दो महान आत्माओं का स्मरण- (31 जुलाई 2025, गुरुवार) 🙏 तुलसी और नाना का सम्मान-

Started by Atul Kaviraje, July 31, 2025, 10:17:43 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता: दो महान आत्माओं का स्मरण-

(31 जुलाई 2025, गुरुवार)

🙏 तुलसी और नाना का सम्मान 🙏

१.
आज गुरुवार, इक पावन तिथि आई,
तुलसी और नाना की यादें संग लाई।
एक ने भक्ति से जग को संवारा,
दूजे ने शिक्षा से मुंबई सँवारा।
अर्थ: आज गुरुवार है, एक पवित्र तिथि आई है, जो तुलसीदास जी और नाना शंकरशेठ की यादें साथ लाई है। एक ने भक्ति से संसार को सजाया, तो दूसरे ने शिक्षा से मुंबई को संवारा।

२.
तुलसी ने रामचरित गाया,
घर-घर में भक्ति का दीप जलाया।
मानवता का पाठ सिखाया,
हर जन को प्रभु से मिलवाया।
अर्थ: तुलसीदास जी ने रामचरितमानस गाया, घर-घर में भक्ति का दीपक जलाया। उन्होंने मानवता का पाठ सिखाया और हर व्यक्ति को भगवान से मिलवाया।

३.
भाषा अवधी को दी ऊँचाई,
ब्रज में भी की प्रभु की बड़ाई।
शब्दों से रचा ऐसा जादू,
हर हृदय में बसा प्रभु साधु।
अर्थ: उन्होंने अवधी भाषा को ऊँचाई दी, ब्रज भाषा में भी प्रभु की स्तुति की। शब्दों से ऐसा जादू रचा कि हर हृदय में प्रभु का साधु रूप बस गया।

४.
नाना शंकरशेठ ने देखी नई राह,
मुंबई को दी विकास की थाह।
शिक्षा का अलख जगाया,
ज्ञान का दीप घर-घर फैलाया।
अर्थ: नाना शंकरशेठ ने एक नई दिशा देखी, मुंबई को विकास की गहराई दी। उन्होंने शिक्षा की ज्योति जलाई और ज्ञान का दीपक घर-घर फैलाया।

५.
रेल की पटरी जब बिछाई,
नव युग की आहट सुनाई।
समाज सुधार को दिए थे प्राण,
दूर किए थे कई अज्ञान।
अर्थ: जब उन्होंने रेल की पटरी बिछाई, तो एक नए युग की आहट सुनाई दी। उन्होंने समाज सुधार के लिए अपने प्राण दिए और कई अज्ञानताएँ दूर कीं।

६.
त्याग और सेवा का पथ दिखाया,
राष्ट्र निर्माण का सपना सजाया।
दोनों के जीवन से प्रेरणा पाएँ,
उनके आदर्शों पर हम भी चलें।
अर्थ: उन्होंने त्याग और सेवा का मार्ग दिखाया और राष्ट्र निर्माण का सपना सजाया। हम दोनों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त करें और उनके आदर्शों पर चलें।

७.
आज के दिन उन्हें नमन करें,
उनके दिखाए पथ पर चलें।
गौरवमयी इतिहास को याद कर,
जीवन को सार्थक हम करें।
अर्थ: आज के दिन हम उन्हें नमन करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलें। अपने गौरवमयी इतिहास को याद करके हम अपने जीवन को सार्थक करें।

--अतुल परब
--दिनांक-31.07.2025-गुरुवार.
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