भवानी माता का कर्म योग और भक्तों का कर्तव्य -🌟🌍🙏⚔️🛡️💪❤️🤲💖😊✨🧘‍♀️💡📚😇🕊

Started by Atul Kaviraje, July 25, 2025, 10:05:02 PM

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Atul Kaviraje

भवानी माता का कर्म योग और भक्तों का कर्तव्य - हिंदी कविता-

चरण 1
भवानी माता कर्म योगिनी, जग की पालनहारी हैं,
अधर्म मिटाती, धर्म बढ़ाती, शक्ति की अवतारी हैं।
हर पल रहतीं सृष्टि हित में, निस्वार्थ सेवा भावी हैं,
भक्तों का भी यही कर्तव्य, बनें कर्तव्यधारी हैं।
हिंदी अर्थ: भवानी माता कर्म करने वाली, संसार का पालन करने वाली हैं। वे अधर्म को मिटाती हैं और धर्म को बढ़ाती हैं, शक्ति का अवतार हैं। वे हर पल सृष्टि के हित में लगी रहती हैं, निस्वार्थ सेवा का भाव रखती हैं। भक्तों का भी यही कर्तव्य है कि वे भी अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले बनें।
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चरण 2
महिषासुर मर्दिनी रूप में, दुष्टों का संहार किया,
चंड-मुंड संहारे क्षण में, भक्तों को उद्धार दिया।
संकट में जो याद करे माँ को, सदा ही उनको तार दिया,
कर्तव्य हमारा, बुराई से लड़ना, सत्य पथ स्वीकार किया।
हिंदी अर्थ: महिषासुर मर्दिनी के रूप में उन्होंने दुष्टों का नाश किया। उन्होंने तुरंत चंड और मुंड का संहार करके भक्तों को मुक्ति दिलाई। जो भी संकट में माँ को याद करता है, माँ ने हमेशा उनका उद्धार किया है। हमारा कर्तव्य है कि हम भी बुराई से लड़ें और सत्य के मार्ग को अपनाएं।
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चरण 3
निस्वार्थ भाव से करतीं कर्म, ना कोई फल की आशा है,
बस सृष्टि का कल्याण यही, उनके मन की अभिलाषा है।
हम भी करें कर्म निष्ठा से, न मन में कोई निराशा है,
सेवा भाव से भरा रहे मन, यही सच्ची परिभाषा है।
हिंदी अर्थ: वे निस्वार्थ भाव से कर्म करती हैं, किसी फल की आशा नहीं रखतीं। बस सृष्टि का कल्याण ही उनके मन की इच्छा है। हमें भी निष्ठा से कर्म करना चाहिए, मन में कोई निराशा नहीं होनी चाहिए। मन सेवा भाव से भरा रहे, यही सच्ची परिभाषा है।
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चरण 4
कठिनाई से ना डगमगातीं, धैर्य का देतीं पाठ सदा,
ज्ञान ज्योति से राह दिखातीं, करतीं दूर हर आफत कदा।
हम भी जीवन पथ पर चलें, रखें धीरज हर इक अदा,
अज्ञान मिटाएं, ज्ञान बढ़ाएं, यही है प्रभु की आज्ञा।
हिंदी अर्थ: वे कठिनाइयों से कभी विचलित नहीं होतीं, हमेशा धैर्य का पाठ पढ़ाती हैं। वे ज्ञान की ज्योति से रास्ता दिखाती हैं और हर आफत को दूर करती हैं। हमें भी जीवन के मार्ग पर चलना चाहिए, हर परिस्थिति में धैर्य रखना चाहिए। अज्ञान को मिटाएं, ज्ञान को बढ़ाएं, यही ईश्वर की आज्ञा है।
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चरण 5
शक्ति और कोमलता का संगम, रूप उनका है अनुपम,
माँ की ममता है अपरंपार, भक्तों पर करतीं करम।
हम भी जीवन में संतुलन साधें, न रहें कभी हम मदम,
प्यार और दया से पूर्ण हों, यही है उनका परम।
हिंदी अर्थ: शक्ति और कोमलता का संगम हैं उनका अनुपम रूप। माँ की ममता अपरंपार है, वे भक्तों पर कृपा करती हैं। हमें भी जीवन में संतुलन साधना चाहिए, कभी घमंडी नहीं होना चाहिए। प्यार और दया से परिपूर्ण हों, यही उनका सर्वोच्च संदेश है।
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चरण 6
त्याग और वैराग्य का पथ, माँ ने स्वयं दिखाया है,
फल की चिंता छोड़ कर्म को, जीवन में अपनाया है।
हम भी करें कर्म निज कर्तव्य, मन को ना भरमाया है,
आसक्ति छोड़ें, शांति पाएं, यही सुख का पाया है।
हिंदी अर्थ: त्याग और वैराग्य का मार्ग माँ ने स्वयं दिखाया है। उन्होंने फल की चिंता छोड़कर कर्म को जीवन में अपनाया है। हमें भी अपने कर्तव्य के रूप में कर्म करना चाहिए, मन को भ्रमित नहीं करना चाहिए। आसक्ति छोड़ें, शांति पाएं, यही सुख का मार्ग है।
🕊�🧘�♀️✨ serenity

चरण 7
समाज सेवा में लीन रहें, परोपकार का भाव धरें,
माँ के दिखाए पथ पर चलें, हर प्राणी का मंगल करें।
यही सच्चा कर्म योग है, जिससे जीवन सफल करें,
भवानी माता की कृपा पाएं, भवसागर को पार करें।
हिंदी अर्थ: समाज सेवा में लीन रहें, परोपकार का भाव रखें। माँ के दिखाए मार्ग पर चलें, हर प्राणी का कल्याण करें। यही सच्चा कर्म योग है, जिससे जीवन सफल होता है। भवानी माता की कृपा पाएं और भवसागर को पार करें।
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ईमोजी सारांश: 🌟🌍🙏⚔️🛡�💪❤️🤲💖😊✨🧘�♀️💡📚😇🕊�🤝

--अतुल परब
--दिनांक-25.07.2025-शुक्रवार.
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