अश्वत्थ मारुति पूजन-2 अगस्त 2025, शनिवार-🙏🌟💪🌳🧘‍♀️🕯️🪐🌿🕊️💖

Started by Atul Kaviraje, August 03, 2025, 10:20:49 AM

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Atul Kaviraje

अश्वत्थ मारुति पूजन-

अश्वत्थ मारुति पूजन: महत्व और भक्तिभाव पूर्ण विवेचन 🙏

आज 2 अगस्त 2025, शनिवार का दिन अश्वत्थ मारुति पूजन के लिए समर्पित है। शनिवार का दिन भगवान शनिदेव और हनुमान जी को समर्पित होता है, और जब इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे हनुमान जी का पूजन किया जाता है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस पूजन का संबंध न केवल आध्यात्मिक शांति से है, बल्कि यह जीवन के कई कष्टों और बाधाओं को दूर करने वाला भी माना जाता है।

आइए, इस दिन के महत्व और पूजन विधि को 10 प्रमुख बिंदुओं में समझते हैं:

शनि देव का आशीर्वाद: शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में शनिदेव का वास होता है। पीपल के नीचे हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी साढ़ेसाती, ढैया और अन्य अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। यह पूजन शनि दोष निवारण के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। 🌟

हनुमान जी की कृपा: हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। वे बल, बुद्धि और विद्या के देवता हैं। पीपल के नीचे उनकी पूजा करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे भय, रोग और बाधाएँ दूर होती हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। 💪

त्रिमूर्ति का वास: पौराणिक कथाओं के अनुसार, पीपल के वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने में विष्णु और अग्रभाग में शिव का वास होता है। इस प्रकार, पीपल का वृक्ष स्वयं में त्रिदेवों का प्रतीक है। पीपल के नीचे पूजन करने से इन तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाता है। 🙏

पितरों का आशीर्वाद: कुछ मान्यताओं के अनुसार, पीपल के वृक्ष पर पितरों का भी वास होता है। पीपल के नीचे दीपक जलाने और जल अर्पित करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे कुल में सुख-शांति बनी रहती है। 🌳

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: पीपल का वृक्ष अपनी ऊर्जावान प्रकृति के लिए जाना जाता है। इसके नीचे पूजन करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। यह मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है। 🧘�♀️

पूजन विधि: अश्वत्थ मारुति पूजन में पीपल के वृक्ष के नीचे हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है। उन्हें सिंदूर, चमेली का तेल, फूल, अक्षत और नैवेद्य (बूंदी के लड्डू या गुड़-चना) अर्पित किए जाते हैं। पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाया जाता है और उसके चारों ओर परिक्रमा की जाती है।  दीपक जलाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। 🕯�

ग्रह शांति: यह पूजन नवग्रहों को शांत करने में भी सहायक होता है, विशेषकर शनि, मंगल और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम करता है। जो लोग इन ग्रहों से पीड़ित होते हैं, उन्हें यह पूजन करने से लाभ मिलता है। 🪐

स्वास्थ्य लाभ: पीपल का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके नीचे बैठकर पूजा करने से वातावरण में शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह तनाव कम करने और मन को शांत रखने में मदद करता है। 🌿

उदाहरण: कई भक्त शनिवार के दिन पीपल के नीचे जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं। विशेष रूप से जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है, वे इस पूजन को नियमित रूप से करके राहत महसूस करते हैं। यह एक ऐसा पूजन है जिसे कोई भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से कर सकता है और लाभ प्राप्त कर सकता है। 🕊�

भक्ति और विश्वास: अंततः, किसी भी पूजन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भक्ति और विश्वास है। जब हम सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा के साथ अश्वत्थ मारुति पूजन करते हैं, तो हमें निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होते हैं। यह पूजन हमें प्रकृति और आध्यात्मिकता से जुड़ने का एक अनुपम अवसर प्रदान करता है। 💖

इमोजी सारांश
🙏🌟💪🌳🧘�♀️🕯�🪐🌿🕊�💖

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.08.2025-शनिवार.
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