हनुमान का 'संकटमोचन' स्वरूप और उनका दर्शन-

Started by Atul Kaviraje, July 26, 2025, 10:08:13 PM

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Atul Kaviraje

हनुमान का 'संकटमोचन' स्वरूप और उनका दर्शन पर हिंदी कविता 🌅

हनुमान का 'संकटमोचन' स्वरूप और उनका दर्शन-

राम नाम में लीन, भक्ति का सागर, 🙏
हनुमान हैं हमारे, हर संकट के गागर।
बल, बुद्धि, विद्या, के तुम हो ज्ञाता,
संकटमोचन प्रभु, तुम्हें प्रणाम करता। 🐒💪
अर्थ: राम नाम में लीन, भक्ति के सागर, हनुमान हमारे हर संकट को दूर करने वाले हैं। बल, बुद्धि, और विद्या के आप ज्ञाता हैं, संकटमोचन प्रभु, मैं आपको प्रणाम करता हूँ।

छंद 1
सेवा तेरी सच्ची, निष्ठा है अटूट, ❤️
राम जी के चरणों में, तेरा जीवन है पूत।
निःस्वार्थ भाव से, तूने सब कुछ किया,
कर्मयोगी का, आदर्श तूने जिया। 🤲
अर्थ: आपकी सेवा सच्ची है, निष्ठा अटूट है, राम जी के चरणों में आपका जीवन पवित्र है। निस्वार्थ भाव से आपने सब कुछ किया, आप कर्मयोगी का आदर्श जिए।

छंद 2
लंका में जाकर, सीते को ढूँढा, 🔍
रावण की शक्ति को, पल में ही चूमा।
बुद्धि से भारी, कोई ना तुझसा,
रणनीति तेरी, हर चाल में बसा। 🧠💡
अर्थ: लंका में जाकर आपने सीता को ढूँढा, रावण की शक्ति को पल भर में ही पराजित कर दिया। बुद्धि में आपके जैसा कोई नहीं, आपकी रणनीति हर चाल में बसी है।

छंद 3
समुद्र लांघा तूने, पर्वत उठाया, 🌊⛰️
लक्ष्मण की खातिर, जीवन बचाया।
निर्भयता तेरी, जग को दिखाती,
संकट में कैसे, हिम्मत आती। 🦁
अर्थ: आपने समुद्र लांघा, पर्वत उठाया, लक्ष्मण के लिए जीवन बचाया। आपकी निर्भयता दुनिया को दिखाती है कि संकट में कैसे हिम्मत आती है।

छंद 4
शक्ति अपार है, पर अहंकार नहीं, 😇
विनम्रता तेरी, सबसे महान सही।
राम के चरणों में, तूने सब कुछ पाया,
ज्ञान का प्रकाश, जग में फैलाया। 🙏✨
अर्थ: आपकी शक्ति अपार है, पर अहंकार नहीं, आपकी विनम्रता सबसे महान है। राम के चरणों में आपने सब कुछ पाया, ज्ञान का प्रकाश दुनिया में फैलाया।

छंद 5
आत्म-विश्वास तूने, खुद में जगाया, 🧘�♂️
जामवंत ने जब, शक्ति याद दिलाया।
छिपी हुई शक्ति, हमको भी दिखती,
तेरी प्रेरणा से, हम भी आगे बढ़ते। 💪
अर्थ: आपने खुद में आत्म-विश्वास जगाया, जब जामवंत ने शक्ति याद दिलाई। छिपी हुई शक्ति हमें भी दिखती है, आपकी प्रेरणा से हम भी आगे बढ़ते हैं।

छंद 6
मित्रता निभाई, सुग्रीव और राम की, 🤝
संकटमोचन बने, हर मित्र के नाम की।
वफादारी तेरी, अनुपम है भाई,
तुझसा ना कोई, दुनिया में सहाई। 🫂
अर्थ: आपने सुग्रीव और राम की मित्रता निभाई, हर मित्र के लिए संकटमोचन बने। आपकी वफादारी अनुपम है भाई, दुनिया में आपके जैसा कोई सहायक नहीं।

छंद 7
हे पवनपुत्र, तेरी जय जयकार, 🚩
हर बाधा हर ले, तू मेरा आधार।
तेरा दर्शन, हर राह दिखाए,
जय हनुमान, मेरे कष्ट मिटाए। 🎉
अर्थ: हे पवनपुत्र, आपकी जय जयकार हो, आप मेरी हर बाधा दूर करें, आप मेरे आधार हैं। आपका दर्शन हर राह दिखाए, जय हनुमान, मेरे कष्ट मिटाए।

--अतुल परब
--दिनांक-26.07.2025-शनिवार.
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