अंतरिक्ष से पृथ्वी (कविता) 🛰️✨🔵🌍

Started by Atul Kaviraje, July 25, 2025, 07:34:28 PM

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Atul Kaviraje

अंतरिक्ष से पृथ्वी (कविता) 🛰�✨

चरण 1: नीला ग्रह हमारा 🔵🌍
अंतरिक्ष से जब देखे, हम धरती का द्वार,
नीला ही नीला दिखे, है इसका आकार।
महासागर गहरे, फैला अपार,
जीवन का स्रोत है, ये अनमोल संसार।

अर्थ: यह चरण पृथ्वी के अंतरिक्ष से नीले दिखने का वर्णन करता है, जो मुख्य रूप से महासागरों के कारण है, और यह कैसे जीवन का आधार है।

चरण 2: महाद्वीपों का फैलाव 🏞�🏝�
नीले सागर के बीच, भूरे दिखें खंड,
महाद्वीपों की आकृति, है अगाध प्रचंड।
हर एक का अपना, अलग ही है दंड,
कहीं पहाड़ ऊँचे, कहीं रेतीला मंड।

अर्थ: यह भूभाग, यानी महाद्वीपों के फैलाव को दर्शाता है, जो महासागरों के बीच स्थित हैं और विभिन्न भू-आकृतियों को समाहित करते हैं।

चरण 3: प्रशांत की गहराई 🌊 profundo
प्रशांत महासागर, सबसे है विशाल,
गहराई उसकी, है बेमिसाल।
अटलांटिक, हिंद भी, फैला हर हाल,
पानी ही पानी दिखे, हर ऋतु हर साल।

अर्थ: यह पृथ्वी के विभिन्न महासागरों, विशेषकर प्रशांत महासागर की विशालता और गहराई को उजागर करता है।

चरण 4: सात खंडों की कहानी 🗺� continents
एशिया है सबसे बड़ा, अफ्रीका का रूप,
उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, अद्भुत स्वरूप।
अंटार्कटिका बर्फीला, यूरोप का सूप,
ऑस्ट्रेलिया भी सुंदर, है अपना अनूप।

अर्थ: यह पृथ्वी के सात प्रमुख महाद्वीपों का उल्लेख करता है और उनकी अनूठी विशेषताओं को संक्षिप्त में बताता है।

चरण 5: तटरेखाओं का जाल 📏 coastline
तटरेखाएँ दिखें, रेखाएँ हैं लंबी,
जल और थल का, संगम है रंभी।
खाड़ियाँ, द्वीप समूह, दिखते हैं संभवी,
कुदरत की कला का, अद्भुत है अजनबी।

अर्थ: यह महाद्वीपों और महासागरों के बीच की जटिल तटरेखाओं का वर्णन करता है, जहाँ भूमि और जल मिलते हैं।

चरण 6: बादलों का नृत्य ☁️🌧�
बादल भी दिखें, घूमते हैं यहाँ,
मौसम की चाल, बताते हैं क्या।
समुद्र से उठें, पहुँचें हैं कहाँ,
जीवन चक्र का, अद्भुत है जहाँ।

अर्थ: यह दर्शाता है कि अंतरिक्ष से बादलों के पैटर्न को कैसे देखा जा सकता है, जो मौसम और पृथ्वी के जल चक्र को दर्शाते हैं।

चरण 7: धरती का गौरव 💎✨
यह हमारी धरती, सुंदर और खास,
महासागर, महाद्वीप, फैला विश्वास।
देखकर इसे ऊपर से, होता है आभास,
इस अनमोल ग्रह का, करें हम सहवास।

अर्थ: यह अंतिम चरण पृथ्वी की समग्र सुंदरता और महत्व पर जोर देता है, और यह हमें इस अनमोल ग्रह की देखभाल करने की प्रेरणा देता है।

--अतुल परब
--दिनांक-25.07.2025-शुक्रवार.
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