(31 जुलाई 2025, गुरुवार) 🙏 शीतला और बृहस्पति की कृपा 🙏

Started by Atul Kaviraje, July 31, 2025, 10:16:47 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता: भक्तिभाव से भरा दिन-

(31 जुलाई 2025, गुरुवार)

🙏 शीतला और बृहस्पति की कृपा 🙏

१.
आज गुरुवार, इक पावन दिन आया,
संग शीतला सप्तमी का शुभ संयोग लाया।
रोग हरेगी माँ, देगी जीवन सुख,
बृहस्पति देव भरेंगे, ज्ञान और धन सुख।
अर्थ: आज गुरुवार का पावन दिन है, जिसके साथ शीतला सप्तमी का शुभ संयोग आया है। माँ शीतला रोग हरेंगी और जीवन को सुख देंगी, वहीं बृहस्पति देव ज्ञान और धन से परिपूर्ण करेंगे।

२.
बासी भोजन का भोग लगे आज,
स्वच्छता का संदेश, ये पावन रिवाज।
बच्चे रहें निरोगी, सबका हो कल्याण,
शीतला माँ की महिमा, करें हम बखान।
अर्थ: आज बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, यह पवित्र रिवाज स्वच्छता का संदेश देता है। माँ शीतला की कृपा से बच्चे निरोगी रहें और सबका कल्याण हो, हम उनकी महिमा का गुणगान करते हैं।

३.
पीले रंग में रंगा, है आज का दिन,
गुरु की कृपा से, मिटें हर गम-गिन।
ज्ञान की ज्योति जागे, बुद्धि हो प्रखर,
बृहस्पति देव की पूजा, लाए शुभ अवसर।
अर्थ: आज का दिन पीले रंग में रंगा है। गुरु की कृपा से हर दुख दूर हो। ज्ञान की ज्योति जागे, बुद्धि तेज हो और बृहस्पति देव की पूजा शुभ अवसर लेकर आए।

४.
विवाह बंधन हो मधुर, संतान सुख मिले,
धन-धान्य से भरें, घर के सभी गिले।
धर्म और न्याय का हो जीवन में वास,
बृहस्पति देव पूरे करें, सबकी हर आस।
अर्थ: वैवाहिक जीवन मधुर हो, संतान सुख प्राप्त हो, और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो। जीवन में धर्म और न्याय का वास हो, बृहस्पति देव सबकी हर इच्छा पूरी करें।

५.
प्रकृति का मान करें, स्वच्छता अपनाएँ,
ईश्वर के इन रूपों को, मन से ध्याएँ।
दोनों की कृपा से, जीवन हो महान,
मिलेगी भक्ति से ही, सब दुखों से त्राण।
अर्थ: हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और स्वच्छता अपनानी चाहिए। ईश्वर के इन दोनों रूपों का मन से ध्यान करें। दोनों की कृपा से जीवन महान होगा और भक्ति से ही सब दुखों से मुक्ति मिलेगी।

६.
सप्तमी का पावन दिन, गुरु का शुभ वार,
हर मनोकामना होगी, आज साकार।
श्रद्धा से जो पूजेगा, मिलेगा उसे वरदान,
पावन ये बेला है, भक्ति का मान।
अर्थ: सप्तमी का यह पावन दिन और गुरुवार का शुभ वार है। आज हर मनोकामना पूरी होगी। जो श्रद्धा से पूजा करेगा, उसे वरदान मिलेगा। यह पवित्र समय भक्ति का सम्मान है।

७.
स्वास्थ्य रहे उत्तम, मन रहे शांत,
जीवन में आए सुख, हो जाए भ्रांत।
शीतला और गुरु की, जय हो सदा,
हर घर में बरसे, सुख की संपदा।
अर्थ: स्वास्थ्य उत्तम रहे, मन शांत रहे और जीवन में सुख आए, सारी भ्रांतियाँ दूर हों। शीतला और गुरु की सदा जय हो, हर घर में सुख और समृद्धि बरसे।

--अतुल परब
--दिनांक-31.07.2025-गुरुवार.
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