मार्गुबाई देवी यात्रा-बेवनूर, तालुका-जत पर कविता:-🏡🙏💖😊🦁💪🛡️🌟🚶‍♀️🎉🥥🎶⚕️

Started by Atul Kaviraje, July 24, 2025, 10:22:27 PM

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Atul Kaviraje

मार्गुबाई देवी यात्रा-बेवनूर, तालुका-जत पर हिंदी कविता: 24 जुलाई 2025-

मार्गुबाई देवी यात्रा
(प्रत्येक चरण 04 लाइनों का)

चरण 1: बेवनूर की पुकार
बेवनूर की माटी में, देवी का वास है,
मार्गुबाई के नाम से, हर मन में आस है।
आज यात्रा का दिन है, भक्तों का जमाव है,
श्रद्धा से भरे हृदय में, खुशियों का भाव है।
अर्थ: यह चरण बेवनूर गाँव में मार्गुबाई देवी के निवास और उनके प्रति भक्तों की आशा को दर्शाता है। यह बताता है कि आज यात्रा का दिन है, जब भक्त बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं, और उनके श्रद्धा से भरे हृदय में खुशी का भाव है।
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चरण 2: शक्ति का स्वरूप
सिंह पर सवारी करती, अष्टभुजी देवी मां,
कष्टों का नाश करती, सबकी रखवाली मां।
दुर्गा, काली का रूप, शक्ति का प्रवाह है,
भक्तों की हर पुकार सुनती, देती सच्चा राह है।
अर्थ: इस चरण में देवी मार्गुबाई के शक्तिशाली स्वरूप का वर्णन है, जो सिंह पर सवार हैं और अष्टभुजी हैं। वे कष्टों का नाश करती हैं और सबकी रक्षा करती हैं। वे दुर्गा और काली का रूप हैं, शक्ति का प्रतीक हैं, और भक्तों की हर पुकार सुनकर उन्हें सही रास्ता दिखाती हैं।
🦁💪🛡�🌟

चरण 3: भक्तों का मेला
दूर-दूर से आते हैं, भक्त जन हर साल,
चढ़ाते हैं नारियल, करते हैं मालामाल।
भजन-कीर्तन गूंजते, भरते प्रेम की ताल,
देवी के चरणों में मिलते, हर दुख का जाल।
अर्थ: यह चरण यात्रा में भक्तों की भीड़ का वर्णन करता है, जो हर साल दूर-दूर से आते हैं। वे देवी को नारियल चढ़ाते हैं और उन्हें समृद्ध करते हैं। भजन-कीर्तन की गूंज से प्रेम का माहौल बनता है, और देवी के चरणों में सभी दुखों का अंत होता है।
🚶�♀️🎉🥥🎶

चरण 4: मन्नतों की पूर्ति
रोग-दोष सब दूर हों, मिलती यहां मुक्ति है,
संतान का सुख देती, हर घर में अनुरक्ति है।
खेती में हो बरकत, देती खुशियों की युक्ति है,
मार्गुबाई की कृपा से, जीवन में अनुरक्ति है।
अर्थ: यह चरण देवी द्वारा भक्तों की मन्नतों की पूर्ति का वर्णन करता है। यहाँ रोगों से मुक्ति मिलती है, संतान सुख प्राप्त होता है, और हर घर में प्रेम बढ़ता है। खेती में बरकत होती है, और देवी खुशियों के उपाय बताती हैं। मार्गुबाई की कृपा से जीवन में प्रेम और संतुष्टि मिलती है।
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चरण 5: परंपरा और संस्कृति
ढोल-ताशे की धुन पर, नाचें हैं भक्तगण,
लोकगीतों की स्वरलहरी, मोहित होता है मन।
पुरानी रीति-रिवाज, जीवंत हों हर क्षण,
संस्कृति का ये संगम, देती है नया जीवन।
अर्थ: यह चरण यात्रा के दौरान की परंपरा और संस्कृति को दर्शाता है। ढोल-ताशे की धुन पर भक्तगण नाचते हैं, और लोकगीतों की मधुर आवाज मन को मोह लेती है। पुरानी रीति-रिवाज हर पल जीवंत होते हैं, और संस्कृति का यह संगम नया जीवन प्रदान करता है।
🥁💃🎶🎨

चरण 6: ग्राम का गौरव
बेवनूर का नाम ऊंचा, देवी का सम्मान है,
हर गली में खुशहाली, हर घर में अरमान है।
यात्रा का ये महापर्व, सबका अभिमान है,
मार्गुबाई की कृपा से, सुरक्षित ग्राम का शान है।
अर्थ: यह चरण बेवनूर गाँव के गौरव और देवी के सम्मान को दर्शाता है। यह बताता है कि देवी की कृपा से हर गली में खुशहाली और हर घर में आशा है। यात्रा का यह महापर्व सबका अभिमान है, और मार्गुबाई की कृपा से ग्राम की शान सुरक्षित है।
🏘�🌟🛡�💪

चरण 7: शुभता का समापन
आज का दिन पावन है, भक्ति का प्रवाह है,
मार्गुबाई का आशीर्वाद, देता नई राह है।
सुख-शांति से भर जाए, हर प्राणी की चाह है,
जीवन में हो आनंद, यही जीवन की आह है।
अर्थ: यह अंतिम चरण आज के पावन दिन और भक्ति के प्रवाह को दर्शाता है। यह कहता है कि मार्गुबाई का आशीर्वाद नई राह दिखाता है। हर प्राणी की इच्छा है कि जीवन सुख-शांति से भर जाए, और जीवन में आनंद हो, यही जीवन की पुकार है।
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इमोजी सारांश (कविता)
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--अतुल परब
--दिनांक-24.07.2025-गुरुवार.
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