मधुश्रावा की मधुर ध्वनि-🌧️🌸🌳🙏💖💪💅💍🍰😊💐🌺🎶🕉️💑🌟❤️👰😇🤝🕊️💖

Started by Atul Kaviraje, July 27, 2025, 10:17:50 PM

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Atul Kaviraje

मधुश्रावा तृतीया पर कविता 📝

शीर्षक: मधुश्रावा की मधुर ध्वनि-

चरण 1:
सावन आया, घटाएँ छाईं, 🌧�
मधुश्रावा की बेला आई। 🌸
हरियाली से धरती झूमी, 🌳
मन में भक्ति की धारा घूमी। 🙏
अर्थ: सावन का महीना आ गया है और आकाश में बादल छा गए हैं। मधुश्रावा तृतीया का शुभ समय आ गया है। धरती चारों ओर हरियाली से झूम रही है और मन में भगवान के प्रति भक्ति की भावना उमड़ रही है।

चरण 2:
गौरी-शंकर का पावन मेल, ✨
प्रेम का बंधन, जीवन खेल। 💖
सौभाग्यवती करतीं व्रत,
पावन रिश्ता, करतीं दृढ़। 💪
अर्थ: यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक है, जो प्रेम और जीवन के खेल को दर्शाता है। सौभाग्यवती स्त्रियां यह व्रत करती हैं, जिससे उनका पवित्र रिश्ता और भी मजबूत होता है।

चरण 3:
मेहंदी रचे हाथों में रंग, 💅
चूड़ियों की खन-खन संग। 💍
घेवर की मिठास घुली, 🍰
खुशियों से हर आँखें खुलीं। 😊
अर्थ: हाथों में मेहंदी का गहरा रंग रचा हुआ है और चूड़ियों की मधुर खनखनाहट सुनाई दे रही है। घेवर की मिठास चारों ओर घुली हुई है, जिससे हर आँखें खुशियों से चमक उठी हैं।

चरण 4:
पूजा थाली सजी है प्यारी, 💐
फूलों से महक रही क्यारी। 🌺
मंत्रोच्चार से गूँजे घर, 🎶
भर दे खुशियाँ, शिव-शंभू वर। 🕉�
अर्थ: पूजा की थाली बहुत प्यारी सजी हुई है और फूलों से क्यारी महक रही है। घर मंत्रों के उच्चारण से गूँज रहा है, और हे शिव-शंभू, यह घर खुशियों से भर दो।

चरण 5:
पति की लंबी आयु चाहें, 💑
सुख-समृद्धि की राहें चाहें। 🌟
अखंड सुहाग बना रहे,
प्रेम की ज्योति सदा जले। ❤️
अर्थ: स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वे चाहती हैं कि उनका सुहाग हमेशा बना रहे और प्रेम की ज्योति सदैव जलती रहे।

चरण 6:
कुंवारी कन्या भी पूजती,
योग्य वर की आस सँजोती। 👰
पार्वती माँ का मिले आशीष,
पूरी हो हर मन की रीस। 😇
अर्थ: कुंवारी कन्याएं भी इस दिन पूजा करती हैं, योग्य वर मिलने की आशा मन में संजोए हुए। उन्हें माता पार्वती का आशीर्वाद मिले, और उनकी हर मनोकामना पूरी हो।

चरण 7:
यह पर्व लाए सौहार्द, 🤝
मिटाए जीवन के विवाद। 🕊�
मधुश्रावा का पावन दिन,
प्रेम से भर दे हर पल-छिन। 💖
अर्थ: यह पर्व जीवन में सौहार्द लाता है और सभी विवादों को मिटाता है। मधुश्रावा का यह पवित्र दिन हर पल को प्रेम से भर दे।

कविता सारांश 🌧�🌸🌳🙏💖💪💅💍🍰😊💐🌺🎶🕉�💑🌟❤️👰😇🤝🕊�💖

--अतुल परब
--दिनांक-27.07.2025-रविवार.
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