काशी विश्वनाथ यात्रा कविता- 28 जुलाई, 2025 - सोमवार-

Started by Atul Kaviraje, July 28, 2025, 10:17:47 PM

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Atul Kaviraje

काशी विश्वनाथ यात्रा पर भक्तिमय हिंदी कविता-
28 जुलाई, 2025 - सोमवार

यह भक्तिमय कविता धोरजा से काशी विश्वनाथ यात्रा को समर्पित है:

1.
श्रावण सोमवार है आया, 🌟
धोरजा से काशी है जाना।
विश्वनाथ के पावन दर्शन को,
मन में है बस यही तराना। 🙏
अर्थ: श्रावण सोमवार आ गया है, धोरजा से काशी जाना है। विश्वनाथ के पवित्र दर्शन के लिए, मन में बस यही गीत है।

2.
अहमदनगर की पावन भूमि,
श्रीगोंदा का धोरजा गाँव।
निकल पड़े हैं भक्त सारे,
लेकर भोले का बस नाम। 🚌
अर्थ: अहमदनगर की पवित्र भूमि, श्रीगोंदा का धोरजा गाँव। सभी भक्त भोले का नाम लेकर निकल पड़े हैं।

3.
काशी की ओर कदम बढ़ रहे,
मन में है पावन उत्साह।
गंगा जल में डुबकी लगाकर,
पापों से मुक्ति की है चाह। 💧
अर्थ: काशी की ओर कदम बढ़ रहे हैं, मन में पवित्र उत्साह है। गंगाजल में डुबकी लगाकर, पापों से मुक्ति की चाह है।

4.
विश्वनाथ का पावन धाम,
ज्योत जले है हरपल।
बेलपत्र और जल चढ़ाकर,
पूजे भक्त हर एक पल। 🍃
अर्थ: विश्वनाथ का पवित्र धाम है, ज्योति हर पल जल रही है। बेलपत्र और जल चढ़ाकर, भक्त हर पल पूजा करते हैं।

5.
'ॐ नमः शिवाय' का जाप, 🗣�
गूँजे सारी राह।
गुरु कृपा से हो सब मंगल,
पूरी हो हर एक चाह। ✨
अर्थ: 'ॐ नमः शिवाय' का जाप पूरी राह गूँज रहा है। गुरु कृपा से सब मंगल हो, हर एक इच्छा पूरी हो।

6.
कठिनाईयाँ भले ही आएँ,
विश्वास अटल अपना।
भोलेनाथ संग हैं हर पल,
सफल होगा हर सपना। 💪
अर्थ: कठिनाइयाँ भले ही आएँ, अपना विश्वास अटल है। भोलेनाथ हर पल साथ हैं, हर सपना सफल होगा।

7.
यात्रा पूरी हो सुखमय,
आशीर्वाद मिले अपार।
धोरजा की ये काशी यात्रा,
हो जाए जीवन का आधार। 🥳
अर्थ: यात्रा सुखमय पूरी हो, अपार आशीर्वाद मिले। धोरजा की यह काशी यात्रा जीवन का आधार बन जाए।

इमोजी सारांश (दीर्घ कविता के लिए):
🌟: पावन, शुभ

🙏: भक्ति, प्रार्थना

🚌: यात्रा

💧: गंगा जल

🍃: बेलपत्र

🗣�: जाप

✨: कृपा, सफलता

💪: विश्वास, शक्ति

🥳: आशीर्वाद, खुशी

--अतुल परब
--दिनांक-28.07.2025-सोमवार.
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