"कामिका एकादशी का पावन पर्व" २१ जुलाई २०२५, सोमवार-🌅✨🌸😊🧠💪🩺⏳🥳💖

Started by Atul Kaviraje, July 21, 2025, 10:32:54 PM

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Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता: "कामिका एकादशी का पावन पर्व"

२१ जुलाई २०२५, सोमवार - कामिका एकादशी

१. पहला चरण: एकादशी का आगमन
श्रावण मास की यह एकादशी, लाई पावन बेला,
कृष्ण पक्ष में आकर, मन में भक्ति का रेला।
विष्णु प्रिय यह तिथि है, करती पापों का नाश,
जीवन में भर देती है, सुख-शांति का प्रकाश।
अर्थ: श्रावण महीने की यह एकादशी पवित्र समय लेकर आई है। कृष्ण पक्ष में आकर यह मन में भक्ति की लहर जगाती है। यह तिथि भगवान विष्णु को प्रिय है, यह पापों को नष्ट करती है और जीवन में सुख-शांति का प्रकाश भर देती है।

२. दूसरा चरण: विष्णु पूजन का विधान
हरि का सुमिरन, हरि का ध्यान, होता इस दिन खास,
तुलसी दल अर्पित कर, पूरी होती हर आस।
विष्णु सहस्रनाम का, होता जब है पाठ,
जीवन की हर नैया का, मिलता सही घाट।
अर्थ: इस दिन भगवान विष्णु का स्मरण और ध्यान विशेष रूप से किया जाता है। तुलसी के पत्ते अर्पित करने से हर इच्छा पूरी होती है। जब विष्णु सहस्रनाम का पाठ होता है, तो जीवन की हर नैया को सही किनारा मिलता है।

३. तीसरा चरण: पितरों की मुक्ति
जो करते हैं यह व्रत, श्रद्धा भाव से पूर्ण,
पितरों को मिलती शांति, कष्ट होते चूर।
नरक से होकर मुक्ति, पाते स्वर्ग का द्वार,
एकादशी का यह व्रत, है अद्भुत उपहार।
अर्थ: जो लोग यह व्रत पूरी श्रद्धा से करते हैं, उनके पितरों को शांति मिलती है और उनके कष्ट दूर होते हैं। वे नरक से मुक्ति पाकर स्वर्ग का द्वार प्राप्त करते हैं। एकादशी का यह व्रत एक अद्भुत उपहार है।

४. चौथा चरण: संयम और शुद्धि
अन्न त्याग कर मन को, करते हैं हम शांत,
इंद्रियों पर नियंत्रण कर, पाते परम एकांत।
जागरण का पुण्य मिलता, भजन-कीर्तन से रात,
आत्मा की शुद्धि होती, मिट जाते हर जज़्बात।
अर्थ: अन्न का त्याग कर हम मन को शांत करते हैं। इंद्रियों पर नियंत्रण पाकर परम एकांत प्राप्त करते हैं। भजन-कीर्तन से रात में जागरण का पुण्य मिलता है, जिससे आत्मा शुद्ध होती है और सभी भावनाएं शांत हो जाती हैं।

५. पाँचवाँ चरण: दुर्भाग्य का निवारण
जीवन की हर बाधा, होती है जब दूर,
नकारात्मकता मिट जाती, किस्मत चमकती नूर।
शुभता का आगमन होता, हर दिशा में फैले,
दुख-दारिद्र्य मिटते हैं, मन आनंदित खेले।
अर्थ: जब जीवन की हर बाधा दूर हो जाती है, तो नकारात्मकता मिट जाती है और किस्मत चमक उठती है। शुभता का आगमन होता है और वह हर दिशा में फैल जाती है। दुख-दारिद्र्य मिट जाते हैं और मन खुशी से झूम उठता है।

६. छठा चरण: प्रकृति का आशीर्वाद
सावन की फुहारों में, प्रकृति भी मुस्काए,
कामिका एकादशी का, महत्व सबको बताए।
वृक्ष, नदियाँ और पर्वत, करते प्रभु का गुणगान,
इस दिन भक्ति में लीन, हो जाता हर इंसान।
अर्थ: सावन की फुहारों में प्रकृति भी मुस्कुराती है और कामिका एकादशी का महत्व सबको बताती है। वृक्ष, नदियाँ और पर्वत भगवान का गुणगान करते हैं, और इस दिन हर इंसान भक्ति में लीन हो जाता है।

७. सातवाँ चरण: विश्वास की विजय
श्रद्धा और विश्वास से, जो करते हैं यह काम,
विष्णु कृपा से मिलते, जीवन में सुख-धाम।
कामिका एकादशी का, यह है सच्चा विधान,
हर भक्त के लिए यह, मोक्ष का है दान।
अर्थ: जो लोग श्रद्धा और विश्वास से यह काम करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख और शांति मिलती है। कामिका एकादशी का यह सच्चा विधान है, और यह हर भक्त के लिए मोक्ष का दान है।

कविता का अर्थ (Short Meaning of the Poem):
यह कविता कामिका एकादशी के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाती है, जिसमें पापों का नाश, पितरों की मुक्ति, भगवान विष्णु की कृपा, और आंतरिक शांति की प्राप्ति पर जोर दिया गया है। यह व्रत के नियमों, तुलसी पूजा के महत्व और श्रावण मास के साथ इसके जुड़ाव को भी रेखांकित करती है, अंत में यह विश्वास की शक्ति और ईश्वर के आशीर्वाद से मिलने वाले सुख और मोक्ष की बात करती है।

प्रतीक और इमोजी (Symbols and Emojis for the Poem):

नया साल / नई सुबह 🌅: नए आरंभ का प्रतीक।

सुख-समृद्धि ✨: जीवन में खुशहाली और संपन्नता।

फूल 🌸: सुंदरता और ताजगी।

उत्साह 😊: खुशी और जोश।

ज्ञान 🧠: अनुभव से मिली समझदारी।

सफलता 💪: लक्ष्यों की प्राप्ति।

स्वास्थ्य 🩺: अच्छे स्वास्थ्य के लिए।

दीर्घायुष्य ⏳: लंबी उम्र।

खुश व्यक्ति 🥳: आनंद और उत्सव।

हृदय 💖: प्रेम और हार्दिकता।

इमोजी सारांश (Emoji Summary):
🌅✨🌸😊🧠💪🩺⏳🥳💖 - एक नया, खुशहाल और सफल जीवन, जिसमें स्वास्थ्य, ज्ञान और दीर्घायु के साथ हर दिन उत्साह और प्रेम से भरा हो।

--अतुल परब
--दिनांक-21.07.2025-सोमवार. 
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