शिव महिमा, हर प्रांत में प्यारी-🕉️🙏 त्रिशूल 💧🌿🏔️❄️🚶‍♂️✨💧🚶‍♀️🙏👣💀🔥⛰️🔔

Started by Atul Kaviraje, July 28, 2025, 10:00:02 PM

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Atul Kaviraje

हिन्दू धर्म में भगवान शिव की स्थानीय पूजा पद्धतियों पर कविता 📝

शीर्षक: शिव महिमा, हर प्रांत में प्यारी

चरण 1:
भोलेनाथ की लीला है न्यारी, 🕉�
पूजा पद्धतियाँ हर प्रांत में प्यारी। 🙏
शिवलिंग में देखें, निराकार रूप,
भक्ति की धारा, बहती अनूप। 💧🌿
अर्थ: भगवान भोलेनाथ की लीला अद्भुत है, उनकी पूजा पद्धतियाँ हर प्रांत में प्यारी हैं। शिवलिंग में उनके निराकार रूप को देखते हैं, भक्ति की धारा अनुपम रूप से बहती है।

चरण 2:
अमरनाथ में हिमलिंग दर्शन, 🏔�❄️
कुदरत का अद्भुत ये सर्जन। 🚶�♂️
कठिन यात्रा, मन में विश्वास,
शिव संग जुड़ा है, हर पल ख़ास। ✨
अर्थ: अमरनाथ में हिमलिंग के दर्शन होते हैं, यह प्रकृति का अद्भुत सर्जन है। कठिन यात्रा, मन में विश्वास होता है, शिव के साथ हर पल खास जुड़ा है।

चरण 3:
देवघर में कांवरियाँ गाएं, 💧🚶�♀️
गंगा जल शिव पर चढ़ाएं। 🙏👣
महाकाल की भस्म आरती,
नश्वरता की याद है भारती। 💀🔥
अर्थ: देवघर में कांवरिये गाते हैं, गंगा जल शिव पर चढ़ाते हैं। महाकाल की भस्म आरती नश्वरता की याद दिलाती है।

चरण 4:
केदारनाथ में पिंड स्वरूप, ⛰️🔔
द्रविड़ मंदिरों का, सौंदर्य अनूप। 🗼🎨
हर ईंट कहानी, बोल रही है,
आस्था की लौ, जल रही है। 🏰
अर्थ: केदारनाथ में पिंड स्वरूप की पूजा होती है, द्रविड़ मंदिरों का सौंदर्य अनुपम है। हर ईंट कहानी कह रही है, आस्था की लौ जल रही है।

चरण 5:
भूतनाथ मंदिर, जहाँ देवता आएं, 👻🌿
स्थानीय परंपराएँ, शिव से मिलाएं। 🎭
कोंकण के तट पर, शिव-शक्ति संग,
भक्ति के दिखते, अद्भुत रंग। 🏖�🔱
अर्थ: भूतनाथ मंदिर में देवता आते हैं, स्थानीय परंपराएँ शिव से मिलाती हैं। कोंकण के तट पर शिव और शक्ति साथ हैं, भक्ति के अद्भुत रंग दिखते हैं।

चरण 6:
कहीं भोले, कहीं रुद्र रूप, 😇😡
शिव की महिमा, हर जगह अनूप। 🌟
प्रेम से पूजें या तपस्या कर,
शिव सुनते हैं, हर भक्त की कर। 👂
अर्थ: कहीं वे भोले हैं, कहीं रुद्र रूप में हैं, शिव की महिमा हर जगह अनुपम है। प्रेम से पूजो या तपस्या करो, शिव हर भक्त की पुकार सुनते हैं।

चरण 7:
ये पद्धतियाँ हैं, भक्ति का मार्ग, 💖
भारत की आत्मा का, ये है राग। 🇮🇳
संस्कृति का ये अद्भुत संगम,
शिव में लीन, हम सब हरदम। 🙏✨
अर्थ: ये पद्धतियाँ भक्ति का मार्ग हैं, यह भारत की आत्मा का राग है। संस्कृति का यह अद्भुत संगम है, हम सब शिव में हरदम लीन रहते हैं।

कविता सारांश 🕉�🙏 त्रिशूल 💧🌿🏔�❄️🚶�♂️✨💧🚶�♀️🙏👣💀🔥⛰️🔔🗼🎨🏰👻🌿🎭🏖�🔱😇😡🌟👂💖🇮🇳✨

--अतुल परब
--दिनांक-28.07.2025-सोमवार.
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