प्रेम, अभिव्यक्ति और सीमाएं - डॉ. मृदुला आप्टे - कविता-❤️‍🩹💬🚧📱😊🤝💔💡

Started by Atul Kaviraje, July 19, 2025, 07:28:07 PM

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Atul Kaviraje

प्रेम, अभिव्यक्ति और सीमाएं - डॉ. मृदुला आप्टे - कविता-

प्रेम क्या है, कैसे इसे जताएं,
डॉ. आप्टे ने हमको ये समझाया।
ना बोले अगर हम, तो क्या हाल हो,
रिश्तों में भर जाए, गहरा मलाल हो।
अर्थ: प्रेम क्या है, इसे कैसे व्यक्त करें, डॉ. आप्टे ने हमें यह समझाया। अगर हम इसे व्यक्त न करें, तो क्या हाल होगा, रिश्तों में गहरा दुख भर जाएगा।

प्रेम की भाषाएं, पांच हैं निराली,
शब्द, सेवा, उपहार, संग समय है खाली।
स्पर्श की भाषा भी, है बहुत खास,
समझो इन्हें तो रिश्ते, बनेंगे खास।
अर्थ: प्रेम की भाषाएं पांच हैं, वे अनोखी हैं: शब्द, सेवा, उपहार, साथ में बिताया खाली समय। स्पर्श की भाषा भी बहुत खास है, इन्हें समझो तो रिश्ते खास बनेंगे।

आज के जग में, मुश्किल है जताने,
डिजिटल दीवारों से, दिल हैं घबराने।
दिखावे का प्रेम है, दिखता है ज्यादा,
निज के लिए कम, दूसरों से वादा।
अर्थ: आज की दुनिया में प्रेम व्यक्त करना मुश्किल है, डिजिटल दीवारों से दिल घबरा रहे हैं। दिखावटी प्रेम ज्यादा दिखता है, खुद के लिए कम और दूसरों से ज्यादा वादा करते हैं।

व्यक्तिगत स्थान भी, है बहुत ज़रूरी,
एक दूजे की सीमाओं का, हो सम्मान पूरी।
सांस लेने दो थोड़ी, हवा रिश्तों में,
घुटन ना हो कभी, अपने ही पिंजरों में।
अर्थ: व्यक्तिगत स्थान भी बहुत ज़रूरी है, एक-दूसरे की सीमाओं का पूरा सम्मान हो। रिश्तों में थोड़ी हवा आने दो, अपने ही पिंजरों में कभी घुटन न हो।

सम्मान है नींव, प्रेम का आधार,
बिन इसके रिश्ता, ना चले कभी पार।
इज्जत से बोलो, इज्जत से सुनो,
रिश्तों की बगिया, सदा हरी हो चुनो।
अर्थ: सम्मान प्रेम की नींव है, आधार है, इसके बिना रिश्ता कभी आगे नहीं बढ़ सकता। इज्जत से बोलो, इज्जत से सुनो, रिश्तों की बगिया हमेशा हरी-भरी चुनो।

गलतियाँ हैं करते, कुछ आम रिश्ते में,
संचार की कमी, रहती हर किस्से में।
अपेक्षाएं ऊंची, स्वार्थ का है जोर,
विश्वास जो टूटे, बिखरे हर छोर।
अर्थ: रिश्ते में कुछ आम गलतियाँ करते हैं, हर किस्से में संचार की कमी रहती है। अपेक्षाएं ऊंची होती हैं, स्वार्थ का जोर होता है, और जब विश्वास टूटता है, तो सब कुछ बिखर जाता है।

डॉ. आप्टे का संदेश, बड़ा ही है अनमोल,
समझो रिश्तों को, पाओगे तुम मोल।
खुले मन से जियो, प्रेम से भर जाओ,
जीवन की हर राह में, खुशियाँ ही पाओ।
अर्थ: डॉ. आप्टे का संदेश बहुत अनमोल है, रिश्तों को समझो, तुम उनका महत्व पाओगे। खुले मन से जियो, प्रेम से भर जाओ, जीवन की हर राह में खुशियाँ ही पाओगे।

कविता का संक्षिप्त अर्थ
यह कविता डॉ. मृदुला आप्टे के प्रेम, अभिव्यक्ति और सीमाओं से जुड़े मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है। यह प्रेम की सच्ची अभिव्यक्ति के महत्व, प्रेम न व्यक्त करने के परिणामों, प्रेम की भाषाओं को समझने, आज की दुनिया में प्रेम व्यक्त करने की चुनौतियों, दिखावटी प्रेम, व्यक्तिगत स्थान के महत्व, सम्मान को प्रेम का आधार मानने, और रिश्तों में होने वाली आम गलतियों पर प्रकाश डालती है। कविता अंत में स्वस्थ और खुशहाल रिश्ते बनाने के लिए आत्म-जागरूकता और खुले संवाद की आवश्यकता पर जोर देती है।

कविता के लिए प्रतीक और इमोजी

जुड़े हुए दिल: ❤️�🩹 प्रेम और संबंध

बातचीत के बुलबुले: 💬 अभिव्यक्ति और संवाद

सीमा रेखा: 🚧 व्यक्तिगत सीमाएं

मोबाइल फोन: 📱 डिजिटल संचार की चुनौती

खुश चेहरा: 😊 आत्म-प्रेम और संतोष

हाथ मिलाना: 🤝 सम्मान और विश्वास

टूटा हुआ दिल: 💔 रिश्तों में गलतियाँ

ज्ञान का प्रकाश: 💡 समझ और जागरूकता

कविता का इमोजी सारांश
❤️�🩹💬🚧📱😊🤝💔💡

--अतुल परब
--दिनांक-19.07.2025-शनिवार.
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