कविता: प्राकृतिक आपदाओं के प्रति समाज की भूमिका-🌍🌪️💧😟💡📚🛡️😊🎒🏠🗺️🤝🍎💧

Started by Atul Kaviraje, July 19, 2025, 10:42:57 PM

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Atul Kaviraje

कविता: प्राकृतिक आपदाओं के प्रति समाज की भूमिका-

१. [पहला चरण]
प्रकृति का प्रकोप, जब भी है आता,
बाढ़, भूकंप या, तूफान है लाता।
इंसान और जीवन, सहम से जाते,
तब समाज की भूमिका, है काम में आते।

अर्थ: जब भी प्रकृति का प्रकोप आता है, चाहे वह बाढ़, भूकंप या तूफान हो, इंसान और जीवन सहम जाते हैं। तब समाज की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🌍🌪�💧😟

२. [दूसरा चरण]
जागरूकता का दीपक, हमें जलाना है,
हर एक व्यक्ति को, शिक्षित बनाना है।
क्या करना है कब, कैसे बचें हम,
ज्ञान की शक्ति से, कम हो हर गम।

अर्थ: हमें जागरूकता का दीपक जलाना है, और हर व्यक्ति को शिक्षित करना है। क्या करना है, कब और कैसे बचना है, ज्ञान की शक्ति से हर दुःख कम होगा।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 💡📚🛡�😊

३. [तीसरा चरण]
तैयारी का संकल्प, हम सब लें आज,
इमरजेंसी किट हो, न छोड़ें कोई राज।
निकासी की योजना, हो हर घर तैयार,
मिलकर हम करेंगे, हर संकट पार।

अर्थ: आज हम सब तैयारी का संकल्प लें, इमरजेंसी किट तैयार रखें, कोई रहस्य न छोड़ें। निकासी की योजना हर घर में तैयार हो, हम सब मिलकर हर संकट को पार करेंगे।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🎒🏠🗺�🤝

४. [चौथा चरण]
स्वयंसेवी बनकर, हम हाथ बढ़ाएँ,
राहत और बचाव में, जीवन बचाएँ।
भोजन और पानी, पहुँचाएँ हर एक को,
आश्रय दे सबको, न छोड़े अकेले को।

अर्थ: स्वयंसेवक बनकर हम हाथ बढ़ाएँ, राहत और बचाव कार्यों में जीवन बचाएँ। भोजन और पानी हर किसी तक पहुँचाएँ, और सबको आश्रय दें, किसी को अकेला न छोड़ें।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🤝🍎💧🏘�

५. [पांचवा चरण]
प्राथमिक उपचार का, ज्ञान हो सबको,
मरहम पट्टी बाँधे, सहारा दे रब को।
मानसिक पीड़ा को, समझें और बाँटें,
हर टूटे हुए दिल को, हम प्यार से छाँटें।

अर्थ: सबको प्राथमिक उपचार का ज्ञान हो, हम मरहम पट्टी बाँधें और ईश्वर से प्रार्थना करें। मानसिक पीड़ा को समझें और उसे बाँटें, हर टूटे हुए दिल को हम प्यार से संभालें।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🩹🧠❤️�🩹🫂

६. [छठा चरण]
अफवाहों से बचें, सच को फैलाएँ,
सही जानकारी से, सबको जगाएँ।
पुनर्निर्माण में भी, दें अपना हाथ,
मिलकर बनाएँगे, एक बेहतर कल साथ।

अर्थ: अफवाहों से बचें और सच को फैलाएँ, सही जानकारी से सबको जागरूक करें। पुनर्निर्माण में भी अपना हाथ दें, और मिलकर एक बेहतर कल बनाएँगे।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: 🚫🗣�🏗�🌱

७. [सातवां चरण]
लचीला समाज हो, नीति में हो भाग,
आपदा प्रबंधन, हर कदम पे हो जाग।
यही कामना है, हर संकट टले,
मानवता की मशाल, सदा जगमगे।

अर्थ: समाज लचीला हो, नीति निर्माण में उसकी भागीदारी हो, और आपदा प्रबंधन हर कदम पर जागरूक रहे। यही कामना है कि हर संकट टले, और मानवता की मशाल हमेशा जगमगाती रहे।

चित्र/चिन्ह/इमोजी: resilient 💡🌟🙏

इमोजी सारांश
🌍🌪�💧😟💡📚🛡�😊🎒🏠🗺�🤝🍎💧🏘�🩹🧠❤️�🩹🫂🚫🗣�🏗�🌱 resilient 🌟🙏

यह इमोजी सारांश प्राकृतिक आपदाओं के प्रति समाज की भूमिका, जागरूकता, तैयारी, स्वयंसेवा, प्राथमिक उपचार, मानसिक समर्थन, पुनर्निर्माण और लचीलापन बनाने के महत्व को दर्शाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-19.07.2025-शनिवार.
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