कविता: "हो सकता था" और "होना चाहिए था" को त्यागें दिवस-🌅🎯🧘‍♀️💖🍬🕊️📚⬆️🔥🔋

Started by Atul Kaviraje, July 19, 2025, 10:39:18 PM

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Atul Kaviraje

कविता: "हो सकता था" और "होना चाहिए था" को त्यागें दिवस-

१. [पहला चरण]
"हो सकता था", "होना चाहिए था", ये शब्द हैं भारी,
मन को उलझाते, ये सोच है बीमारी।
आज का दिन है ऐसा, जहाँ इनको त्यागें,
वर्तमान के सुख को, हम जी भरके चाहें।

अर्थ: "हो सकता था" और "होना चाहिए था" ये बहुत भारी शब्द हैं, जो मन को उलझाते हैं और एक बीमारी की तरह हैं। आज ऐसा दिन है जब हम इन्हें छोड़ दें, और वर्तमान के सुख को जी भरके जिएँ।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🧠⛓️🗑�😊

२. [दूसरा चरण]
अतीत की परछाई, क्यों हम ढोते जाएँ?
जो बीत गया है, उसे क्यों दोहराएँ?
माफ करें खुद को, हर भूल के लिए,
नया सवेरा है, नए लक्ष्य लिए।

अर्थ: अतीत की परछाई को हम क्यों ढोते रहें? जो बीत गया है, उसे क्यों दोहराएँ? हर गलती के लिए खुद को माफ करें, क्योंकि अब एक नया सवेरा है जिसमें नए लक्ष्य हैं।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 👻 forgiveness 🌅🎯

३. [तीसरा चरण]
वर्तमान में जीना, यही है असली कला,
हर पल को महसूस कर, भर ले जीवन में भला।
न चिंता कल की, न पछतावा बीता,
शांत मन से जी ले, ये जिंदगी मीठा।

अर्थ: वर्तमान में जीना ही असली कला है, हर पल को महसूस करके जीवन को अच्छा बना लें। न कल की चिंता हो और न बीते हुए का पछतावा, शांत मन से इस मीठी जिंदगी को जी लें।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🧘�♀️💖🍬🕊�

४. [चौथा चरण]
गलतियों से सीखें, आगे बढ़ते जाएँ,
गिरकर संभलकर, फिर से उठते जाएँ।
आत्म-विश्वास की, लौ को जगाएँ,
सकारात्मक ऊर्जा, जीवन में लाएँ।

अर्थ: गलतियों से सीखें और आगे बढ़ते रहें, गिरकर संभलकर फिर से उठते रहें। आत्म-विश्वास की लौ को जगाएँ, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएँ।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 📚⬆️🔥🔋

५. [पांचवा चरण]
जो छूट गया था, वो किस्मत का खेल,
आज है जो अपने पास, उससे करे मेल।
कृतज्ञता से भरें, हर छोटी-सी बात,
खुशियों की बारिश हो, दिन हो या रात।

अर्थ: जो छूट गया था, वह किस्मत का खेल था, आज जो अपने पास है, उससे तालमेल बिठाएँ। हर छोटी-सी बात के लिए कृतज्ञता से भर जाएँ, खुशियों की बारिश हो, चाहे दिन हो या रात।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🙏🎁🌧�☀️

६. [छठा चरण]
न कोई शिकायत, न कोई हो शिकवा,
बस प्यार का दीपक, जलाए ये दिलवा।
संबंधों में भरें, अब नई सी मिठास,
छोड़ दें कल की बातें, रहें आज के पास।

अर्थ: न कोई शिकायत हो और न कोई शिकवा, बस दिल में प्यार का दीपक जलाएँ। रिश्तों में अब नई मिठास भरें, कल की बातें छोड़ दें और आज के पास रहें।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 💖🕯�🍬🤝

७. [सातवां चरण]
मुक्त हो मन से, हर बोझ हटाकर,
हल्के होकर उड़ें, पंख फैलाकर।
यह दिवस हमें दे, नई उड़ान का मार्ग,
"हो सकता था" को छोड़ें, जीवन हो स्वर्ग।

अर्थ: मन से हर बोझ हटाकर मुक्त हो जाएँ, पंख फैलाकर हल्के होकर उड़ें। यह दिवस हमें नई उड़ान का मार्ग दे, "हो सकता था" को छोड़ दें और जीवन स्वर्ग जैसा हो जाए।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🕊�☁️🌈😇

इमोजी सारांश
🧠⛓️🗑�😊👻 forgiveness 🌅🎯🧘�♀️💖🍬🕊�📚⬆️🔥🔋🙏🎁🌧�☀️💖🕯�🍬🤝🕊�☁️🌈😇

यह इमोजी सारांश "हो सकता था" और "होना चाहिए था" को त्यागने के महत्व, आत्म-मुक्ति, वर्तमान में जीने, सकारात्मकता, कृतज्ञता, और मानसिक शांति की ओर बढ़ने के विचार को दर्शाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-19.07.2025-शनिवार.
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