भारत की बदलती हुई राजनीति: जन-आकांक्षाओं का नया दौर-1-🗺️🤝💡🏙️📈📱💬🧑‍🎓👩‍

Started by Atul Kaviraje, July 28, 2025, 10:20:14 AM

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Atul Kaviraje

भारत की बदलती हुई राजनीति-

भारत की बदलती हुई राजनीति: जन-आकांक्षाओं का नया दौर 🇮🇳

भारत, विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र, पिछले कुछ दशकों से एक तीव्र राजनीतिक परिवर्तन से गुजर रहा है। यह परिवर्तन केवल सत्ता के हस्तांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आयाम भी शामिल हैं। पुरानी धारणाएं टूट रही हैं, और एक नई राजनीतिक चेतना उभर रही है। आइए, भारत की बदलती हुई राजनीति के प्रमुख पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।

1. क्षेत्रीय दलों का उदय और राष्ट्रीय परिदृश्य पर उनका प्रभाव 🗺�
एक समय था जब भारतीय राजनीति पर राष्ट्रीय दलों, विशेषकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, का दबदबा था। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में, क्षेत्रीय दलों का अभूतपूर्व उदय हुआ है। ये दल अक्सर स्थानीय मुद्दों, पहचान और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके बढ़ते प्रभाव ने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन सरकारों का दौर शुरू किया है, जहाँ क्षेत्रीय दल सरकार बनाने और नीतियों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 🤝

उदाहरण: तमिलनाडु में DMK और AIADMK, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बसपा, तथा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस जैसे दल अपने-अपने राज्यों में प्रभावशाली शक्ति रखते हैं और राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करते हैं।

2. पहचान की राजनीति से विकास की ओर बदलाव 💡
कभी भारतीय राजनीति जाति, धर्म और क्षेत्र जैसे पहचान-आधारित मुद्दों पर केंद्रित थी। हालांकि, अब धीरे-धीरे मतदाताओं का ध्यान विकास, सुशासन और आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है। युवा और शहरी मतदाता विशेष रूप से उन नेताओं और पार्टियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो रोजगार, बुनियादी ढाँचा और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन का वादा करते हैं। 🏙�📈

उदाहरण: 2014 और 2019 के आम चुनावों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 'विकास' और 'सुशासन' के नारे के साथ भारी बहुमत हासिल किया, जो दर्शाता है कि मतदाताओं की प्राथमिकताएं बदल रही हैं।

3. सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार का बढ़ता प्रभाव 📱
सोशल मीडिया ने भारतीय राजनीति को मौलिक रूप से बदल दिया है। राजनीतिक दल और नेता अब सीधे मतदाताओं से जुड़ने, अपनी नीतियों का प्रचार करने और जनमत को प्रभावित करने के लिए ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे हैं। इसने राजनीतिक संवाद को तेज और अधिक सीधा बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही फेक न्यूज और दुष्प्रचार की चुनौतियाँ भी बढ़ी हैं। 💬 disinformation

उदाहरण: चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान चलाए जाते हैं, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी जानकारी पहुंचती है और मतदाता अपनी राय आसानी से व्यक्त कर पाते हैं।

4. युवा मतदाताओं की बढ़ती भागीदारी और आकांक्षाएँ 🧑�🎓👩�🎓
भारत एक युवा राष्ट्र है, और युवा मतदाता अब राजनीतिक प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। वे शिक्षित हैं, वैश्विक मुद्दों से अवगत हैं और रोजगार, बेहतर शिक्षा प्रणाली और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन की तीव्र आकांक्षा रखते हैं। उनकी प्राथमिकताएं पारंपरिक मतदाताओं से भिन्न हैं और वे चुनाव परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं। 🚀

उदाहरण: छात्र संघ चुनावों में बढ़ती भागीदारी और विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों में युवाओं की सक्रियता यह दर्शाती है कि वे अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि भागीदार बनना चाहते हैं।

5. महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या और सशक्तिकरण 👩�⚖️💪
भारत में महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और कई राज्यों में उनकी मतदान दर पुरुषों से भी अधिक हो रही है। राजनीतिक दल अब महिला-केंद्रित नीतियों पर ध्यान दे रहे हैं, जैसे महिला सुरक्षा, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण। महिलाओं की राजनीतिक जागरूकता और भागीदारी भारतीय लोकतंत्र को और अधिक समावेशी बना रही है। 🗳�💖

उदाहरण: बिहार में शराबबंदी और उत्तर प्रदेश में "मिशन शक्ति" जैसी योजनाएं महिला मतदाताओं को लक्षित करती हैं, और महिला सशक्तिकरण के प्रयासों ने कई राज्यों में चुनावों पर सीधा प्रभाव डाला है।

सारांश 🇮🇳🗺�🤝💡🏙�📈📱💬🧑�🎓👩�🎓🚀👩�⚖️💪🗳�💖🔄🗣�🧹✨🏛�⚖️✔️👍🌅

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-27.07.2025-रविवार.
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