भारतीय समाज में विविधता - 🌷 भारत की बहुरंगी शान 🌷🌍🏔️🏞️🏜️🕌⛪🛕🤝💖🗣️🍲👗

Started by Atul Kaviraje, July 22, 2025, 10:32:12 PM

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Atul Kaviraje

भारतीय समाज में विविधता पर हिंदी कविता-

🌷 भारत की बहुरंगी शान 🌷

१.
भारत भूमि है अद्भुत, विविधता का है धाम,
भाषाएँ, धर्म, रीति-रिवाज, हर चेहरा एक नाम।
कहीं पहाड़, कहीं नदियाँ, कहीं रेगिस्तान महान,
यह देश हमारा, हर रंग में है शान।
(अर्थ: भारत भूमि अद्भुत है, विविधता का घर है, भाषाएँ, धर्म, रीति-रिवाज, हर चेहरा एक नाम है। कहीं पहाड़, कहीं नदियाँ, कहीं महान रेगिस्तान है, यह देश हमारा, हर रंग में शान है।)
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२.
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब हैं भाई-भाई,
गुरुपर्व, दिवाली, ईद, क्रिसमस, सब मिलकर मनाई।
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे की गूँज,
प्रेम और सद्भाव की, हर दिल में है धुन।
(अर्थ: हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब भाई-भाई हैं, गुरुपर्व, दिवाली, ईद, क्रिसमस, सब मिलकर मनाते हैं। मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे की गूँज है, प्रेम और सद्भाव की हर दिल में धुन है।)
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३.
दक्षिण में तमिल, उत्तर में हिंदी की बहार,
बंगाली, मराठी, पंजाबी, हर भाषा का प्यार।
खाने में स्वाद अलग, वेशभूषा भी भिन्न,
फिर भी एक भारत है, यह हमारा अभिन्न।
(अर्थ: दक्षिण में तमिल, उत्तर में हिंदी की बहार है, बंगाली, मराठी, पंजाबी, हर भाषा का प्यार है। खाने में स्वाद अलग है, वेशभूषा भी भिन्न है, फिर भी एक भारत है, यह हमारा अभिन्न हिस्सा है।)
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४.
सहनशीलता की सीख, हमें विविधता से मिली,
एक दूजे का सम्मान करें, यही भावना खिली।
अलग सोच, अलग विचार, मिलते यहाँ अनमोल,
ज्ञान के नए द्वार खुलते, बनते सभी हमरोल।
(अर्थ: सहनशीलता की सीख हमें विविधता से मिली है, एक-दूसरे का सम्मान करें, यही भावना विकसित हुई है। अलग सोच, अलग विचार यहाँ अनमोल मिलते हैं, ज्ञान के नए द्वार खुलते हैं, सभी हमरोल बनते हैं।)
🕊�💡🤔

५.
गणतंत्र की है शक्ति, हर आवाज को सम्मान,
लोकतंत्र की जड़ें गहरी, यही भारत की शान।
विश्व में है पहचान अपनी, अनूठी संस्कृति की,
हर देश करे कदर, इस विविधता की।
(अर्थ: गणतंत्र की शक्ति हर आवाज को सम्मान देती है, लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं, यही भारत की शान है। विश्व में अपनी पहचान है, अनूठी संस्कृति की, हर देश इस विविधता की कदर करता है।)
🗳�🌍✨

६.
कला, संगीत और साहित्य, हर कोने में रंग,
चित्रकला, नृत्य और नाटक, बजता हर पल मृदंग।
यह विविधता ही हमारी, है रचनात्मकता का सार,
भारत की आत्मा है यह, यही है इसका आधार।
(अर्थ: कला, संगीत और साहित्य, हर कोने में रंग है, चित्रकला, नृत्य और नाटक, हर पल मृदंग बजता है। यह विविधता ही हमारी रचनात्मकता का सार है, यह भारत की आत्मा है, यही इसका आधार है।)
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७.
प्रार्थना है प्रभु से, यह विविधता बनी रहे,
प्रेम और भाईचारा सदा, हर दिल में बहे।
एकजुट होकर चलें हम, यही है कामना,
भारत माँ का गौरव बढ़ाएं, यही है साधना।
(अर्थ: प्रभु से प्रार्थना है कि यह विविधता बनी रहे, प्रेम और भाईचारा सदा हर दिल में बहे। एकजुट होकर हम चलें, यही कामना है, भारत माँ का गौरव बढ़ाएं, यही साधना है।)
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✨ इमोजी सारांश ✨
🇮🇳🌍🏔�🏞�🏜�🕌⛪🛕🤝💖🗣�🍲👗🕊�💡🤔🗳�✨🎨🎶🎭🙌

--अतुल परब
--दिनांक-22.07.2025-मंगळवार.
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