवन की हर बाधा से, हिम्मत से जागो।
अर्थ: उन्होंने शिक्षा दी कि अपने आप पर विश्वास रखो, और यह प्रेम दिया कि तुम में ईश्वर की शक्ति है। मन से डर को भगाओ, चिंता को त्यागो, जीवन की हर बाधा से हिम्मत के साथ जागो।

धैर्य रखो मेरे प्यारे, सबूरी का दान,
समय आने पर मिलेगा, हर एक सम्मान।
कठिनाई से ना डरो, यह है एक परीक्षा,
आत्मविश्वास से पाओगे, हर एक शिक्षा।
अर्थ: मेरे प्यारे, धैर्य रखो, सबूरी का दान दो, समय आने पर तुम्हें हर सम्मान मिलेगा। कठिनाई से मत डरो, यह एक परीक्षा है, आत्मविश्वास से तुम हर शिक्षा पाओगे।

आंतरिक शक्ति को पहचानो, तुम ही हो महान,
कोई भी मुश्किल नहीं, जो तुम ना कर पाओ।
अहंकार को त्यागो, बनो तुम विनम्र,
ज्ञान की प्यास में ही, पाओगे परम।
अर्थ: अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानो, तुम ही महान हो, कोई भी मुश्किल ऐसी नहीं जो तुम न कर सको। अहंकार को त्यागो, विनम्र बनो, ज्ञान की प्यास में ही तुम परम (ईश्वर) को पाओगे।

दूसरों की सेवा करो, यह है सच्चा धर्म,
निस्वार्थ भाव से जियो, यह है कर्म।
जब तुम दोगे दूसरों को, खुशी और सहारा,
बढ़ेगा आत्मविश्वास, मिलेगा किनारा।
अर्थ: दूसरों की सेवा करो, यही सच्चा धर्म है, निस्वार्थ भाव से जियो, यही कर्म है। जब तुम दूसरों को खुशी और सहारा दोगे, तो तुम्हारा आत्मविश्वास बढ़ेगा और तुम्हें किनारा मिलेगा।

हर अनुभव से सीखो, चाहे हो हार,
गिर कर उठना ही है, जीवन का सार।
सकारात्मक सोच रखो, हर पल आशा भरी,
आत्मविश्वास से ही मिलती, हर एक तरी।
अर्थ: हर अनुभव से सीखो, चाहे हार भी हो, गिर कर उठना ही जीवन का सार है। हर पल सकारात्मक और आशा से भरा सोच रखो, आत्मविश्वास से ही तुम्हें हर रास्ता मिलेगा।

साईं बाबा का संदेश, यह आज भी अमर है,
श्रद्धा और सबूरी से, जीवन सुंदर है।
आत्मविश्वास से जियो, बनो तुम धीर,
उनकी कृपा से पाओ, हर जीत, हर तीर।
अर्थ: साईं बाबा का संदेश आज भी अमर है, श्रद्धा और सबूरी से जीवन सुंदर है। आत्मविश्वास से जियो, धीर बनो, उनकी कृपा से तुम हर जीत और हर लक्ष्य पाओगे।

कविता का संक्षिप्त अर्थ
यह कविता श्री साईं बाबा की 'आत्मविश्वास' पर शिक्षाओं को सरल और भक्तिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करती है। इसमें 'श्रद्धा' (स्वयं पर और ईश्वर पर विश्वास) और 'सबूरी' (धैर्य) को आत्मविश्वास के आधार स्तंभ बताया गया है। कविता भय त्यागने, आंतरिक शक्ति पहचानने, विनम्रता और निस्वार्थ सेवा के माध्यम से आत्मविश्वास बढ़ाने के महत्व पर जोर देती है। यह भक्तों को साईं बाबा के दिखाए मार्ग पर चलकर अपने जीवन में खुशी और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।

कविता के लिए प्रतीक और इमोजी
साईं बाबा की आकृति: 🧘�♂️ गुरु का प्रतिनिधित्व।

आशीर्वाद देते हाथ: 🙏 आशीर्वाद और कृपा।

प्रज्वलित दीपक: 💡 ज्ञान और आंतरिक प्रकाश।

हृदय: ❤️ विश्वास और प्रेम।

उगता सूरज: 🌅 आशा और सकारात्मकता।

एक मजबूत हाथ: 💪 आत्मविश्वास और शक्ति।

घड़ी: ⏳ धैर्य।

कविता का इमोजी सारांश
🧘�♂️🙏💡❤️🌅💪⏳

--अतुल परब
--दिनांक-17.07.2025-गुरुवार.
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