राष्ट्रीय विकलांगता स्वतंत्रता दिवस-♿🤝🌈✨🏆🕊️🌟

Started by Atul Kaviraje, July 26, 2025, 10:25:52 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय विकलांगता स्वतंत्रता दिवस-

एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधीसादी, सरल तुकबंदी

चरण 1
स्वतंत्रता का यह दिन है, सबका अधिकार है,
विकलांगता कोई बाधा नहीं, यह स्वीकार है।
हर इंसान की क्षमता का, होता सम्मान है,
राष्ट्रीय विकलांगता स्वतंत्रता दिवस, यह पहचान है।

अर्थ: यह स्वतंत्रता का दिन है, सबका अधिकार है। विकलांगता कोई बाधा नहीं है, यह स्वीकार किया जाता है। हर इंसान की क्षमता का सम्मान होता है। राष्ट्रीय विकलांगता स्वतंत्रता दिवस, यह हमारी पहचान है।

चरण 2
भेदभाव को मिटाएँगे, समानता लाएँगे,
हर रास्ते पर हम, पहुँच बनाएँगे।
शिक्षा हो या रोजगार, सबको अवसर मिलेंगे,
विकलांगता को नहीं, हम अब चुनौती देंगे।

अर्थ: हम भेदभाव को मिटाएंगे और समानता लाएंगे। हर रास्ते पर हम पहुंच सुनिश्चित करेंगे। शिक्षा हो या रोजगार, सबको समान अवसर मिलेंगे। हम अब विकलांगता को नहीं, बल्कि उसके कारण उत्पन्न बाधाओं को चुनौती देंगे।

चरण 3
हर कदम पर साथ चलें, मिलकर हाथ बढ़ाएँ,
आवाज़ बनो उनकी, जो अपनी कह न पाएँ।
आत्मनिर्भरता की राह पर, सबको चलाएँगे,
खुले आसमान में, सबको उड़ना सिखाएँगे।

अर्थ: हर कदम पर साथ चलें, मिलकर एक-दूसरे का हाथ बढ़ाएं। उन लोगों की आवाज़ बनें जो अपनी बात कह नहीं पाते। आत्मनिर्भरता की राह पर सबको चलाएंगे। खुले आसमान में सबको उड़ना सिखाएंगे।

चरण 4
व्हीलचेयर हो या बैसाखी, बस एक साधन है,
मन की उड़ान के आगे, हर बंधन निष्पादन है।
दुनियां करे स्वीकार, उनका भी है जीवन,
हर सुविधा मिले उनको, हो उनका अभिनंदन।

अर्थ: व्हीलचेयर हो या बैसाखी, ये केवल साधन हैं। मन की उड़ान के आगे हर बंधन व्यर्थ है। दुनिया को स्वीकार करना चाहिए कि उनका भी जीवन है। उन्हें हर सुविधा मिले और उनका अभिनंदन हो।

चरण 5
रूढ़ियों को तोड़ेंगे, नई सोच जगाएँगे,
सहानुभूति नहीं, सम्मान से अपनाएँगे।
हर छोटे से प्रयास से, बड़ा बदलाव लाएँगे,
समावेशी समाज का, सपना सच कर दिखाएँगे।

अर्थ: हम पुरानी रूढ़ियों को तोड़ेंगे और नई सोच जगाएंगे। हम सहानुभूति नहीं, बल्कि सम्मान के साथ उन्हें अपनाएंगे। हर छोटे प्रयास से हम बड़ा बदलाव लाएंगे। हम समावेशी समाज का सपना सच कर दिखाएंगे।

चरण 6
अंधेरे को दूर कर, ज्ञान की लौ जलाएँगे,
विशेष क्षमताओं का, हर जगह मान बढ़ाएँगे।
पैरालिंपिक के हीरो, दुनिया को दिखलाएँगे,
हौसलों की उड़ान से, ऊँचाइयों को छू जाएँगे।

अर्थ: हम अंधेरे को दूर कर ज्ञान की लौ जलाएंगे। विशेष क्षमताओं का हर जगह सम्मान बढ़ाएंगे। पैरालिंपिक के नायकों को दुनिया को दिखाएंगे। हौसलों की उड़ान से वे ऊंचाइयों को छू जाएंगे।

चरण 7
यह दिवस बस एक दिन नहीं, यह एक संकल्प है,
हर पल हर क्षण, यह जीवन का एक कल्प है।
स्वतंत्रता का बिगुल बजा, समानता की जय हो,
राष्ट्रीय विकलांगता स्वतंत्रता दिवस, यह विजय हो।

अर्थ: यह दिवस सिर्फ एक दिन नहीं, यह एक संकल्प है। हर पल, हर क्षण, यह जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्वतंत्रता का बिगुल बजा है, समानता की जय हो। राष्ट्रीय विकलांगता स्वतंत्रता दिवस, यह हमारी विजय है।

कविता के लिए इमोजी सारांश:
♿🤝🌈✨🏆🕊�🌟

--अतुल परब
--दिनांक-26.07.2025-शनिवार.
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