लिफ्ट में राष्ट्रीय बातचीत दिवस-

Started by Atul Kaviraje, July 25, 2025, 10:32:16 PM

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Atul Kaviraje

लिफ्ट में राष्ट्रीय बातचीत दिवस पर हिंदी कविता 🌅
दिनांक: 25 जुलाई 2025, शुक्रवार

विषय: लिफ्ट में राष्ट्रीय बातचीत दिवस-

लिफ्ट खुली, घुसे सब अंदर, ⬆️
चेहरे पर सबके, चुप्पी का मंज़र।
आज का दिन है, कुछ अलग ही बात,
लिफ्ट में करो, ज़रा कोई बात। 🗣�
अर्थ: लिफ्ट खुली, सब अंदर गए, सबके चेहरे पर चुप्पी थी। आज का दिन कुछ अलग है, लिफ्ट में थोड़ी बातचीत करो।

छंद 1
ऊपर या नीचे, मंजिल का सफर,
अकेले ना रहो, बनाओ हमसफर।
छोटी सी बात, या पूछो हाल,
बन सकती है दोस्ती, या कोई कमाल। 🤝
अर्थ: ऊपर या नीचे, मंजिल का सफर है, अकेले मत रहो, हमसफर बनाओ। एक छोटी सी बात, या हाल पूछो, दोस्ती बन सकती है, या कोई कमाल हो सकता है।

छंद 2
फोन को छोड़ो, ज़रा आँखें उठाओ, 📵
बगल में कौन है, उसे भी बताओ।
मुस्कान से करो, दिन की शुरुआत,
लिफ्ट की खामोशी, तोड़ो आज रात। 😊
अर्थ: फोन को छोड़ो, ज़रा आँखें उठाओ, बगल में कौन है, उसे भी बताओ। मुस्कान से दिन की शुरुआत करो, लिफ्ट की खामोशी आज रात तोड़ो।

छंद 3
मौसम की बातें, या काम का हाल,
कैसा रहा दिन, या कोई सवाल।
रिश्तों की डोर, बनती है ऐसे,
छोटे से पल में, जुड़ते हैं कैसे। ✨
अर्थ: मौसम की बातें, या काम का हाल, दिन कैसा रहा, या कोई सवाल। रिश्तों की डोर ऐसे बनती है, छोटे से पल में कैसे जुड़ते हैं।

छंद 4
अजनबी चेहरे, लगते हैं अपने, 🫂
जब बाँटें हम, छोटे-छोटे सपने।
ऑफिस की बातें, या घर का किस्सा,
लिफ्ट में बँट जाए, हर मीठा हिस्सा। 🏢
अर्थ: अजनबी चेहरे अपने लगने लगते हैं, जब हम छोटे-छोटे सपने बाँटते हैं। ऑफिस की बातें, या घर का किस्सा, लिफ्ट में हर मीठा हिस्सा बँट जाए।

छंद 5
कभी-कभी मिलती, ऐसी मुलाकात,
जो बदल दे शायद, पूरी कायापलट।
नेटवर्किंग का मौका, या कोई दोस्त नया,
बस एक आवाज़, और खुलेगा दरिया। 💼
अर्थ: कभी-कभी ऐसी मुलाकात मिलती है, जो शायद पूरी कायापलट कर दे। नेटवर्किंग का मौका, या कोई नया दोस्त, बस एक आवाज़, और दरिया खुल जाएगा।

छंद 6
डर को मिटाओ, झिझक को भगाओ,
बातचीत से ही, दुनिया सजाओ।
लिफ्ट में मिलो, और बात करो यार,
जीवन में भर लो, खुशियों का संसार। 🥳
अर्थ: डर को मिटाओ, झिझक को भगाओ, बातचीत से ही दुनिया सजाओ। लिफ्ट में मिलो, और बात करो यार, जीवन में खुशियों का संसार भर लो।

छंद 7
यह दिवस हमें, देता है प्रेरणा, ❤️
अजनबियों से भी, कर लो कामना।
जुड़े रहें सबसे, बढ़ाएँ प्यार,
लिफ्ट की सवारी, हो जाए गुलज़ार। 💬🎉
अर्थ: यह दिवस हमें प्रेरणा देता है, अजनबियों से भी कामना (शुभकामना) कर लो। सबसे जुड़े रहें, प्यार बढ़ाएँ, लिफ्ट की सवारी गुलज़ार हो जाए।

--अतुल परब
--दिनांक-25.07.2025-शुक्रवार.
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