दर्श अमावस्या (आषाढ़ अमावस्या) - २४ जुलाई, २०२५, गुरुवार 🌑🙏🕊️🌊💰🐍🌾✨🧑‍🤝‍

Started by Atul Kaviraje, July 25, 2025, 10:21:41 AM

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Atul Kaviraje

दर्श अमावस्या-आषाढ़ अमावस्या-

दर्श अमावस्या (आषाढ़ अमावस्या) - २४ जुलाई, २०२५, गुरुवार 🌑🙏

आज, २४ जुलाई २०२५, गुरुवार को दर्श अमावस्या मनाई जा रही है, जिसे आषाढ़ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और कई धार्मिक अनुष्ठानों तथा परंपराओं से जुड़ा है। यह अमावस्या आषाढ़ मास में पड़ती है, और इसका संबंध पितरों के तर्पण, स्नान-दान, और विभिन्न धार्मिक कार्यों से है। आइए, इस पावन दिवस के महत्व को विस्तार से समझते हैं।

दर्श अमावस्या का महत्व और विवेचन
पितरों का तर्पण और श्राद्ध: 🕊�
दर्श अमावस्या पितरों को समर्पित है। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और तर्पण से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं, जिससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

स्नान और दान का महत्व: 🌊💰
इस दिन पवित्र नदियों, सरोवरों या कुंडों में स्नान करने का विशेष महत्व है। गंगा, यमुना जैसी नदियों में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं, ऐसी धार्मिक मान्यता है। स्नान के बाद दान का भी विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ आदि का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और दरिद्रता दूर होती है।

कालसर्प दोष से मुक्ति: 🐍
कई ज्योतिषियों का मानना है कि दर्श अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जा सकती है। नाग देवता की पूजा और भगवान शिव का अभिषेक करने से इस दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

श्रावणी अमावस्या की तैयारी: 🌾
आषाढ़ अमावस्या के बाद श्रावण मास की शुरुआत होती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह अमावस्या श्रावण मास की धार्मिक गतिविधियों और व्रत-त्योहारों की तैयारी का संकेत देती है। इस दिन से प्रकृति में भी एक नया संचार देखने को मिलता है।

देवताओं का आशीर्वाद: 🙏✨
यह दिन देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा: 🧑�🤝�🧑
दर्श अमावस्या का महत्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता और सेवा का भी संदेश देता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना, वस्त्र देना या किसी भी प्रकार से उनकी मदद करना अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है।

मनोकामना पूर्ति: 🌟
जो भक्त सच्ची श्रद्धा से इस दिन पूजा-पाठ करते हैं या दान-पुण्य करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह दिन विशेष रूप से संतान प्राप्ति, धन वृद्धि और आरोग्य के लिए भी शुभ माना जाता है।

वातावरण की शुद्धि: 🌿
धार्मिक अनुष्ठानों और मंत्रोच्चारण से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन हवन-यज्ञ करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: ❌
मान्यता है कि अमावस्या की रात नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव अधिक होता है। इसलिए इस दिन विशेष मंत्रों का जाप और हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और भय दूर होता है।

आत्मिक शांति और संतोष: 🧘
इन सभी अनुष्ठानों और दान-पुण्य के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति और संतोष का अनुभव होता है। यह दिन हमें अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।

इस प्रकार, दर्श अमावस्या (आषाढ़ अमावस्या) केवल एक तिथि नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति, सेवा और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। यह हमें प्रकृति से जुड़ने और अपने मूल को याद रखने का संदेश देती है।

इमोजी सारांश: 🌑🙏🕊�🌊💰🐍🌾✨🧑�🤝�🧑🌟🌿❌🧘

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-24.07.2025-गुरुवार.
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