नक्त व्रतारंभ-

Started by Atul Kaviraje, July 25, 2025, 10:30:58 PM

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Atul Kaviraje

नक्त व्रतारंभ पर हिंदी कविता 🌅
दिनांक: 25 जुलाई 2025, शुक्रवार

विषय: नक्त व्रतारंभ-

श्रावण का पहला, शुभ शुक्रवार, 🗓�
नक्त व्रत का, आरंभ है आज।
दिन भर का उपवास, संयम की डोरी,
रात में भोजन, है भक्ति की लोरी। 🙏
अर्थ: श्रावण का पहला शुभ शुक्रवार है, आज नक्त व्रत का आरंभ है। दिन भर का उपवास संयम की डोरी है, और रात में भोजन भक्ति की लोरी जैसा है।

छंद 1
सुबह से शाम तक, अन्न का त्याग है, 🚫
मन में प्रभु का, केवल राग है।
इच्छाओं पर काबू, आत्मा की शुद्धि,
पापों का शमन, मिले सच्ची बुद्धि। ✨
अर्थ: सुबह से शाम तक भोजन का त्याग है, मन में केवल प्रभु का प्रेम है। इच्छाओं पर नियंत्रण और आत्मा की शुद्धि होती है, पापों का नाश होता है और सच्ची बुद्धि मिलती है।

छंद 2
जब तारे निकलें, रात का हो पहर, 🌙
तब ही भक्त करे, सात्विक आहार।
दूध और फल हों, या हो अन्न से दूर,
काया को मिले, एक नया नूर। 🍎
अर्थ: जब तारे निकलें और रात का पहर हो, तभी भक्त सात्विक भोजन करे। दूध और फल हों, या अन्न से दूर हो, शरीर को एक नई चमक मिले।

छंद 3
श्रावण मास में, शिव की महिमा है, 🕉�
नक्त व्रत से, हर इच्छा पूरी है।
जीवन की बाधाएँ, होती हैं दूर,
आँखों में भर जाए, आनंद का नूर। 🎉
अर्थ: श्रावण मास में शिव की महिमा है, नक्त व्रत से हर इच्छा पूरी होती है। जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं, आँखों में आनंद की चमक भर जाती है।

छंद 4
तन-मन की शुद्धि, इस व्रत का सार, 🧘�♀️
प्रकृति से जुड़कर, हो उद्धार।
शांत चित्त से, करें हम ध्यान,
जीवन में आए, सच्चा कल्याण। 🌿
अर्थ: तन और मन की शुद्धि इस व्रत का सार है, प्रकृति से जुड़कर उद्धार होता है। शांत मन से हम ध्यान करें, जीवन में सच्चा कल्याण आए।

छंद 5
पारिवारिक सुख, और उत्तम संतान,
माँगते हैं भक्त, प्रभु से वरदान।
हर संकट कटे, दुर्मति भी भागे,
सकारात्मक ऊर्जा, जीवन में जागे। 👨�👩�👧�👦
अर्थ: पारिवारिक सुख और उत्तम संतान, भक्त प्रभु से यही वरदान मांगते हैं। हर संकट दूर हो, बुरी बुद्धि भी भाग जाए, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा जागे।

छंद 6
यह व्रत हमें, संयम सिखाता है,
अधर्म से हमें, दूर हटाता है।
परंपरा का मान, हम रखते हैं सदा,
आशीर्वाद मिलता, हर शुभ घड़ी में। 📜
अर्थ: यह व्रत हमें संयम सिखाता है, अधर्म से हमें दूर रखता है। हम परंपरा का सम्मान हमेशा रखते हैं, हर शुभ घड़ी में आशीर्वाद मिलता है।

छंद 7
नक्त व्रत की, यह पावन घड़ी, 🙏
भक्ति में डूबो, हर भक्त की झड़ी।
जीवन सफल हो, खुशियाँ हों अपार,
तारों की रोशनी में, हो जयजयकार। ✨🌟
अर्थ: नक्त व्रत की यह पवित्र घड़ी है, भक्ति में डूबो, हर भक्त की भीड़ है। जीवन सफल हो, खुशियाँ अपार हों, तारों की रोशनी में जयजयकार हो।

--अतुल परब
--दिनांक-25.07.2025-शुक्रवार.
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