कामिका एकादशी: २१ जुलाई २०२५, सोमवार -1-🌙🌱🌸🙏🕉️🕯️✨

Started by Atul Kaviraje, July 22, 2025, 10:57:25 AM

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Atul Kaviraje

कामिका एकादशी-

कामिका एकादशी: २१ जुलाई २०२५, सोमवार - महत्व और भक्तिभाव पूर्ण विवेचन 🌙🙏

२१ जुलाई २०२५, सोमवार का दिन कामिका एकादशी के पावन पर्व के रूप में मनाया जाएगा। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका विशेष धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह एकादशी भक्तों को आध्यात्मिक शुद्धि और शांति प्रदान करती है।

कामिका एकादशी का महत्व और विवेचन (१० प्रमुख बिंदु):

१.  पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति:
कामिका एकादशी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह व्यक्ति के सभी जाने-अनजाने पापों का नाश करती है। पद्म पुराण में भगवान कृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर को इस एकादशी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा है कि इसके व्रत से ब्रह्महत्या जैसे गंभीर पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। जो भक्त पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से यह व्रत करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे विष्णु लोक में स्थान पाते हैं।
उदाहरण: जैसे गंगा स्नान से शरीर शुद्ध होता है, वैसे ही कामिका एकादशी का व्रत आत्मा को शुद्ध करता है।

२.  पितरों को शांति और सद्गति:
इस एकादशी का व्रत रखने से न केवल व्रतधारी को लाभ होता है, बल्कि उसके पितरों को भी शांति मिलती है। यदि किसी व्यक्ति के पितर नरक में हों, तो इस व्रत के पुण्य से उन्हें स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। इसलिए, यह पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।
उदाहरण: जैसे कोई पुत्र अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध करता है, उसी प्रकार कामिका एकादशी का व्रत उनके लिए पुण्य प्रदान करता है।

३.  भगवान विष्णु की विशेष कृपा:
यह एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना और तुलसी दल अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। तुलसी को भगवान विष्णु का ही रूप माना गया है, और एकादशी पर तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है।
उदाहरण: जैसे कोई बच्चा अपने माता-पिता को प्रसन्न करने के लिए उनका पसंदीदा काम करता है, वैसे ही भक्त भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कामिका एकादशी का व्रत करते हैं।

४.  मानसिक शांति और आंतरिक शुद्धि:
व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। शारीरिक और मानसिक संयम के माध्यम से, भक्त अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करना सीखते हैं, जिससे उन्हें आंतरिक शांति और स्पष्टता प्राप्त होती है। यह आत्म-चिंतन और आत्म-शुद्धि का अवसर प्रदान करता है।
उदाहरण: जैसे शांत पानी में प्रतिबिंब स्पष्ट दिखता है, वैसे ही व्रत से शांत हुआ मन सच्चाई को देख पाता है।

५.  दुर्भाग्य और बाधाओं का निवारण:
मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ और दुर्भाग्य दूर होते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करता है और सकारात्मकता को आकर्षित करता है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
उदाहरण: जैसे दीपक जलाने से अंधकार दूर होता है, वैसे ही इस व्रत से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

इमोजी सारांश (Emoji Summary):
🌙🌱🌸🙏🕉�🕯�✨ - कामिका एकादशी: चंद्रमा, तुलसी और कमल के साथ भक्तिमय प्रार्थना, ज्ञान का प्रकाश और दिव्य आशीर्वाद।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-21.07.2025-सोमवार. 
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