समानता का गीत-👫🛣️💖🚫🕊️💡📚🏢💰📈🗣️👩‍⚖️🌍🏡🌱🛡️🧠🔄✨🤝🔑🌐

Started by Atul Kaviraje, July 27, 2025, 10:22:21 PM

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Atul Kaviraje

नारी और पुरुषों के समान अधिकार पर कविता 📝

शीर्षक: समानता का गीत-

चरण 1:
नारी-पुरुष, दो पहिए रथ के, 👫
जीवन की राह, चलते हैं पथ के। 🛣�
अधिकार हो समान, कदम से कदम,
तो खुशहाल होगा, हर एक दम। 💖
अर्थ: नारी और पुरुष रथ के दो पहियों के समान हैं, जीवन के मार्ग पर साथ चलते हैं। यदि अधिकार समान हों और कदम से कदम मिलाकर चलें, तो हर पल खुशहाल होगा।

चरण 2:
भेदभाव की दीवारें तोड़ो, 🚫
आज़ादी के पंख अब जोड़ो। 🕊�
शिक्षा हो सबको, ज्ञान की ज्योति, 💡
सशक्त बनो, हर आँख हो सोती। 📚
अर्थ: भेदभाव की दीवारों को तोड़ दो, अब आजादी के पंख जोड़ लो। शिक्षा सबको मिले, ज्ञान की ज्योति जगे, हर कोई सशक्त बने।

चरण 3:
कार्यस्थल पर हो न्याय का बोल, 🏢
मेहनत का मिले, बराबर मोल। 💰
नारी भी चाहें, ऊँचा उठना,
हर क्षेत्र में, आगे बढ़ना। 📈
अर्थ: कार्यस्थल पर न्याय की बात हो, मेहनत का बराबर मोल मिले। नारी भी ऊँचा उठना चाहती हैं, हर क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं।

चरण 4:
राजनीति में उनकी आवाज़, 🗣�
समाज में फैले, उनका राज। 👩�⚖️
फैसले हों उनके भी शामिल,
बदलें दुनिया, मिल के ये दिल। 🌍
अर्थ: राजनीति में उनकी आवाज हो, समाज में उनका प्रभाव फैले। उनके फैसले भी शामिल हों, मिलकर ये दिल दुनिया को बदल दें।

चरण 5:
संपत्ति का हक, ना छीनें कोई, 🏡
विरासत में, समानता बोई। 🌱
हिंसा से मुक्ति, हरदम पाएं, 🛡�
डर से ऊपर, जीवन बिताएं। 🕊�
अर्थ: संपत्ति का हक कोई न छीने, विरासत में समानता का बीज बोया जाए। हिंसा से हमेशा मुक्ति पाएं, डर से ऊपर उठकर जीवन बिताएं।

चरण 6:
रूढ़ियों को तोड़ो, सोच बदलो, 🧠🔄
नए युग की तुम, राह गढ़ो। ✨
पुरुष भी समझें, नारी का मान,
साथी हैं वे, नहीं हैं नादान। 🤝
अर्थ: रूढ़ियों को तोड़ो, सोच बदलो, नए युग का रास्ता बनाओ। पुरुष भी नारी का सम्मान समझें, वे साथी हैं, नादान नहीं।

चरण 7:
समानता ही है, सुख की कुंजी, 🔑
एकता से बने, नई दुनिया पूंजी। 🌐
मिलकर चलें हम, इस सफर पर,
नारी-पुरुष, हर रिश्ता बेहतर। 💖
अर्थ: समानता ही सुख की कुंजी है, एकता से नई दुनिया की पूंजी बनेगी। हम इस सफर पर मिलकर चलें, नारी-पुरुष का हर रिश्ता बेहतर बने।

कविता सारांश 👫🛣�💖🚫🕊�💡📚🏢💰📈🗣�👩�⚖️🌍🏡🌱🛡�🧠🔄✨🤝🔑🌐

--अतुल परब
--दिनांक-27.07.2025-रविवार.
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