नियम-आधारित प्रणालियों का उदय और पतन: अच्युत गोडबोले-1-☔➡️🌂➡️🚗💨

Started by Atul Kaviraje, July 20, 2025, 05:35:03 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

Rise and fall of rule-based systems-Achyut Godbole-

नियम-आधारित प्रणालियों का उदय और पतन: अच्युत गोडबोले के विचारों पर एक विस्तृत विवेचन

नियम-आधारित प्रणालियाँ (Rule-Based Systems) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) के शुरुआती और महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक रही हैं। अच्युत गोडबोले, अपने गहन तकनीकी ज्ञान और सरल भाषा शैली के लिए जाने जाते हैं, अक्सर इन प्रणालियों के विकास, उनकी सीमाओं और अंततः उनके पतन पर प्रकाश डालते रहे हैं। आइए, 10 प्रमुख बिंदुओं में इन प्रणालियों के उदय और पतन को समझें।

1. नियम-आधारित प्रणालियों की मूल अवधारणा 💡
नियम-आधारित प्रणालियाँ, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, पूर्व-निर्धारित नियमों (rules) और तथ्यों (facts) पर आधारित होती हैं। ये नियम "यदि-तो" (If-Then) संरचना में होते हैं। उदाहरण के लिए, "यदि ग्राहक की आयु 60 वर्ष से अधिक है और वह सेवानिवृत्त है, तो उसे वरिष्ठ नागरिक छूट दें।" इन प्रणालियों को विशेषज्ञ प्रणाली (Expert Systems) भी कहा जाता था क्योंकि वे किसी विशेष क्षेत्र के मानवीय विशेषज्ञों के ज्ञान को कोडित करती थीं।

उदाहरण: चिकित्सा निदान के लिए MYCIN प्रणाली। 🩺

प्रतीक: एक कानून की किताब 📖

इमोजी सारांश: 📚⚙️

2. प्रारंभिक सफलता और आशावाद ✨
1970 और 1980 के दशक में, नियम-आधारित प्रणालियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएँ प्राप्त कीं। ये प्रणालियाँ उन समस्याओं को हल करने में सक्षम थीं जहाँ ज्ञान को स्पष्ट नियमों के रूप में व्यक्त किया जा सकता था। इसने AI के क्षेत्र में भारी आशावाद पैदा किया।

उदाहरण: DENDRAL (रसायन विज्ञान में अणु संरचना की पहचान) और XCON (कंप्यूटर सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन)। 🧪💻

प्रतीक: बढ़ता हुआ ग्राफ 📈

इमोजी सारांश: 🚀🌟

3. ज्ञान प्राप्ति (Knowledge Acquisition) की चुनौती 🤯
इन प्रणालियों की सबसे बड़ी चुनौती ज्ञान प्राप्ति थी। विशेषज्ञों से ज्ञान निकालकर उसे नियमों में परिवर्तित करना एक श्रमसाध्य, समय लेने वाली और त्रुटि-प्रवण प्रक्रिया थी। अक्सर, विशेषज्ञ अपने ज्ञान को स्पष्ट नियमों में व्यक्त करने में असमर्थ होते थे, जिसे "ज्ञान प्राप्ति अड़चन" (Knowledge Acquisition Bottleneck) के नाम से जाना जाता है।

उदाहरण: एक अनुभवी डॉक्टर अपनी अंतर्ज्ञान से मरीज का निदान करता है, लेकिन वह उस अंतर्ज्ञान को 100 नियमों में व्यक्त नहीं कर पाता। 👨�⚕️❓

प्रतीक: उलझी हुई तारें 🧶

इमोजी सारांश: 🤔 laborious 😥

4. जटिलता और रखरखाव की समस्या 🕸�
जैसे-जैसे नियमों की संख्या बढ़ती गई, प्रणाली की जटिलता भी बढ़ती गई। हजारों नियमों को बनाए रखना, उनमें संशोधन करना या नए नियम जोड़ना बेहद मुश्किल हो गया। एक नियम में बदलाव से पूरे सिस्टम पर अप्रत्याशित प्रभाव पड़ सकता था। इसे "नियमों का जाल" कहा जा सकता है।

उदाहरण: एक सॉफ्टवेयर जिसका कोड इतना विशाल हो गया है कि उसे समझना और सुधारना असंभव है। 📉

प्रतीक: मकड़ी का जाला 🕷�

इमोजी सारांश: 🕸� complicated 😵�💫

5. अपवादों को संभालने में अक्षमता 🚧
वास्तविक दुनिया में, हर नियम के अपवाद होते हैं। नियम-आधारित प्रणालियाँ अपवादों को प्रभावी ढंग से संभालने में कमजोर थीं। हर अपवाद के लिए एक नया नियम बनाना पड़ता था, जिससे सिस्टम और अधिक जटिल हो जाता था और अंततः अनुपयोगी बन जाता था।

उदाहरण: "यदि वर्षा हो रही है, तो छाता लें।" लेकिन यदि आप कार में हैं, तो छाते की आवश्यकता नहीं। इस अपवाद को संभालने के लिए अतिरिक्त नियमों की आवश्यकता होगी। ☔➡️🌂➡️🚗💨

प्रतीक: एक टूटी हुई कड़ी 🔗

इमोजी सारांश: ❌ exceptions 🤦�♀️

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-20.07.2025-रविवार.
===========================================