राजनीति में पारदर्शिता: एक रोशनी (एक सुंदर कविता)-📅💡🤝💰🚫👁️‍🗨️✅📈📜❓💸🕵️‍♀

Started by Atul Kaviraje, July 18, 2025, 05:43:08 PM

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Atul Kaviraje

राजनीति में पारदर्शिता: एक रोशनी (एक सुंदर कविता)-

आज सत्रां जुला'ई है, दिन गुरुवार का आया,
राजनीति में पारदर्शिता, क्यों है इतनी भाया?
लोकतंत्र की आत्मा है, ये खुलापन महान,
जनता का विश्वास है, इसका सबसे पहला गान।
अर्थ: आज १७ जुलाई, गुरुवार है। राजनीति में पारदर्शिता इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? यह लोकतंत्र की आत्मा और महान खुलापन है। जनता का विश्वास ही इसका सबसे पहला गीत है।

जब पर्दे हट जाते हैं, हर लेखा-जोखा खुले,
भ्रष्टाचार के राक्षस, अँधेरे में ही जलें।
हर पाई का हिसाब हो, हर निर्णय हो साफ,
डर कर न कोई करे, अब कोई भी पाप।
अर्थ: जब पर्दे हट जाते हैं और हर हिसाब-किताब खुल जाता है, तो भ्रष्टाचार के राक्षस अँधेरे में ही जल जाते हैं। हर पैसे का हिसाब हो और हर निर्णय साफ हो, ताकि कोई डरकर कोई पाप न करे।

सरकार की हर चाल, जनता की आँखों में,
जवाबदेही का धागा, हर नेता के हाथों में।
सुशासन की ये नींव है, विकास की है ये चाल,
जहां पारदर्शिता चमके, वहाँ नहीं होता कोई बवाल।
अर्थ: सरकार की हर चाल जनता की आँखों में हो, और जवाबदेही का धागा हर नेता के हाथों में हो। यह सुशासन की नींव और विकास की चाल है; जहाँ पारदर्शिता चमकती है, वहाँ कोई विवाद नहीं होता।

आर.टी.आई. का जो वार, है वो बड़ा ही तेज,
नागरिक को शक्ति दे, करे हर सवाल सेज।
फंडिंग के हर स्रोत को, जब करना पड़े उजागर,
कोई स्वार्थी न डाले, अपने मन का गागर।
अर्थ: सूचना का अधिकार (RTI) का वार बहुत तेज है, यह नागरिक को शक्ति देता है और हर सवाल को तैयार करता है। जब फंडिंग के हर स्रोत को उजागर करना पड़े, तो कोई स्वार्थी व्यक्ति अपनी मनमानी नहीं कर पाता।

मीडिया है प्रहरी सच्चा, लोकतंत्र की है आँख,
खबरें वो दिखाता है, जहाँ होती हर धाँधली झाँक।
न्यायालय में भी हो ये, विधायिका में भी हो,
हर कानून बनाने में, पारदर्शिता हो।
अर्थ: मीडिया लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी और आँख है। वह हर धाँधली को उजागर करता है। न्यायालय और विधायिका में भी पारदर्शिता हो, और हर कानून बनाने में भी पारदर्शिता हो।

संकट के हर घड़ी में, जब आये कोई रोग,
खुली जानकारी से ही, दूर हो सब कुयोग।
अफवाहों का दम घुटे, जनता न डरे कभी,
पारदर्शिता की शक्ति, बचाए सब अभी।
अर्थ: संकट की हर घड़ी में, जब कोई बीमारी या आपदा आए, तो खुली जानकारी से ही सभी बुराइयाँ दूर होती हैं। अफवाहों का दम घुटे और जनता कभी न डरे; पारदर्शिता की शक्ति अभी सबको बचाए।

यह केवल एक सपना नहीं, है ये सच्ची जरूरत,
लोकतंत्र का ये प्राण है, इसकी यही है सूरत।
आओ मिलकर मांगें हम, ये रोशनी का द्वार,
जहाँ हर काम हो खुला, हर विचार हो साकार।
अर्थ: यह केवल एक सपना नहीं, यह एक सच्ची जरूरत है। यह लोकतंत्र का प्राण है, इसकी यही सूरत है। आओ मिलकर हम यह रोशनी का द्वार मांगें, जहाँ हर काम खुला हो और हर विचार साकार हो।

कविता के प्रतीक और इमोजी:

📅 कैलेंडर: दिन को दर्शाता है।

💡 बल्ब: रोशनी, पारदर्शिता, विचार।

🤝 हाथ मिलाना: विश्वास।

💰🚫 क्रॉस किए हुए पैसे: भ्रष्टाचार पर अंकुश।

👁��🗨� आँख: निगरानी, जनता की नज़र।

✅ चेक मार्क: सुशासन, सही निर्णय।

📈 बढ़ता ग्राफ: विकास।

📜 स्क्रॉल: आरटीआई, कानून।

❓ प्रश्न चिह्न: सवाल पूछने का अधिकार।

💸 पैसा: फंडिंग।

🕵��♀️ जासूस: जाँच।

📰 अखबार: मीडिया।

⚖️ तराजू: न्यायपालिका।

🏛� स्तंभ: सरकार, संस्थाएं।

🚨 सायरन: संकट।

🌍 पृथ्वी ग्लोब: विश्व, लोकतंत्र।

✨ चमक: सकारात्मक परिणाम।

इमोजी सारांश: 📅💡🤝💰🚫👁��🗨�✅📈📜❓💸🕵��♀️📰⚖️🏛�🚨🌍✨ - ये इमोजी कविता के मूल विचारों को दर्शाते हैं, जिसमें पारदर्शिता के लाभ, लोकतंत्र पर प्रभाव, और संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है।

--अतुल परब
--दिनांक-17.07.2025-गुरुवार.
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