राष्ट्रीय मदिरा एवं पनीर दिवस-

Started by Atul Kaviraje, July 25, 2025, 10:31:42 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय मदिरा एवं पनीर दिवस पर हिंदी कविता 🌅
दिनांक: 25 जुलाई 2025, शुक्रवार

विषय: राष्ट्रीय मदिरा एवं पनीर दिवस-

आज का दिन है, खास ये शुक्रवार, 🗓�
मदिरा और पनीर का, है त्योहार।
स्वाद की दुनिया में, डूबेगा मन,
खुशियों से भर जाए, हर एक क्षण। 🍷🧀
अर्थ: आज का दिन यह खास शुक्रवार है, मदिरा और पनीर का त्योहार है। मन स्वाद की दुनिया में डूब जाएगा, हर एक क्षण खुशियों से भर जाएगा।

छंद 1
अंगूर का रस, बनके मदिरा आया, 🍇
दूध का स्वरूप, पनीर कहलाया।
दोनों का संगम, अद्भुत है यार,
भोजन के संग में, ये हैं गुलज़ार। 😋
अर्थ: अंगूर का रस मदिरा बनकर आया, दूध का स्वरूप पनीर कहलाया। दोनों का संगम अद्भुत है, यार, भोजन के साथ ये बहुत खूबसूरत लगते हैं।

छंद 2
लाल या सफेद, जो भी पसंद हो, 🥂
पनीर की किस्में, हर स्वाद में हों।
चेडर, मोज़ेरेला, या हो ब्री खास,
हर टुकड़ा दे, आनंद का अहसास। 🌍
अर्थ: लाल या सफेद, जो भी पसंद हो, पनीर की किस्में हर स्वाद में हों। चेडर, मोज़ेरेला, या खास ब्री हो, हर टुकड़ा आनंद का अहसास दे।

छंद 3
दोस्तों के संग में, महफ़िल सजी है, 🎉
हंसी और बातें, खूब मज़े की।
गिलास टकराएँ, शुभकामनाएँ दें,
जीवन की खुशियाँ, दिल से जी लें। 🤝
अर्थ: दोस्तों के साथ महफ़िल सजी है, हंसी और बातें खूब मज़े की हैं। गिलास टकराएँ, शुभकामनाएँ दें, जीवन की खुशियाँ दिल से जी लें।

छंद 4
कारीगरों की कला, इसमें छिपी है, 🧑�🍳
मेहनत और लगन, इसमें बसी है।
खेतों से उठकर, ये आता है थाली,
स्वास्थ्य और स्वाद, लाए हरियाली। 🌿
अर्थ: कारीगरों की कला इसमें छिपी है, मेहनत और लगन इसमें बसी है। खेतों से उठकर यह थाली में आता है, स्वास्थ्य और स्वाद हरियाली (समृद्धि) लाए।

छंद 5
आराम का पल है, तनाव से छुट्टी, 😊
जीवन की दौड़ में, मिले एक घुट्टी।
धीमी गति से, हर स्वाद को लें,
आज के दिन को, यादगार बनाएँ। ⏳
अर्थ: यह आराम का पल है, तनाव से छुट्टी है, जीवन की दौड़ में एक घूँट (आनंद का पल) मिले। धीमी गति से हर स्वाद को लें, आज के दिन को यादगार बनाएँ।

छंद 6
देश-विदेश में, है इसका बोलबाला, 🗺�
हर ज़बान पर, इसका है उजाला।
फ़्रैंकफर्ट से लेकर, हर छोटे शहर,
मदिरा-पनीर का, है प्यारा सफर। ✈️
अर्थ: देश-विदेश में इसका बोलबाला है, हर ज़बान पर इसका प्रकाश है। फ्रैंकफर्ट से लेकर हर छोटे शहर तक, मदिरा-पनीर का प्यारा सफर है।

छंद 7
यह दिवस लाए, खुशियों की भरमार, 🥳
प्रेम और मैत्री, का हो विस्तार।
हर घर में आज, बजे शहनाई,
स्वाद और संगीति, की यह जुगलबंदी। ✨🎶
अर्थ: यह दिवस खुशियों की भरमार लाए, प्रेम और मैत्री का विस्तार हो। हर घर में आज शहनाई बजे, यह स्वाद और संगीत की जुगलबंदी है।

--अतुल परब
--दिनांक-25.07.2025-शुक्रवार.
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