गणेश पूजा के विभिन्न पहलुओं पर भक्तिमय कविता-

Started by Atul Kaviraje, July 29, 2025, 09:56:45 PM

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Atul Kaviraje

गणेश पूजा के विभिन्न पहलुओं पर भक्तिमय हिंदी कविता-

यह कविता गणेश पूजा के विविध पहलुओं को दर्शाती है:

1.
प्रथम पूज्य हैं गणेश हमारे, 🌟
विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता प्यारे।
जो भी इनको मन से ध्याए,
उसके सब संकट मिटाएँ। 🙏
अर्थ: हमारे गणेश प्रथम पूज्य हैं, वे प्यारे विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता हैं। जो भी उन्हें मन से याद करता है, वे उसके सभी संकटों को मिटा देते हैं।

2.
दूर्वा, मोदक अति प्रिय इनके, 🌿
लाल सिंदूर से करें सिंगार।
गुड़हल के फूल से पूजें इनको,
हो जाए जीवन का उद्धार। 🍮
अर्थ: दूर्वा और मोदक इन्हें बहुत प्रिय हैं, लाल सिंदूर से इनका श्रृंगार करते हैं। गुड़हल के फूल से इनकी पूजा करते हैं, जिससे जीवन का उद्धार हो जाता है।

3.
गणेश चतुर्थी का पर्व महान, 🎊
घर-घर विराजे गजानन।
दस दिन की ये धूम निराली,
बढ़ जाती है हर मन की शान। 🥁
अर्थ: गणेश चतुर्थी का पर्व महान है, घर-घर में गजानन विराजमान होते हैं। दस दिनों की यह निराली धूम, हर मन की शोभा बढ़ा देती है।

4.
'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप, 🎶
भर दे मन में भक्ति की चाह।
बुद्धि, विद्या, धन सब देते,
दिखलाते जीवन की सही राह। 📚
अर्थ: 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप मन में भक्ति की इच्छा भर देता है। वे बुद्धि, विद्या, धन सब देते हैं, जीवन की सही राह दिखाते हैं।

5.
मिट्टी की मूरत को अपनाएँ, ♻️
पर्यावरण का ध्यान है रखना।
पानी को दूषित ना करें कभी,
यह है हमारा नेक सपना। 🌎
अर्थ: हम मिट्टी की मूर्ति अपनाएँ, पर्यावरण का ध्यान रखना है। पानी को कभी दूषित न करें, यह हमारा नेक सपना है।

6.
एकता का है ये त्यौहार, 🤝
मिलकर मनाएं सब मिलकर।
सब भेदभाव को भूलाकर,
रहें हम सब संग-संग मिलकर। 👨�👩�👧�👦
अर्थ: यह एकता का त्योहार है, सब मिलकर इसे मनाएं। सभी भेदभाव को भुलाकर, हम सब एक साथ रहें।

7.
विसर्जन का जब आता क्षण, 👋
आँखें होती हैं नम।
अगले बरस फिर आने की आशा,
बनाते हैं हम हरदम। 🌊
अर्थ: जब विसर्जन का क्षण आता है, तो आँखें नम हो जाती हैं। अगले साल फिर आने की आशा हम हरदम बनाए रखते हैं।

इमोजी सारांश (दीर्घ कविता के लिए):
🌟: प्रथम पूज्य, शुभ

🙏: भक्ति

🌿: दूर्वा

🍮: मोदक

🎊: उत्सव

🥁: ढोल

🎶: मंत्र

📚: बुद्धि

♻️: पर्यावरण अनुकूल

🌎: पृथ्वी

🤝: एकता

👨�👩�👧�👦: समुदाय

👋: विसर्जन

🌊: पानी

--अतुल परब
--दिनांक-29.07.2025-मंगळवार.
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