1 अगस्त, 2025: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक पुण्यतिथि-

Started by Atul Kaviraje, August 02, 2025, 10:40:53 AM

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Atul Kaviraje

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक पुण्यतिथि-

1 अगस्त, 2025: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक पुण्यतिथि-

आज, 1 अगस्त, 2025, शुक्रवार का दिन भारत के एक महान सपूत, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि है। यह दिन हमें उनके असाधारण योगदान, उनके त्याग और उनकी दूरदर्शिता की याद दिलाता है। तिलक जी एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा' का नारा देकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नई जान फूँक दी। आइए, उनके जीवन और कार्यों के महत्व को विस्तार से समझते हैं। 🙏🇮🇳

इस दिन का महत्व और भक्तिभाव पूर्ण विवेचन (10 मुख्य बिंदु)

लोकमान्य तिलक का परिचय: 🧠
बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। वह एक शिक्षक, समाज सुधारक, वकील, राष्ट्रवादी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। उन्हें 'लोकमान्य' की उपाधि से नवाजा गया, जिसका अर्थ है "लोगों द्वारा स्वीकार्य नेता"।

'स्वराज' का उद्घोष: ✊
तिलक जी ने सबसे पहले पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अभी भी ब्रिटिश शासन के तहत स्वशासन की मांग कर रही थी। उनका प्रसिद्ध नारा "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा!" भारतीयों के मन में स्वतंत्रता की अलख जगाने वाला सबसे शक्तिशाली मंत्र बन गया। यह नारा आज भी हमें प्रेरणा देता है।

शैक्षणिक और सामाजिक योगदान: 📚
तिलक जी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की, जिसने फर्ग्यूसन कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को जन्म दिया। वह सामाजिक कुरीतियों के भी विरोधी थे और विधवा पुनर्विवाह तथा बाल विवाह के विरोध में सक्रिय रहे। उनका मानना था कि समाज सुधार के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है।

केसरी और मराठा समाचार पत्र: 📰
उन्होंने 'केसरी' (मराठी में) और 'मराठा' (अंग्रेजी में) नामक दो समाचार पत्र शुरू किए। इन पत्रों के माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश नीतियों की आलोचना की और राष्ट्रवाद की भावना का प्रचार किया। ये समाचार पत्र स्वतंत्रता संग्राम में जनजागरण के शक्तिशाली माध्यम बने।

गणेशोत्सव और शिवाजी जयंती का पुनरुद्धार: 🥁
तिलक जी ने गणेशोत्सव और शिवाजी जयंती जैसे सार्वजनिक उत्सवों को पुनर्जीवित किया। इनका उद्देश्य लोगों को एक साथ लाना, उनमें एकता की भावना जगाना और ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट करना था। ये उत्सव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रतीक बन गए।

कारावास और 'गीता रहस्य': ⛓️
ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कई बार गिरफ्तार किया और मांडले (बर्मा) जेल में भेज दिया। इसी कारावास के दौरान उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'गीता रहस्य' लिखी, जिसमें उन्होंने कर्मयोग के सिद्धांत की व्याख्या की। यह पुस्तक भारतीय दर्शन और स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत बनी।

नरम दल और गरम दल: ⚖️
तिलक जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में 'गरम दल' के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जो लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल (लाल-बाल-पाल) के साथ मिलकर ब्रिटिश नीतियों के खिलाफ अधिक मुखर और आक्रामक रुख अपनाने के पक्षधर थे। उन्होंने नरम दल की 'याचना' की नीति का विरोध किया।

दूरदर्शिता और बलिदान: 🕊�
तिलक जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने राष्ट्रवाद, स्वशासन और जन-जागरण की नींव रखी। उनकी दूरदर्शिता और बलिदान ने आने वाली पीढ़ियों के स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया।

आधुनिक भारत के निर्माता: 🏗�
तिलक जी को आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, बल्कि समाज, शिक्षा और संस्कृति के उत्थान के लिए भी काम किया। उनका योगदान बहुआयामी था।

स्मरण और प्रेरणा: 🌟
आज उनकी पुण्यतिथि पर, हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके आदर्शों को याद करते हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि निस्वार्थ सेवा, दृढ़ संकल्प और राष्ट्र प्रेम ही किसी भी महान उद्देश्य को प्राप्त करने की कुंजी है। उनकी विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

इमोजी सारांश:
लोकमान्य तिलक पुण्यतिथि 🕊�🇮🇳। स्वराज का नारा ✊। शिक्षाविद 📚, पत्रकार 📰। गणेशोत्सव 🥁, शिवाजी जयंती 🎉। 'गीता रहस्य' 🧠। निस्वार्थ सेवा और प्रेरणा ✨।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.08.2025-शुक्रवार.
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