विष्णु और उनकी भक्ति का आदर्श मार्ग -🕉️💖✨🙏

Started by Atul Kaviraje, July 30, 2025, 09:57:12 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

विष्णु और उनकी भक्ति का आदर्श मार्ग - एक भक्तिपूर्ण कविता-

चरण 1
विष्णु हैं पालक जग के, नीला उनका वर्ण,
शेषनाग पे सोए वो, अद्भुत उनका कर्ण।
शंख, चक्र, गदा, पद्म, हाथों में सजाए,
शांत मुद्रा में बैठे, मन को बहुत भाए।
🌌🐚🌀🌸
अर्थ: भगवान विष्णु जगत के पालक हैं, उनका रंग नीला है। वे शेषनाग पर सोए हुए हैं, उनका स्वरूप अद्भुत है। शंख, चक्र, गदा और कमल उनके हाथों में सुशोभित हैं। शांत मुद्रा में बैठे हुए वे मन को बहुत प्रिय लगते हैं।

चरण 2
जब-जब धरती पे दुख बढ़ा, अधर्म का था बोल,
दशावतार धर आए, हर एक था अनमोल।
राम और कृष्ण बनके, धर्म की राह दिखाई,
भक्तों को बचाया, अधर्म की जड़ मिटाई।
🛡�🌍🙏
अर्थ: जब-जब पृथ्वी पर दुख बढ़ा और अधर्म का प्रभाव बढ़ा, तब-तब भगवान विष्णु ने दशावतार धारण किए, हर अवतार अनमोल था। राम और कृष्ण बनकर उन्होंने धर्म का मार्ग दिखाया, भक्तों को बचाया और अधर्म की जड़ मिटाई।

चरण 3
भक्ति का मार्ग उनका, प्रेम और समर्पण है,
हर कर्म उनको अर्पण, यही उनका दर्पण है।
निष्काम सेवा करें हम, फल की ना आस रखें,
जीवन के हर पल को, प्रभु चरणों में नास रखें।
❤️🤲🌿
अर्थ: उनकी भक्ति का मार्ग प्रेम और पूर्ण समर्पण है। हर कर्म उन्हें समर्पित करना ही उनका दर्पण है। हम निस्वार्थ भाव से सेवा करें, फल की कोई आशा न रखें, और जीवन के हर पल को प्रभु के चरणों में समर्पित करें।

चरण 4
शरणागति की राह पे, पूर्ण विश्वास हो मन में,
वो ही हैं तारनहार, हर संकट में, हर क्षण में।
सात्विक जीवन जिएं हम, अहिंसा का करें पाठ,
शुद्ध मन से करें भक्ति, पाएं उनसे ठाठ।
🛐🕊�🥦
अर्थ: शरणागति के मार्ग पर, मन में पूर्ण विश्वास होना चाहिए कि वही (विष्णु) हमारे तारणहार हैं, हर संकट में, हर पल में। हम सात्विक जीवन जिएं, अहिंसा का पाठ करें, और शुद्ध मन से भक्ति करके उनसे कृपा प्राप्त करें।

चरण 5
नाम-स्मरण करते रहें, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,
मन को एकाग्र कर लें, पाएं वो सुखद पाय।
वैष्णव संतों ने भी, मार्ग यही बताया,
परोपकार और सेवा, प्रभु को है भाया।
📿🗣�🤝
अर्थ: हम "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का नाम-स्मरण करते रहें। मन को एकाग्र कर लें और वह सुखद फल प्राप्त करें। वैष्णव संतों ने भी यही मार्ग बताया है कि परोपकार और सेवा ही प्रभु को प्रिय है।

चरण 6
नर सेवा नारायण सेवा, यही है उनका सार,
हर जीव में देखें प्रभु को, यही है उनका प्यार।
माया के बंधन तोड़े, मोक्ष की ओर बढ़ें हम,
वैकुंठ में स्थान पाएं, मिटे हर मन का भ्रम।
💖🌌✨
अर्थ: "मनुष्य की सेवा ही भगवान की सेवा है" यही उनका सार है। हर जीव में प्रभु को देखना ही उनका प्रेम है। हम माया के बंधन तोड़ें और मोक्ष की ओर बढ़ें, ताकि वैकुंठ में स्थान पाएं और मन का हर भ्रम मिट जाए।

चरण 7
विष्णु भक्ति है जीवन, शांति का वो द्वार,
आओ हम भी चलें, पाएं प्रेम अपार।
हर सांस में जपे उनका, पावन सुंदर नाम,
मन हो जाए निर्मल, पूर्ण हो हर काम।
🙏🕊�💫
अर्थ: विष्णु भक्ति ही जीवन है, वह शांति का द्वार है। आओ हम भी उस मार्ग पर चलें और असीम प्रेम प्राप्त करें। हर सांस में उनके पवित्र सुंदर नाम का जाप करें, ताकि मन निर्मल हो जाए और हर कार्य पूर्ण हो।

सारांश
यह कविता भगवान विष्णु के स्वरूप, उनके दशावतार, और उनकी भक्ति के आदर्श मार्ग का भक्तिपूर्ण वर्णन करती है। इसमें प्रेम, समर्पण, निष्काम कर्म, शरणागति, सात्विक जीवन शैली, नाम-स्मरण, परोपकार और मोक्ष की प्राप्ति जैसे सिद्धांतों पर जोर दिया गया है। यह विष्णु भक्ति को शांति और आनंद का मार्ग बताती है। 🕉�💖✨🙏

--अतुल परब
--दिनांक-30.07.2025-बुधवार.
===========================================