"कर्जत की रथयात्रा: भक्ति का संगम" २१ जुलाई २०२५, सोमवार-🙏✨💖🎶📚💡😊🥳💧🧼🤝

Started by Atul Kaviraje, July 21, 2025, 10:33:51 PM

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Atul Kaviraje

दीर्घ हिंदी कविता: "कर्जत की रथयात्रा: भक्ति का संगम"

२१ जुलाई २०२५, सोमवार - गोदाद महाराज रथयात्रा, कर्जत, जिला-नगर

१. पहला चरण: पावन अवसर
कर्जत की धरती पर, आया पावन दिन,
संत गोदाद महाराज की, यात्रा का शुभ क्षण।
कामिका एकादशी संग, मिलकर यह पर्व,
भक्ति के रंग में रंगे, मन में फैले गर्व।
अर्थ: कर्जत की भूमि पर यह पवित्र दिन आया है, संत गोदाद महाराज की यात्रा का शुभ समय है। कामिका एकादशी के साथ मिलकर यह पर्व मन में भक्ति के रंग भर रहा है और गर्व फैला रहा है।

२. दूसरा चरण: आस्था का सैलाब
दूर-दूर से आए भक्त, चरणों में शीश झुकाने,
रथ के पीछे चलते, जयकारे लगाने।
हर मुख पर है नाम प्रभु का, हर दिल में है आस,
यह श्रद्धा का संगम है, अद्भुत है विश्वास।
अर्थ: दूर-दूर से भक्त शीश झुकाने आए हैं, रथ के पीछे चलते हुए जयकारे लगा रहे हैं। हर मुख पर प्रभु का नाम है, हर दिल में आशा है, यह श्रद्धा का संगम है, विश्वास अद्भुत है।

३. तीसरा चरण: संत की महिमा
गोदाद महाराज ने दी, ज्ञान की अलख जगाई,
जीवन को सार्थक करने की, राह दिखाई।
उनके अनुभवों से सीखे, जन-जन के प्राण,
आज रथ में विराजकर, करते हैं कल्याण।
अर्थ: गोदाद महाराज ने ज्ञान की ज्योति जलाई, जीवन को सार्थक करने का मार्ग दिखाया। उनके अनुभवों से हर व्यक्ति ने सीखा, आज रथ में विराजमान होकर वे सबका कल्याण कर रहे हैं।

४. चौथा चरण: रथ की शोभा
सजा है रथ फूलों से, चमक रहा है खूब,
भक्तों के हाथों से खिंचा, मिटा रहा हर ऊब।
पांडुरंग का आगमन, ऐसी है यह गाथा,
कर्जत की भूमि पर, धन्य हुई हर माथा।
अर्थ: रथ फूलों से सजा है और खूब चमक रहा है, भक्तों के हाथों से खिंच रहा है, हर थकान मिटा रहा है। पांडुरंग का आगमन, ऐसी है यह कहानी, कर्जत की भूमि पर हर माथा धन्य हुआ है।

५. पाँचवाँ चरण: पापों का हरण
कामिका का व्रत और, रथ का यह संचार,
हर पाप का हो रहा, इस दिन उद्धार।
मन की शुद्धि और शांति, मिलती है तत्काल,
जीवन होता है सफल, मिट जाती हर चाल।
अर्थ: कामिका एकादशी का व्रत और रथ का यह संचलन, इस दिन हर पाप का उद्धार हो रहा है। मन की शुद्धि और शांति तुरंत मिलती है, जीवन सफल होता है, और हर चाल (बुरे कर्म) मिट जाती है।

६. छठा चरण: एकता का संदेश
जात-पात का बंधन, मिटाता यह त्यौहार,
प्रेम और समरसता का, करता है विस्तार।
मिलकर सब गाते भजन, एक ही धुन में खोए,
मानवता का पाठ सिखाता, सब एक साथ रोए।
अर्थ: यह त्यौहार जाति-पाति का बंधन मिटाता है, प्रेम और समरसता का विस्तार करता है। सब मिलकर भजन गाते हैं, एक ही धुन में खोए रहते हैं, मानवता का पाठ सिखाता है और सब एक साथ (भावनात्मक होकर) रोते हैं।

७. सातवाँ चरण: आशीर्वाद की वर्षा
हर इच्छा पूरी हो, मिले सबका शुभ आशीष,
गोदाद महाराज की कृपा, रहे सदा शीश।
यह रथयात्रा लाए, खुशियों की सौगात,
मंगल हो हर भक्त का, हो शुभ हर प्रभात।
अर्थ: हर इच्छा पूरी हो, सबका शुभ आशीर्वाद मिले, गोदाद महाराज की कृपा हमेशा बनी रहे। यह रथयात्रा खुशियों की सौगात लाए, हर भक्त का मंगल हो और हर सुबह शुभ हो।

कविता का अर्थ (Short Meaning of the Poem):
यह कविता कर्जत में संत गोदाद महाराज की रथयात्रा का वर्णन करती है, जो कामिका एकादशी के साथ होती है। यह भक्तों की श्रद्धा, संत की महिमा, पापों के नाश, सामाजिक एकता और रथयात्रा के माध्यम से मिलने वाले आशीर्वाद पर प्रकाश डालती है। यह उत्सव आध्यात्मिक शुद्धि और सामूहिक भक्ति का प्रतीक है।

प्रतीक और इमोजी (Symbols and Emojis for the Poem):

पुण्य / पावन 🙏✨: पवित्रता और आशीर्वाद।

भक्ति 💖🎶: प्रेम और संगीत के साथ भक्ति।

ज्ञान 📚💡: संत द्वारा दिया गया ज्ञान और प्रकाश।

खुशी 😊🥳: उत्साह और आनंद।

शुद्धि 💧🧼: पापों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि।

एकता 🤝🌍: सामाजिक समरसता और विश्व बंधुत्व।

आशीर्वाद 🌟🤲: दिव्य कृपा और मंगल।

इमोजी सारांश (Emoji Summary):
🙏✨💖🎶📚💡😊🥳💧🧼🤝🌍🌟🤲 - गोदाद महाराज की रथयात्रा: पवित्रता, भक्ति, ज्ञान, खुशी, शुद्धि, एकता और दिव्य आशीर्वाद से भरा एक शुभ और प्रेरणादायक उत्सव।

--अतुल परब
--दिनांक-21.07.2025-सोमवार. 
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